ब्राजील में चुनी हुई सरकार का तख्तापलट कराना चाहते हैं ट्रंप? आरोपों की वजह भी जानिए
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ब्राजील में चुनी हुई सरकार का तख्तापलट कराना चाहते हैं ट्रंप? आरोपों की वजह भी जानिए

DNA में अब हम ब्रिक्स देश के अहम सदस्य ब्राजील के अमेरिका पर लगाए गए बेहद गंभीर आरोपों का विश्लेषण करेंगे. अमेरिका पर ब्राज़ील के राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा ने तख्तापलट की कोशिश का आरोप लगाया है.

ब्राजील में चुनी हुई सरकार का तख्तापलट कराना चाहते हैं ट्रंप? आरोपों की वजह भी जानिए

ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा ने अमेरिका पर तख्तापलट की कोशिश का आरोप लगाया है. आरोप लगाने वाले लूला डा सिल्वा ने ये तो नहीं बताया कि आखिर तख्तापलट की कोशिश कब और कैसे की गई थी. लेकिन समझा जा रहा है कि वो दक्षिण अमेरिकी देश ब्राज़ील में वर्ष 2022 में हुए चुनावों की बात करना चाहते थे, जिसमें उन्हें जीत हासिल हुई थी और तत्कालीन राष्ट्रपति बोल्सोनारो की हार हुई थी. बोल्सोनारो पर आरोप है कि उन्होंने चुनाव हारने के बाद सत्ता नहीं छोड़ने की योजना बनाई थी. जांच में खुलासा हुआ है कि बोल्सोनारो और उनके सहयोगियों ने ब्राज़ील की सेना से संपर्क करके तख्तापलट की योजना बनाई थी. ताकि राष्ट्रपति लूला को राष्ट्रपति की कुर्सी पर बैठने से रोका जा सके. लूला डा सिल्वा के आरोपों के निशाने पर अमेरिका क्यों है, विस्तार से बताते हैं.

चुनाव में धांधली!

जिस वक्त ये घटना हुई तब अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन थे. लेकिन लूला डा सिल्वा ने तख्तापलट के जो आरोप लगाए हैं. उसका निशाना डोनाल्ड ट्रंप को माना जा रहा है. क्योंकि ब्राज़ील के पूर्व राष्ट्रपति बोल्सोनारो ने 2022 के चुनाव में जिस तरह इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग सिस्टम पर सवाल उठाते हुए धांधली के आरोप लगाए थे. बिल्कुल उसी रणनीति का इस्तेमाल डोनाल्ड ट्रंप में 2020 में राष्ट्रपति चुनाव में मिली हार के बाद किया था. ट्रंप पर भी 2020 में ये आरोप लगे थे कि उन्होंने अपने झूठे दावों के जरिए अपने समर्थकों को भड़काने की कोशिश की थी, जिसके बाद अमेरिकी संसद कैपिटल हिल पर उनके समर्थकों ने हमला कर दिया था.

अमेरिका और ब्राज़ील के बीच ट्रेड वॉर 

अमेरिका पर तख्तापलट कराने का आरोप ऐसे वक्त में आया, जब अमेरिका और ब्राज़ील के बीच ट्रेड वॉर चल रहा है. ट्रंप ब्राजील से आयात पर 50 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान कर चुके हैं. भारी टैरिफ की वजह, बोल्सोनारो के खिलाफ चल रहे मुकदमों को बताया जा रहा है. ट्रंप बोल्सोनारो के मुकदमे को सुनने वाले जज पर भी प्रतिबंध लगा चुके हैं. इसलिए लूला को शायद ये लग रहा है कि ट्रंप की कोशिश फिर से तख्तापलट की हो सकती है, लेकिन इस बार जो हथियार चुना गया है वो बोल्सोनारो नहीं बल्कि टैरिफ है.

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श्वेतांक रत्नाम्बर

जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली से जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन की पढ़ाई और पॉलिटिकल साइंस में भी ग्रेजुएशन. 21 साल से पत्रकारिता में सक्रिय. राजनीतिक खबरों से ख़ास लगाव. फिलहाल ज़ी न्यूज (...और पढ़ें

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