Muslim Country: दुनिया में एक ऐसा मुस्लिम देश भी है जहाँ, तलाकशुदा महिलाओं का बाजार लगता है. खास बात यह है कि यहां तलाक होने पर जश्न मनाया जाता है और इसे एक नई ज़िंदगी की शुरुआत के तौर पर देखा जाता है. मॉरिटानिया में एक तिहाई महिलाएं तलाक ले लेती हैं, जिनसे शादी के लिए पुरुषों में होड़ लग जाती है.
Trending Photos
Muslim Country: आज हम आपको एक ऐसे मुस्लिम देश के बारे में बताने वाले हैं, जहां तलाक को एक अभिषाप नहीं माना जाता है. औरतें तलाक होने के बाद एक बाजार में अपना कारोबार करती हैं. खास बात यह है कि तलाक होने के बाद इन औरतों के कुंवारी लड़कियो से ज्यादा रिश्ते आने लगते हैं. इस देश की महिलाओं का कहना है कि तलाक होने पर वह और ज्यादा इकॉनोमिक स्टेबल हो जाती हैं.
हम जिस मुस्लिम देश के बारे में बात कर रहे हैं उसका नाम मॉरिटानिया है. सहारा के रेगिस्तान में बसा मॉरिटानिया एक ऐसा अफ्रीकी देश है जहां तलाक को लेकर दुनिया से बिल्कुल अलग सोच और परंपराएं देखने को मिलती हैं. यहां तलाक होने पर महिलाओं के लिए एक उत्सव की तरह मनाया जाता है. जब एक महिला तलाक लेती है, तो उसके लिए खास पार्टी का आयोजन होता है और साथ ही लोगों को दावत पर बुलाया जाता है.
मॉरिटानिया के समाज में तलाक होने के बाद शादीशुदा महिलाओं की एक मार्किट लगती है. यह कोई परंपरागत बाजार नहीं, बल्कि एक ऐसी सामाजिक स्थिति है जहां तलाकशुदा महिलाएं दोबारा अपना सामाजिक दर्जा स्थापित करती हैं और उन्हें दोबारा शादी के लिए काबिल माना जाता है.
यहां लगभग एक तिहाई शादियां टूट जाती हैं, लेकिन इसे किसी कलंक के तौर पर नहीं देखा जाता है., इसके उलट, तलाक के बाद महिलाएं अपनी आज़ादी का उत्सव मनाती हैं. तलाक पार्टियों में महिलाएं परिवार और दोस्तों के साथ शामिल होती हैं, जहां वे अपने नए जिंदगी की शुरुआत के लिए जश्न मनाती हैं.
यहां महिलाओं की शादीशुदा जिंदगी को भी एक करियर के रूप में देखा जाता है. कई महिलाएं अपने जिंदगी में कई बार शादी करती हैं. दिलचस्प बात यह है कि जिन महिलाओं की पहले शादी हो चुकी होती है उनके ज्यादा रिश्ते आते हैं, क्योंकि उन्हें ज्यादा समझदार माना जाता है.
मॉरिटानिया में विवाह और तलाक इस्लामी कानून के अनुसार होते हैं. इसमें 'खुला' नाम प्रावधान है, जिसके तहत पत्नी अपने पति को मेहर लौटा कर तलाक मांग सकती है. यह कानून महिलाओं को तलाक के मामले में विशेष अधिकार देता है, जो मुस्लिम बहुल देशों में अक्सर नहीं मिलता.
हालांकि तलाक लेने से कुछ नेगेटिव असर भी पड़ते हैं. अधिक तलाक की दर बच्चों और पारिवारिक स्थिरता पर असर डाल सकती है, आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर न होने वाली महिलाओं को चुनौतियों का सामना करना पड़ता है.
मुस्लिम समाज की ऐसी ही खबरों के लिए विजिट करें https://zeenews.india.com/hindi/zeesalaam