West Bank: इजराइली सेटलर्स ने सईद नाम के एक शख्स के पैर में गोली मार दी. रिपोर्ट के मुताबिक सईद अपनी जमीन बचाने की कोशिश कर रहा था. पिछले कुछ वक्त में इजराइली सेटलर्स के पास हथियार बढ़े हैं.
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West Bank: सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो में सईद नाम का एक शख्स इजराइली सेटलर से से भिड़ता नजर आ रहा है. इस शख्स ने इजराइली की बंदूक को पकड़ा हुआ है और पीछे चिल्लाने की आवाज़े आ रही हैं. वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.
अल जज़ीरा की रिपोर्ट के मुताबिक वीडियो में दिख रहे दाढ़ी वाले शख्स का नाम सईद अल उमूर है. जो सेटलर्स से अपनी जमीन को बचाने की कोशिश कर रहा है. जब वह ऐसा करने से इजराइली सेटलर को रोकता है तो वह उसके पैर में गोली मार देता है. गोली लगते ही उमर नीचे गिर जाते हैं.
मामला यहीं नहीं खत्म होता, थोड़ी देर में इजराइली सेना आती है और उमर के हाथों में हथकड़ी लगाकर अस्पताल ले जाती है. आप सोच सकते हैं, जो घायल हुआ, जो मर सकता था और जिसकी जमीन है, उसके अपराधियों की तरह हाथ में हथकड़ियां लगाकर ले जाया जाता है.
सईद जब अस्पताल में पहुंचे तो डॉक्टर ने उनकी कंडीशन को देखते हुए पैर काटना बेहतर समझा. सईद बताते हैं कि वह पैर काटने के अगले दिन ही अस्पताल से रिलीज हो गए. मुझे कैदियों की वैन में ले जाया गया. जिसमें मेरा पैर लगातार लोहे की जमीन से टकरा रहा था. इसके बाद मैंने अपने हाथ से उस कटे हुए पैर को सहारा दिया.
सईद ने बताया जिस शख्स ने उन पर हमला किया वह सिक्योरिटी कॉर्डिनेटर था. हमले के बाद वह पास में ही गैर कानूनी इजराइली सेटलमेंट में चला गया. ह्यूमन राइट्स ग्रुप का कहना है कि आरोपी शख्स के खिलाफ पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया है.
रिपोर्ट के मुताबिक, सेटलर्स के पास अब ज्यादा हथियार होने लगे हैं. जिनमें से हजारों इजराइली सेना की रिजर्व यूनिट में लिस्ट हुए हैं. इसके साथ ही सरकार ने सिविलयन के पास हथियारों की पहुंच को काफी आसान बना दिया है. स्थानीय लोगों का कहना है कि इन सेटलर्स का एक ही मकसद है कि वह कैसे ज्यादा से ज्यादा फिलिस्तीनी जमीनों पर कब्जा करें, और इसमें सरकार उनका पूरा साथ दे रही है.
इजरायली सेटलर्स वे नागरिक हैं जो इजरायल के कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्रों - खासतौर पर वेस्ट बैंक और पूर्वी यरुशलम - में आकर बस गए हैं. ये इलाके 1967 के जंग के बाद इजरायल के कंट्रोल में आ गए थे. अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार, इन बस्तियों को गैरकानूनी माना जाता है.