क्या ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम पर ब्रेक लगाने तुर्की पहुंचे हैं 3 पश्चिमी देश! जानें पूरा मामला
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क्या ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम पर ब्रेक लगाने तुर्की पहुंचे हैं 3 पश्चिमी देश! जानें पूरा मामला

Iran Nuclear Talks 2025: ईरान परमाणु बम न बना ले, इसके लिए अमेरिका दबाव बना रहा है. इस बीच यूरोप के तीन सबसे मजबूत देश फ्रांस, ब्रिटेन और जर्मनी तेहरान न्यूक्लियर प्रोग्राम को लेकर तुर्की में बातचीत कर रहे हैं. इन देशों का मानना है कि बातचीत के जरिए ईरान को परमाणु बम बनाने से रोका जा सकता है.

क्या ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम पर ब्रेक लगाने तुर्की पहुंचे हैं 3 पश्चिमी देश! जानें पूरा मामला

Iran Nuclear Talks 2025: ईरान परमाणु बम बनाने पर अमादा है. दूसरी ओर, पश्चिमी देश नहीं चाहते कि ईरान-पाकिस्तान जैसे परमाणु संपन्न मुस्लिम देश एक हो जाएं. पश्चिमी देशों का मानना है कि अगर ईरान परमाणु बम बना लेता है, तो मध्य पूर्व में अशांति का दौर शुरू हो जाएगा. पश्चिमी देश ईरान पर बातचीत के लिए दबाव बना रहे हैं ताकि तेहरान परमाणु बम न बना सके. इस बीच बड़ी खबर सामने आई है. ईरान और यूरोप के तीन प्रमुख देशों फ्रांस, ब्रिटेन और जर्मनी के बीच शुक्रवार को इस्तांबुल स्थित ईरानी वाणिज्य दूतावास में बातचीत शुरू हुई. इन तीनों देशों को ई-3 समूह कहा जाता है.

दरअसल, यह बातचीत ऐसे समय हो रही है, जब जून में ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिका और इजरायल द्वारा किए गए हमलों के बाद दोनों पक्ष पहली बार आमने-सामने चर्चा कर रहे हैं. जानकारी के अनुसार, शुक्रवार सुबह ईरानी प्रतिनिधिमंडल और ई-3 देशों के वरिष्ठ राजनयिक इस्तांबुल पहुंचे. इस वार्ता का उद्देश्य यह जानना है कि क्या तेहरान पश्चिमी प्रतिबंधों से बचने के लिए किसी समझौते के लिए तैयार है.

ईरान ने पहले ही कर दिया है स्टैंड क्लियर
बातचीत शुरू होने से पहले ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराकची ने स्पष्ट किया कि ईरान की स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है. उन्होंने एक वीडियो संदेश में कहा, “हम यूरेनियम संवर्धन जारी रखेंगे. यह ईरानी जनता का अधिकार है और हम इससे पीछे नहीं हटेंगे.” अराकची ने आगे कहा, “आज की बातचीत पिछले संवादों का ही हिस्सा है और दुनिया को यह समझ लेना चाहिए कि हमारा रुख स्पष्ट और अडिग है.”

इजरायल ने किया था हमला
गौरतलब है कि बीते महीने अमेरिका और इजरायल द्वारा ईरान के कुछ परमाणु ठिकानों पर हमले किए गए थे, जिसके बाद क्षेत्र में तनाव और बढ़ गया है. अब इस बातचीत को परमाणु कार्यक्रम को लेकर बढ़ते गतिरोध को सुलझाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है. इजरायल और ईरान के बीच कई दिनों तक हमलों का दौर जारी रहा था, जिससे दोनों देशों के इंफ्रास्ट्रक्चर को काफी नुकसान भी पहुंचा था.

अमेरिका के राष्ट्रपति ने दिया है चेतावनी
इसके साथ ही, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चेतावनी दे चुके हैं कि अगर ईरान ने अपने न्यूक्लियर प्रोग्राम को फिर से आगे बढ़ाया, तो अमेरिका ज्यादा कुछ सोचे बिना ईरान पर फिर से बमबारी करेगा. इजरायल-ईरान युद्ध से पहले तेहरान और वाशिंगटन के बीच ओमान की मध्यस्थता में पांच दौर की परमाणु वार्ता हुई थी. इस दौरान ईरान में यूरेनियम एनरिचमेंट जैसे मोर्चे पर असहमति बनी रही.

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