Obesity in Toddler: मां का दूध नहीं पीने वाले बच्चे मोटापे के शिकार हो सकते हैं. वहीं 6 महीने तक मां का दूध पीने वाले बच्चों का वजन नॉर्मल पाया गया. उनमें मां का दूध नहीं पीने वाले बच्चों से ज्यादा फुर्ती पाई गई.
Trending Photos
Breastfeeding: अक्सर सुनते आए हैं कि मां का दूध बच्चों के लिए बेस्ट है. लेकिन फिर भी काफी लोग इस सलाह को नहीं मानते हैं, जिसका नतीजा अब देखने को मिल रहा है. 200 बच्चों पर की गई स्टडी में यह पाया गया कि स्तनपान न करने वाले बच्चों में मोटापे का शिकार होने के ज्यादा चांसेस होते हैं. यह लखनऊ की फेमस किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) के पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट में की गई है. इसमें पाया गया कि 6 महीने तक मां का दूध पीने वाले बच्चों की तुलना में मां का दूध नहीं पीने वाले बच्चों का वजन नॉर्मल से ज्यादा पाया गया.
200 बच्चों पर हुई स्टडी
बाल रोग विभाग की ऑपीडी में आए 200 बच्चों पर यह स्टडी की गई, जिसमें 200 बच्चों के आंकड़े जुटाए गए. यहां दो से तीन साल तक के बच्चे ऑपीडी में अलग-अलग बीमारियों के लिए आए थे. सभी बच्चों को दो श्रेणी में बांटा गया. 100 बच्चे 6 महीने तक मां का दूध पीने वाले श्रेणी में थे और बाकी 100 बच्चे मां का दूध नहीं पीने वाले थे. सभी बच्चों का वेट मापा गया. वहीं मां का दूध न पीने वाले बच्चों का वजन नॉर्मल से अधिक पाया गया. जबकि छम महीने मां का दूध पीने वाले बच्चों का वेट पॉर्मल था. यह बच्चे डिब्बाबंद बच्चों से ज्यादा फुर्तीले भी दिखे.
जरूर करें स्तनपात
केजीएमयू बाल रोग विभाग की डॉक्टर शालीनी त्रिपाठी ने बताया कि मां का दूध पीने वाले बच्चों को सभी पोषक तत्व दूध से ही मिल जाते हैं. वहीं डिब्बाबंद दूध में कई तरह की कैमिकल की मिलालट की जाती है, जो सेहत पर बुरा असर डालता है. डॉक्टर ने माताओं से बच्चों को स्तनपान कराने की सलाह दी, साथ ही उन्होंने बताया कि हर महीने मोटापे से जूझ रहे 20 से 30 बच्चे ओपीडी में आते हैं. वहीं स्तनपान कराने वाली माताओं में कैंसर का खतरा भी कम हो जाता है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.