अगर हमें अपनी सेहत को बेहतर बनाए रखना है तो हर हाल में लिवर की हेल्थ का ख्याल रखना होगा. इस ऑर्गन से जुड़ी कुछ बीमारियां जिंदगी छीनने के लिए बदनाम हैं.
Trending Photos
Liver Diseases: लिवर इंसानी जिस्म के सबसे अहम अंगों में से एक है, जिसका काम डाइजेशन, डिटॉक्सिफिकेशन और मेटाबॉलिज्म है. जब लिवर बीमार या डैमेज हो जाता है, तो सेहत की बैंड बजने लगती है, कई नई बीमारियां पैदा होने लगती हैं, जिससे जिंदगी के लिए खतरा पैदा हो जाता है. आइए जानते हैं वो कौन-कौन सी 5 लिवर डिजीज हैं जिनका इलाज वक्त पर न किया जाए जानलेवा साबित हो सकती हैं.
सबसे खतरनाक लिवर डिजीज
1. सिरोसिस (Cirrhosis)
सिरोसिस का मतलब लिवर टिशू में काफी ज्यादा निशान पड़ना है. इसकी वजह काफी वक्त से शराब पीना या हेपेटाइटिस जैसे कंडीशंस से लॉन्ग टर्म डैमेज के कारण होता है. जैसे-जैसे निशान वाले टिशू हेल्दी सेल्स की जगह लेता है, लिवर का काम कम हो जाता है, जिससे थकान, सूजन, पीलिया और इंटरनल ब्लीडिंग जैसे लक्षण होते हैं. अपने एडवांस स्टेज में, सिरोसिस लिवर फेलियर या लिवर कैंसर का कारण बन सकता है.
2. हेपेटाइटिस बी और सी (Hepatitis B and C)
ये वायरल इंफेक्शन लिवर के सूजन की वजह बनते हैं और अगर इनका तुरंत इलाज न किया जाए तो ये क्रोनिक फॉर्म में पहुंच सकते हैं. क्रोनिक हेपेटाइटिस बी या सी सालों तक चुपचाप लिवर को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे सिरोसिस या लिवर कैंसर हो सकता है. दोनों वायरस इंफेक्टेड ब्लड, असुरक्षित यौन संबंध या डिलिवरी के दौरान मां से बच्चे में ट्रांसमिट होते हैं.
3. नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (Non-Alcoholic Fatty Liver Disease)
इसे शॉर्ट में एनएएफएलडी (NAFLD) कहा जाता है, ये तब होता है जब शराब के सेवन के बिना लिवर में एक्सेस फैट जमा हो जाता है. इसकी वजह मोटापा, डायबिटीज और खराब डाइट होते हैं. अपने गंभीर रूप में, जिसे नॉन-अल्कोहलिक स्टीटोहेपेटाइटिस (Non-Alcoholic Steatohepatitis) यानी एनएएसएच (NASH) के तौर पर जाना जाता है, ये सिरोसिस और लिवर फेलियर में प्रोग्रेस कर सकता है.
4. लिवर कैंसर (Liver Cancer)
इस बीमारी को हेपेटोसेलुलर कार्सिनोमा (Hepatocellular Carcinoma) भी कहा जाता है. ये अक्सर हेपेटाइटिस या सिरोसिस जैसे क्रोनिक लिवर डिजीज वाले लोगों में विकसित होना है. लिवर कैंसर अग्रेसिव होता है और अगर देर से डायग्नोज किया जाए तो इंसान का जिंदा रहना मुश्किल हो जाता है. इसके लक्षणों में पेट दर्द, वजन कम होना और पीलिया शामिल हो सकते हैं.
5. एक्यूट लिवर फेलियर (Acute Liver Failure)
ये कंडीशन रेयर है, लेकिन किसी को हो जाए तो इंसान सीरियस हो जाता है. इससे लिवर फंक्शन में रैपिड लॉस देखने को मिलता है, जो अक्सर कुछ दिनों में ही सामने आ जाता है. इसकी वजह दवाओं के ओवरडोज (जैसे पैरासिटामोल), वायरल इंफेक्शन या ऑटोइम्यून बीमारियों के कारण हो सकता है. अगर जान बचानी है तो तुरंत इलाज करना होगा.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.