हर महीने सिर्फ 5000 रुपये की SIP से करोड़पति बनना सुनने में किसी सपने जैसा लगता है, लेकिन सही प्लानिंग और धैर्य से यह सपना हकीकत में बदल सकता है. म्यूचुअल फंड के जरिए की गई छोटी-छोटी बचतें समय के साथ कंपाउंडिंग के जादू से करोड़ों में बदल सकती हैं.
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हर महीने सिर्फ 5000 रुपये की SIP से करोड़पति बनना सुनने में किसी सपने जैसा लगता है, लेकिन सही प्लानिंग और धैर्य से यह सपना हकीकत में बदल सकता है. म्यूचुअल फंड के जरिए की गई छोटी-छोटी बचतें समय के साथ कंपाउंडिंग के जादू से करोड़ों में बदल सकती हैं. लेकिन इसमें सबसे अहम है सही फंड का चुनाव, इन्वेस्टमेंट की अवधि और लगातार इन्वेस्टमेंट करने की आदत.
फाइनेंशियल एक्सपर्ट के अनुसार, रेगुलर इन्वेस्टमेंट और कंपाउंडिंग इंटरेस्ट की शक्ति के जरिए यह टारगेट हासिल करना संभव है. आइए, जानते हैं कि 5000 रुपये की मासिक SIP से करोड़पति बनने में कितना समय लगेगा और इसके पीछे का पूरा गणित क्या है.
समय और रिटर्न का गणित
फाइनेंशियल एडवाइजर के मुताबिक, अगर आप 12% सालाना रिटर्न की उम्मीद रखते हैं, तो 5000 रुपये की मासिक SIP से आप 27 साल में लगभग ₹1.08 करोड़ का फंड जुटा सकते हैं. यह गणना कंपाउंडिंग इंटरेस्ट के सिद्धांत पर आधारित है, जिसमें आपका इन्वेस्टमेंट समय के साथ बढ़ता जाता है. उदाहरण के लिए, 27 साल में आपका कुल इन्वेस्टमेंट 16.20 लाख रुपये होगा और बाकी राशि (₹91.80 लाख) रिटर्न से आएगी. अगर आप 15% रिटर्न हासिल कर पाते हैं, तो यह समय घटकर 23 साल रह सकता है.
स्टेप-अप SIP का फायदा
एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि महंगाई से निपटने और रिटर्न को तेज करने के लिए स्टेप-अप SIP का इस्तेमाल करें. इसमें हर साल अपनी इन्वेस्टमेंट राशि को 10% बढ़ाया जा सकता है. अगर आप 5000 रुपये से शुरू करते हैं और हर साल 10% की वृद्धि करते हैं, तो 12% रिटर्न पर 21 साल में 1.16 करोड़ रुपये तक पहुंच सकते हैं. यह स्ट्रैटेजी आय वृद्धि के साथ इन्वेस्टमेंट को बैलेंस करती है और आपके टारगेट को जल्द हासिल करने में मदद करती है.
शुरुआती उम्र का महत्व
जितनी जल्दी आप इन्वेस्टमेंट शुरू करेंगे, उतना बेहतर होगा. अगर आप 25 साल की उम्र में शुरू करते हैं, तो 50-52 साल की उम्र तक 1 करोड़ का फंड तैयार हो सकता है. देर से शुरू करने पर समय बढ़ सकता है, इसलिए एक्सपर्ट 20-30 साल की उम्र में इन्वेस्टमेंट शुरू करने की सलाह देते हैं.
सावधानियां और सुझाव
हालांकि, बाजार में उतार-चढ़ाव का असर पड़ सकता है, इसलिए एक्सपर्ट डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो (इक्विटी, डेट फंड) में इन्वेस्टमेंट करने की सलाह देते हैं. साथ ही, हर साल अपने टारगेट और बाजार की स्थिति की समीक्षा करें. किसी सर्टिफाइड फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लेना भी जरूरी है, ताकि जोखिम को कम किया जा सके.
Disclaimer: ज़ी न्यूज किसी भी तरह के निवेश की सलाह नहीं देता है. निवेश से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से जरूर सलाह लें.