दुर्बल को न सताइये... डोनाल्ड ट्रंप किसका 'परिवार' तोड़ रहे? कलेजा चीर देने वाली खबर
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दुर्बल को न सताइये... डोनाल्ड ट्रंप किसका 'परिवार' तोड़ रहे? कलेजा चीर देने वाली खबर

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बारे में नई जानकारी ये है कि वो आजकल अमेरिका में परिवारों को तोड़ने में लगे हैं. ट्रंप अब अमानवीय फैसले लेने में भी नहीं हिचक रहे. ट्रंप अमेरिका में मां से बच्चों को छीन रहे हैं.

दुर्बल को न सताइये... डोनाल्ड ट्रंप किसका 'परिवार' तोड़ रहे? कलेजा चीर देने वाली खबर

US Migration Policy: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बारे में नई जानकारी ये है कि वो आजकल अमेरिका में परिवारों को तोड़ने में लगे हैं. ट्रंप अब अमानवीय फैसले लेने में भी नहीं हिचक रहे. ट्रंप अमेरिका में मां से बच्चों को छीन रहे हैं. बच्चों को उनके पिता के साये से दूर कर रहे हैं और ये सब हो रहा है प्रवासियों के साथ. दिल दहला देने वाला ये वीडियो आपको याद होगा. जब ट्रंप ने सत्ता में आने के बाद बड़ी संख्या में विदेशी लोगों को अमेरिका से बाहर कर दिया था. उनमें काफी भारतीय भी थे. ऐसा करते हुए जिस तरह से प्रवासियों के साथ व्यवहार हुआ था. वो भी आपको याद होगा, कई देशों के नागरिक जंजीरों में जकड़कर जबरन डिपोर्ट किए गए. लेकिन अब ट्रंप उस हद से भी आगे निकल गए हैं ट्रंप अब प्रवासियों पर दबाव डालने के लिए नई रणनीति लेकर आए हैं.

 'फेमिली सेपरेसन पॉलिसी' का एक्सटेंशन

शरण मांगने वाले मातापिता को निर्वासन आदेश मानने या अपने बच्चों से अलग होने के दो विकल्प दिए जा रहे हैं. मित्रों आपको जानना चाहिए कि दरअसल यह नीति ट्रंप के पहले कार्यकाल की बदनाम 'फेमिली सेपरेसन नीति' का ही एक्सटेंशन है. इस नीति के टारगेट पर वैसे प्रवासी हैं जो निर्वासन आदेश झेल रहे हैं. ऐसे नागरिकों के लिए ट्रंप के अधिकारियों का कहना है...कि पूरे परिवार के साथ देश छोड़ दें या बच्चों से अलग रहना कबूल करें

केस स्टडी

ऐसे ही एक केस में एक भारतीय दंपति ने अमेरिका में शरण मांगी थी उसके तीन बच्चे हैं. जब उन्होंने कमर्शियल फ्लाइट से लौटने से इनकार कर दिया, तो इसे ट्रंप के फॉर्मूले के मुताबिक कानूनी आदेश का उल्लंघन मान लिया गया. बस इतनी सी बात के लिए भारतीय दंपति को उसके बच्चों से अलग कर दिया गया. माता-पिता बच्चों को छोड़कर भारत लौटने पर मजबूर हुए. अब उनके बच्चों को भारत भेजने की कानूनी

प्रक्रिया चल रही है. मित्रों ऐसे कई और मामले सामने आए हैं, जिनमें अलग-अलग देशों के प्रवासियों के बच्चों को उनके पेरेंट्स से जुदा कर दिया गया. कुछ मामलों में तो बच्चों को अनाथालय तक भेज दिया गया.

फेमिली सेपरेशन पॉलिली क्या थी?

ट्रंप की इसी क्रूरता का परिणाम है कि 50 साल में अमेरिका में वह हो रहा है, जो कभी नहीं हुआ. अमेरिका आने वाले लोगों से अधिक संख्या अमेरिका छोड़ने वालों की हो गई है. खुद ट्रंप प्रशासन ने पिछले दिनों इस बात के लिए अपनी पीठ थपथपाई कि 2025 अमेरिका के इतिहास में पहला ऐसा साल हो सकता है. जब देश में निगेटिव नेट माइग्रेशन दर्ज किया जाएगा.

मित्रों अब आपको ये जानना चाहिए कि ट्रंप के पहले कार्यकाल वाली 'फेमिली सेपरेशन नीति' क्या थी? 2018 में आई इस नीति के तहत अगर कोई भी अमेरिका में अवैध तरीके से प्रवेश करता है तो यह क्रिमिनल एक्टिविटी है. इस अपराध के लिए एडल्ट्स को डिटेंशन सेंटर में और उनके बच्चों को उनसे अलग करने का नियम बना.

2018 में आई इस नीति के चलते 5 हजार 500 से अधिक बच्चों को उनके पेरेंट्स से अलग कर दिया गया. इनमें से कई बच्चे तो कुछ महीनों के ही थे. लेकिन तभी दुनियाभ में ट्रंप की इस नीति का विरोध होने लगा. खुद अमेरिका में भी सवाल उठे. इसे मानवाधिकारों का उल्लंघन माना गया. अमेरिकी लोग विरोध में सड़कों पर उतरने लगे. तो आखिरकार ट्रंप को अपनी नीति वापस लेनी पड़ी. फिर बाइडेन प्रशासन ने 2021 में फेमिली री-यूनियन टास्क फोर्स भी बनाया. लेकिन कई बच्चे अब तक अपने परिवार से नहीं मिल पाए कई बच्चे ऐसे भी हैं जो परिवार से अलग रहकर अवसाद में चले गए हैं.

मित्रों ट्रंप की मंशा बिल्कुल साफ है, ज्यादा से ज्यादा विदेशी नागरिकों को अमेरिका से बाहर निकालना और इसके लिए अब वह बच्चों को परिवार से अलग करने के जिस मनोवैज्ञानिक और अमानवीय हथियार का इस्तेमाल कर रहे हैं. उससे मुमकिन है कि उन्हें फिर ऐसी फजीहत झेलनी पड़े, जैसा उन्हें पहले कार्यकाल में झेलना पड़ा था. हालांकि ट्रंप जिस तरह से 'मिस्टर रोल बैक' बन चुके हैं, उसे देखते हुए उन्हें फर्क भी क्या पड़ता है.

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श्वेतांक रत्नाम्बर

जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली से जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन की पढ़ाई और पॉलिटिकल साइंस में भी ग्रेजुएशन. 21 साल से पत्रकारिता में सक्रिय. राजनीतिक खबरों से ख़ास लगाव. फिलहाल ज़ी न्यूज (...और पढ़ें

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