West Bengal Crime: पश्चिम बंगाल में पिछले तीन दिनों में तीन टीएमसी कार्यकर्ताओ की हत्या कर दी गई है. ताजा मामला बीरभूम जिले की है, जहां टीएमसी नेता पीयूष घोष की गोली मारकर हत्या कर दी गई. घोष स्थानीय नदियों से रेत बेचने का काम करते थे. पुलिस मामले की जांच जुट गई है.
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West Bengal Crime: पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेताओं की हत्या की घटना का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रही हैं. पिछले तीनों दिनों में तीन टीएमसी नेताओं की हत्याएं हो चुकी हैं. अब ताजा घटना बीरभूम जिले से सामने आई है, जहां रविवार तड़के टीएमसी रिजनल यूनिट के अध्यक्ष पीयूष घोष की गोली मारकर हत्या कर दी गई. पिछले तीन दिनों में मारे जाने वाले वह दूसरे टीएमसी क्षेत्रीय नेता और तीसरे पार्टी वर्कर्स हैं.
बीरभूम में टीएमसी की श्रीनिधपुर रिजनल यूनिट के अध्यक्ष और स्थानीय पंचायत समिति के पदाधिकारी घोष एक फ़ोन कॉल आने के बाद रात करीब 12:30 बजे अपनी मोटरसाइकिल से घर से निकले थे. एक पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, 'मौसमी मल नाम की एक महिला ने कथित तौर पर एक व्यक्ति को रात करीब 2 बजे घोष को पीछे से गोली मारते देखा था. शुरुआती जांच में पता चला है कि घोष मल से मिलने गए थे.'
वहीं, अघधिकारी ने कहा कि कथित तौर पर मौसमी ने घोष को अपने घर के बाहर सड़क पर सिर में गोली लगने के बाद शोर मचाया. अधिकारी ने आगे कहा, 'घोष को जब गोली मारी गई, तब वह मेन गेट पर खड़ी थी. ऐसा प्रतीत होता है कि उसकी मौके पर ही मौत हो गई. कुछ लोग खून से लथपथ पीड़ित को अस्पताल ले गए, लेकिन पुलिस को सूचना नहीं दी.' वहीं, पुलिस ने मल समेत तीन लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है. हालांकि, अधिकारी ने बताया कि,'अभी तक किसी को गिरफ़्तार नहीं किया गया है.'
घोष स्थानीय नदियों से रेत बेचने का काम करते थे, जिसकी वजह से उनका अपने प्रतिद्वंदियों साथ झड़पें हुई थीं. जबकि मृतक की पत्नी तीस्ता घोष ने कहा, 'राजनीति ने उनकी जान ले ली. मैंने उनसे बार-बार राजनीति और व्यवसाय छोड़ने की विनती की, लेकिन उन्होंने एक न सुनी. सरकार को मेरे बेटे के लिए नौकरी देनी चाहिए. हम कैसे गुज़ारा करेंगे?'
वहीं, उनकी भाभी शांति ने बताया कि घोष को 2024 के लोकसभा चुनावों के बाद से ही जान से मारने की धमकियां मिल रही थीं. उन्होंने कहा, 'मेरे देवर को पार्टी का पद न छोड़ने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी वाले नोट हमारे मेन गेट पर चिपकाए गए थे.' बीरभूम के लाभपुर से टीएमसी विधायक अभिजीत सिन्हा ने हत्या के पीछे साज़िश का आरोप लगाया. सिन्हा ने कहा, 'ज़ाहिर है, साज़िश ज़रूर थी. किसी ने आधी रात को घोष को फ़ोन किया और वह घर से निकल गए. हमने पुलिस से अनुरोध किया है कि किसी को भी न बख्शा जाए.'
हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस बीच बंगाल के भाजपा अध्यक्ष समिक भट्टाचार्य ने सत्तारूढ़ पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा, 'टीएमसी में अंदरूनी कलह इस स्तर पर पहुंच गई है कि पार्टी के लोग एक-दूसरे की हत्या कर रहे हैं. बंगाल में अराजकता का माहौल है.'
इससे पहले, दक्षिण 24 परगना जिले के भांगड़ के टीएमसी नेता रज्जाक खान की गुरुवार को हत्या कर दी गई थी. इसके बाद पुलिस ने रविवार को स्थानीय टीएमसी नेता मोफज्जल मोल्ला को गिरफ्तार कर लिया. हालांकि, खान की कथित हत्या के आरोप में सात दिनों की पुलिस हिरासत में भेजे गए मुल्ला ने इस मामले पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. लेकिन उनकी पत्नी मुस्लिमा खातुन ने कहा कि, 'मुझे नहीं पता कि पुलिस ने मेरे पति (मुल्ला) को क्यों गिरफ्तार किया. वह और रज्जाक भाई अच्छे दोस्त थे. रज्जाक भाई अक्सर हमारे घर आते थे.' वहीं, एक पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, 'प्रारंभिक जांच से संकेत मिलता है कि खान और मोफज्जल मुल्ला के बीच अदावत थी.'