Success Story: मां चलाती है किराना दुकान, बेटे ने 3 बार क्रैक किया UPSC, ऐसे IAS बन पिता के सपने को किया पूरा
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Success Story: मां चलाती है किराना दुकान, बेटे ने 3 बार क्रैक किया UPSC, ऐसे IAS बन पिता के सपने को किया पूरा

IAS Sandeep Success Story: बिहार के गया जिले के रहने वाले संदीप कुमार ने यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा लगातार 3 बार क्रैक किया, जिनकी मां किराना दुकान चलाती है और पिता का देहांत हो गया है. 

 

Success Story: मां चलाती है किराना दुकान, बेटे ने 3 बार क्रैक किया UPSC, ऐसे IAS बन पिता के सपने को किया पूरा

IAS Sandeep Kumar UPSC Success Story: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) एक राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा है. जिसे क्रैक करना काफी मुश्किल होता है. हर साल लाखों की संख्या में कैंडिडेट्स इसे क्रैक करने का प्रयास करते हैं, लेकिन कुछ ही सफल हो पाते हैं. यूपीएससी में सफलता हासिल करने वाले हर एक कैंडिडेट की अपनी कहानी और जर्नी होती है, लेकिन कुछ उम्मीदवारों की सफलता की कहानी लोगों के लिए एक मिसाल बन जाती है. चलिए हम आपको एक ऐसे ही यूपीएससी कैंडडिट और उनकी प्रेरणादायक जर्नी के बारे में बताते हैं. 

IAS संदीप कुमार
हम बात कर रहे हैं आईएएस संदीप कुमार की, जो मूल रूप से बिहार के गया जिले के एक छोटे से गांव के रहने वाले हैं. संदीप एक गरीब परिवार से आते हैं. जिस कारण उनके पास शुरू से ही संसाधनों की कमी रही, लेकिन परिवार पर दुखों का पहाड़ उस दिन टूट पड़ा, जिस दिन उनके पिता शंभू कुमार और दादा जी का एक ही दिन देहांत हो गया. साल 2017 में संदीप के पिता और दादा जी का एक ही दिन में निधन हो गया. जिसके बाद उनकी मां रेणु देवी ने एक छोटा सा किराना का दुकान चलाकर किसी तरह परिवार का भरण-पोषण और बच्चों ता परवरिश किया. 

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नौकरी छोड़ UPSC की तैयारी 
मां की हिम्मत की वजह से संदीप की पढ़ाई नहीं रुकी. उन्होंने शुरुआती पढ़ाई गया से करने के बाद गया कॉलेज से इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद उन्होंने IIT मुंबई से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया. कुछ वर्षों तक उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी भी की, लेकिन साल 2019 में उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़कर यूपीएससी सिविल सेवा की तैयारी के लिए दिल्ली चले गए. 

तीन बार हुए फेल 
संदीप के पिता गणित और विज्ञान के अच्छे ज्ञाता थे. वो शुरू से ही संदीप को सिविल सेवा की तैयारी के लिए प्रेरित किया करते थे. यह भी एक कारण था कि संदीप ने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़कर पिता के सपने को पूरा करने के लिए यूपीएससी की तैयारी करने का फैसला लिया. हालांकि, अपने शुरुआती तीन अटेंप्ट में उनके हाथ सिर्फ असफलता लगी, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और चौथी बार अटेंप्ट देने का फैसला लिया. 

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तीन बार क्रैक किया UPSC 
चौथे अटेंप्ट में संदीप की मेहनत रंग लाई. उन्हें 2022 में पहली बार यूपीएससी में सफलता मिली. उन्होंने 697वीं रैंक हासिल किए. इसके बाद 2023 में संदीप 601वीं रैंक के साथ आईपीएस बने, लेकिन संदीप का सपना आईएएस बनने का था. इसलिए उन्होंने छठी बार अटेंप्ट देने का फैसला लिया और लगातार तीसरी बार यूपीएससी में सफलता हासिल किया. साल 2024 में संदीप ऑल इंडिया रैंक 266वीं के साथ आईएएस पद के लिए चुने गए. 

कईयों के लिए प्रेरणा 
जानकारी के लिए बता दें, संदीप पांच भाई-बहन हैं. जिसमें वो तीसरे नंबर पर आते हैं. उनकी मां रेणु देवी आज भी उनके बड़े भाई नीतीश कुमार के साथ मिलकर दुकान चलाती है. फिलहाल संदीप हैदराबाद में आईपीएस की ट्रेनिंग ले रहे हैं और वो जल्द ही इस्तीफा देकर आईएएस की ट्रेनिंग जॉइन करेंगे. संदीप की संघर्ष, सफलता और उनके मां की हिम्मत आज के समय में कईयों के लिए प्रेरणा है. 

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