रिलायंस पावर और इंफ्रा की मजबूती बरकरार! 24,000 करोड़ की जांच के बावजूद कारोबार पर कोई असर नहीं
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रिलायंस पावर और इंफ्रा की मजबूती बरकरार! 24,000 करोड़ की जांच के बावजूद कारोबार पर कोई असर नहीं

देश की नामचीन कारोबारी अनिल अंबानी एक बार ईडी की रडार पर हैं. 24 हजार करोड़ रुपये की कथित मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत रिलायंस ग्रुप की कंपनियां रिलायंस पावर और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के अलग-अलग ठिकानों पर हुई छापेमारी अब खत्म हो गई है.

रिलायंस पावर और इंफ्रा की मजबूती बरकरार! 24,000 करोड़ की जांच के बावजूद कारोबार पर कोई असर नहीं

24 हजार करोड़ रुपये की कथित मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत रिलायंस ग्रुप की कंपनियों रिलायंस पावर (Reliance Power) और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर (Reliance Infra) के विभिन्न ठिकानों पर हुई छापेमारी अब खत्म हो गई है. कंपनियों ने इस पर आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा है कि उन्होंने जांच एजेंसी के साथ पूरा सहयोग किया है और आगे भी करते रहेंगे.

दरआसल, प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुवार को अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप (ADAG) से जुड़ी कंपनियों के खिलाफ एक बड़े लेवल पर छापेमारी की थी. जांच का केंद्र 24 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के मनी लॉन्ड्रिंग मामले थे, जिनमें कथित तौर पर कुछ कंपनियों ने बैंक लोन का दुरुपयोग कर फंड्स को डायवर्ट किया था. यह कार्रवाई देशभर में 35 ठिकानों पर हुई थी और इसमें 50 से ज्यादा कंपनियों और 25 से ज्यादा लोगों के नाम सामने आए हैं.

कंपनियों ने क्या कहा?
रविवार को रिलायंस पावर और रिलायंस इंफ्रा ने संयुक्त रूप से एक बयान जारी कर बताया कि ईडी की कार्रवाई अब समाप्त हो चुकी है और उनकी ओर से पूर्ण सहयोग दिया गया है. कंपनियों ने स्पष्ट किया कि यह छापेमारी उनके बिजनेस, फाइनेंशियल परफॉर्मेंस, शेयरहोल्डर्स, कर्मचारियों या अन्य किसी स्टेकहोल्डर पर कोई असर नहीं डालेगी. साथ ही, उन्होंने कहा कि जिन ट्रांजेक्शंस की जांच हो रही है, वे रिलायंस कम्युनिकेशन (RCOM) और रिलायंस होम फाइनेंस (RHFL) से संबंधित हैं, जिनका रिलायंस पावर या इंफ्रा से कोई सीधा संबंध नहीं है.

क्या अनिल अंबानी का नाम है शामिल?
कंपनियों ने यह भी कहा कि अनिल डी. अंबानी वर्तमान में किसी भी ADAG कंपनी के बोर्ड में नहीं हैं. उन्होंने 2019 में दिवालिया हो चुकी RCOM के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया था. इसलिए RCOM या RHFL पर कोई भी कार्रवाई रिलायंस पावर या इंफ्रा के मैनेजमेंट या ऑपरेशन्स पर असर नहीं डालती.

जांच में क्या आरोप हैं?
ईडी की जांच के अनुसार, 2017 से 2019 के बीच करीब 3000 करोड़ रुपये के बैंक लोन कथित रूप से डायवर्ट किए गए. इन लोन में यस बैंक, केनरा बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा रिलायंस ग्रुप की कंपनियों को दिए गए लोन शामिल हैं. इसके साथ ही, रिलायंस म्यूचुअल फंड द्वारा यस बैंक के बॉन्ड्स में ₹2,850 करोड़ का निवेश भी संदेह के घेरे में है. जांच एजेंसी का दावा है कि लोन डिसबर्स होने से ठीक पहले कुछ रकम यस बैंक के प्रमोटरों से जुड़ी कंपनियों में ट्रांसफर की गई, जिससे संभावित रिश्वतखोरी का संकेत मिलता है.

आगे क्या?
ईडी की इस छापेमारी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. जहां कंपनियों ने खुद को अलग बताकर सफाई दे दी है, वहीं जांच एजेंसियां अब भी वित्तीय लेन-देन की बारीक पड़ताल में जुटी हैं. अनिल अंबानी पर पहले से ही दिवालियापन की कार्यवाही चल रही है और यह नया मामला उनकी मुश्किलें और बढ़ा सकता है.

F&Q

प्रश्न- अनिल अंबानी कौन हैं?
जवाब-
अनिल अंबानी एक भारतीय उद्योगपति हैं, जो रिलायंस ग्रुप (रिलायंस एडीए ग्रुप) के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर हैं. वे धीरूभाई अंबानी के छोटे बेटे हैं.

प्रश्न- अनिल अंबानी की नेट वर्थ क्या है?
जवाब- जून 2025 तक अनिल अंबानी की नेट वर्थ लगभग 3 बिलियन डॉलर (करीब 25,000 करोड़ रुपये) अनुमानित है, हालांकि पहले वे दिवालियापन के दौर से गुजरे थे.

प्रश्न- अनिल अंबानी की शादी किससे हुई?
जवाब- अनिल अंबानी की शादी अभिनेत्री टीना मुनीम से 1991 में हुई, और उनके दो बेटे जय अनमोल और जय अंशुल हैं.

प्रश्न- अनिल अंबानी पर क्या कानूनी कार्रवाई हुई?
जवाब- सेबी ने अनिल अंबानी पर 25 करोड़ रुपये का जुर्माना और 5 साल का बाजार से बैन लगाया है, साथ ही ईडी ने 3,000 करोड़ रुपये के फ्रॉड मामले की जांच शुरू की है.

प्रश्न- अनिल अंबानी की उम्र कितनी है?
जवाब- अनिल अंबानी 66 वर्ष के हैं.

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