Medical Shop Requirements: आपको या तो खुद सही डिग्री लेनी होगी या किसी योग्य पार्टनर को साथ रखना होगा. साथ ही, सरकार के नियमों का पालन, सही लाइसेंस और दवाओं के सुरक्षित स्टोरेज का ध्यान रखना बेहद जरूरी है.
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How to open Medical store: आजकल छोटे कस्बों से लेकर बड़े शहरों तक मेडिकल स्टोर हमारी जिंदगी का जरूरी हिस्सा बन चुके हैं. बढ़ती आबादी, लोगों में सेहत के प्रति जागरूकता और बदलते लाइफस्टाइल के कारण दवाओं की मांग लगातार बढ़ रही है. इसी वजह से दवा की दुकान का बिजनेस भरोसेमंद और कमाई वाला माना जाता है. लेकिन, इसे कोई भी सिर्फ पैसे के दम पर नहीं खोल सकता. मेडिकल स्टोर खोलने के लिए सरकार ने कुछ सख्त नियम बनाए हैं, जिन्हें हर हाल में पूरा करना जरूरी है.
मेडिकल स्टोर खोलना किराने की दुकान जैसा नहीं
दवा का काम लोगों की सेहत से जुड़ा होता है, इसलिए इसमें गलती की कोई गुंजाइश नहीं है. सरकार चाहती है कि जो भी मेडिकल स्टोर खोले, वह दवाओं के बारे में सही जानकारी रखे और जिम्मेदारी से काम करे. सिर्फ पैसे होने से आप मेडिकल स्टोर नहीं खोल सकते. इसके लिए जरूरी डिग्री, लाइसेंस और एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट का होना जरूरी है.
फार्मेसी की डिग्री जरूरी
मेडिकल स्टोर खोलने के लिए न्यूनतम योग्यता डिप्लोमा इन फार्मेसी (D. Pharm) या बैचलर इन फार्मेसी (B. Pharm) होनी चाहिए, और ये डिग्री फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया (PCI) से मान्यता प्राप्त कॉलेज से होनी चाहिए. बिना डिग्री के आपको ड्रग लाइसेंस नहीं मिलेगा.
अगर आपके पास यह डिग्री नहीं है, तब भी आप मेडिकल स्टोर चला सकते हैं, लेकिन इसके लिए आपको एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट को नौकरी पर रखना होगा. ध्यान रहे, यह कोई चालाकी करने का तरीका नहीं है, वह फार्मासिस्ट पूरे वर्किंग टाइम में दुकान पर मौजूद होना चाहिए और उसका नाम स्टेट फार्मेसी काउंसिल में रजिस्टर्ड होना जरूरी है.
कितनी लगेगी लागत?
मेडिकल स्टोर खोलने की लागत जगह, दुकान के आकार और बिजनेस के प्रकार पर निर्भर करती है.
छोटे कस्बों या अर्ध-शहरी इलाकों में 100–200 स्क्वायर फीट की दुकान खोलने में लगभग 3 से 5 लाख रुपये का खर्च आता है. इसमें किराया, दुकान की सजावट, एसी, फ्रिज, कंप्यूटर व बिलिंग सॉफ़्टवेयर और शुरुआती दवाओं का स्टॉक शामिल है.
बड़े शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, गुरुग्राम में यह लागत काफी बढ़ सकती है. यहां ब्रांडेड फार्मेसी खोलने के लिए 8 से 15 लाख रुपये या उससे ज़्यादा की जरूरत होती है.
हर महीने का किराया, बिजली, स्टाफ की सैलरी और विज्ञापन जैसे खर्चे भी इसमें जोड़ने होंगे.
कुछ लोग अपोलो फार्मेसी, मेडप्लस, नेटमेड्स जैसी फ्रेंचाइजी भी लेते हैं, जिसमें आपको सप्लाई चेन सपोर्ट और ब्रांड की पहचान मिलती है, लेकिन इसके लिए फ्रेंचाइजी फीस और मुनाफे में हिस्सा देना पड़ता है.
एक लाइसेंस, एक दुकान
दवा बेचने के लिए मिलने वाला ड्रग लाइसेंस सिर्फ एक दुकान के लिए मान्य होता है. अगर आप दूसरी दुकान खोलना चाहते हैं, तो हर नई दुकान के लिए अलग लाइसेंस और रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट जरूरी है.
एक लाइसेंस पर कई दुकानें चलाना गैरकानूनी है. अगर ऐसा करते पकड़े गए, तो भारी जुर्माना लग सकता है और लाइसेंस भी रद्द हो सकता है.
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जिम्मेदारी और नियमों का पालन
मेडिकल स्टोर एक स्थिर और सम्मानजनक बिजनेस है, लेकिन इसके साथ बड़ी जिम्मेदारी भी आती है. आपको या तो खुद सही डिग्री लेनी होगी या किसी योग्य पार्टनर को साथ रखना होगा. साथ ही, सरकार के नियमों का पालन, सही लाइसेंस और दवाओं के सुरक्षित स्टोरेज का ध्यान रखना बेहद जरूरी है.
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