Siddharthnagar Conversion Case: सिद्धार्थनगर ज़िले के इटवा स्थित अल फ़ारूक़ इंटर कॉलेज के प्रबंधक मौलाना शब्बीर अहमद को पुलिस ने धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश के आरोप में गिरफ्तार किया. इस बीच सपा के सीनियर नेता ने बड़ा खुलासा किया है.
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Siddharthnagar Conversion Case: उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर ज़िले के इटवा स्थित अल फ़ारूक़ इंटर कॉलेज के प्रबंधक मौलाना शब्बीर अहमद को धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश के आरोप में जेल भेज दिया गया. अब इस मामले को लेकर सूबे की सियासत गरमा गई है. इस मुद्दे पर समाजवादी पार्टी के सीनियर नेता और नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार और पुलिस प्रशासन पर संगीन इल्जाम लगाए हैं.
जिला मुख्यालय स्थित सपा कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में माता प्रसाद पांडेय ने मौलाना शब्बीर की गिरफ्तारी को पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित और राज्य सरकार के दबाव में की गई कार्रवाई बताया. उन्होंने कहा कि धर्मांतरण का आरोप लगाने वाला अखंड प्रताप सिंह नाम का एक शातिर व्यक्ति है, जिसने पहले अपने ही माता-पिता और भाइयों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था.
माता प्रसाद पांडेय ने कहा कि पूर्व सीओ इटवा की रिपोर्ट में साफ लिखा है कि अखंड प्रताप ने 2020 में इस्लाम धर्म कबूल कर लिया है, जिसके चलते उसके परिवार वालों ने उसे घर से निकाल दिया था. यहां तक कि उसके पिता ने भी बयान में कहा कि वह उनके परिवार को जान से मारने की धमकी भी देता है.
सपा नेता का संगीन इल्जाम
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मौलाना शब्बीर एक सम्मानित और आदरणीय व्यक्ति हैं, जिनका स्कूल सालों से चल रहा है. वहां दर्जनों हिंदू शिक्षक वर्तमान में पढ़ा रहे हैं और किसी ने भी धर्मांतरण के लिए दबाव डालने की बात नहीं कही है. सभी कर्मचारियों ने शपथ पत्र देकर इसकी पुष्टि की है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अखंड प्रताप ने आरटीआई के माध्यम से स्कूल से कुछ जानकारी मांगी और बाद में ब्लैकमेल करने की कोशिश की. जब वह इसमें सफल नहीं हुआ, तो उसने झूठे आरोप लगाकर मौलाना को फंसाने की कोशिश की.
पुलिस के कार्रवाई पर गंभीर सवाल
माता प्रसाद पाण्डेय ने इस कार्रवाई की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि एकतरफा कार्रवाई लोकतंत्र के खिलाफ है और इससे गंगा-जमुनी तहजीब को नुकसान पहुंच रहा है. उन्होंने मांग की कि पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच हो और निर्दोषों को न्याय मिले. उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि वह इस मुद्दे को विधानसभा में ज़ोरदार तरीके से उठाएंगे.