संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर बहस के दौरान केंद्रीय विदेश मंत्री ने एक बार फिर पाकिस्तान की पोल खोल दी है. उन्होंने बताया कि किस तरह भारत ने पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बेनकाब किया.
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S Jaishankar on Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में चर्चा के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान की पोल खोलते हुए कहा कि सीजफायर के दौरान किसी ने बिचोलिये का किरदार अदा नहीं किया था. पाकिस्तान ने भारत के आगे जंगबंदी की गुहार लगाई थी. विदेश मंत्री ने कहा,'22 अप्रैल से 17 जून तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच कोई बातचीत नहीं हुई.' उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका के साथ किसी भी बातचीत में, किसी भी स्तर पर, व्यापार और जो कुछ चल रहा था, उससे कोई संबंध नहीं था.
जयशंकर ने यह भी कहा कि भारत ने पाकिस्तान के जरिए आतंकवाद को लंबे समय से दिए जा रहे समर्थन को दुनिया के सामने लाकर रख दिया है. उन्होंने कहा कि नई दिल्ली ने न सिर्फ इस्लामाबाद के परेशान करने वाले इतिहास को उजागर किया है, बल्कि दुनिया के सामने उसका असली चेहरा भी उजागर करने में सफल रहा है. जयशंकर ने कहा,'हमारी कूटनीति का फोकस इस समय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UN Security Council) थी. हमारे लिए चुनौती ये थी कि उस वक्त पाकिस्तान सुरक्षा परिषद का सदस्य था और हम नहीं थे. हमारे दो मकसद थे:
सुरक्षा परिषद से इस बात की पुष्टि करवाना कि आतंकवादी हमले के लिए जिम्मेदार लोगों की जवाबदेही तय होनी चाहिए.
जिन लोगों ने ये हमला किया, उन्हें सजा दिलवाना.
मैं यह कहकर संतुष्ट हूं कि 25 अप्रैल को सुरक्षा परिषद ने जो बयान जारी किया, उसमें उन्होंने इस आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की. उन्होंने माना कि आतंकवाद किसी भी रूप में हो, वो अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है. सबसे अहम बात यह है कि सुरक्षा परिषद ने साफ कहा कि इस घिनौने आतंकी हमले को अंजाम देने वालों, उसे संगठित करने वालों, फंड देने वालों और समर्थन करने वालों को जवाबदेह ठहराया जाए और न्याय के कठघरे में लाया जाए.'
#WATCH | Speaking on Operation Sindoor in the House, EAM Dr S Jaishankar says, "The focus for our diplomacy was the UN Security Council. The challenge for us was that at this particular point, Pakistan is a member of the Security Council and we are not... Our goals in the… pic.twitter.com/6F7W6Ssxjk
— ANI (@ANI) July 28, 2025
जयशंकर ने आगे कहा,'पहलगाम हमले के बाद एक स्पष्ट, मजबूत और दृढ़ संदेश देना ज़रूरी था. हमारी लाल रेखाएं पार हो चुकी थीं और हमें यह स्पष्ट करना था कि इसके गंभीर परिणाम होंगे. पहला कदम जो उठाया गया वह था 23 अप्रैल को सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक.
1. 1960 की सिंधु जल संधि तत्काल प्रभाव से तब तक स्थगित रहेगी जब तक कि पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को अपना समर्थन विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से त्याग नहीं देता.
2. एकीकृत चेक पोस्ट अटारी को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया जाएगा.
3. एसएआरसी वीज़ा छूट योजना के तहत यात्रा कर रहे पाकिस्तानी नागरिकों को अब ऐसा करने की अनुमति नहीं होगी.
4. पाकिस्तानी उच्चायोग के रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को अवांछित व्यक्ति घोषित किया जाएगा.
5. उच्चायोग की कुल संख्या 55 से घटाकर 30 कर दी जाएगी.