BJP President News: उपराष्ट्रपति पद से जगदीप धनखड़ के इस्तीफे ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया को अधर में लटका दिया है. इसके साथ ही बीजेपी-आरएसएस के बीच भी अब तक अपनी सहमति नहीं दी है और संघ मजबूत संगठनात्मक नेता पर जोर दे रहा है.
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BJP President Election: भारतीय जनता पार्टी (BJP) अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की तैयारी में जुटी थी और अटकले लगाई जा रही थी कि अगले महीने तक चुनावी प्रक्रिया खत्म हो सकती है. लेकिन, संसद के मानसून सत्र के पहले ही दिन यानी 21 जुलाई को उपराष्ट्रपति पद से जगदीप धनखड़ ने इस्तीफा दे दिया और इस अप्रत्याशित इस्तीफे ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया को अधर में लटका दिया है. इसके साथ ही कई राज्यों में भी नई नियुक्तियों का इंतजार बढ़ गया है. धनखड़ के इस्तीफे से अब सारा फोकस नए उपराष्ट्रपति के चुनाव पर केंद्रित हो गया है, जिसकी वजह से संगठनात्मक चुनाव एक बार फिर ठंडे बस्ते में डाल दिए गए हैं.
कब तक हो सकता है बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव?
बीजेपी के संविधान के मुताबिक, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव तभी संभव है, जब देख के कम से कम आधे राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों के चुनाव हो जाएं. लेकिन, अभी उत्तर प्रदेश, गुजरात और कर्नाटक जैसे महत्वपूर्ण राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव बाकी है. पार्टी कार्यकर्ता लंबे समय से नेतृत्व की घोषणा का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं और जगदीप धनखड़ के इस्तीफे का सीधा असर कई प्रमुख राज्यों पर पड़ रहा है. इस बात का कोई स्पष्ट संकेत नहीं है कि संगठनात्मक चुनाव कब तक पूरे होंगे और मौजूदा मानसून सत्र में ऐसा होने की संभावना कम ही दिख रही है. इसके बाद पार्टी बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए राजनीतिक गतिविधियां तेज करेगी, जिससे संगठन की चुनाव प्रक्रिया और लंबी खिंच सकती है.
बीजेपी अध्यक्ष के लिए चल रहा है इन नेताओं का नाम?
हालांकि, कुछ नामों पर अभी भी अंदरूनी चर्चा चल रही है, जिनमें धर्मेंद्र प्रधान, शिवराज सिंह चौहान, मनोहर लाल खट्टर और भूपेंद्र यादव जैसे प्रमुख नेता शामिल हैं. इन नेताओं को उनके संगठनात्मक अनुभव, राजनीतिक प्रतिनिधित्व और सामाजिक संतुलन बनाए रखने की क्षमता के आधार पर देखा जा रहा है. हालांकि, अभी तक किसी भी नाम पर पार्टी और आरएसएस के बीच सहमति नहीं बन पाई है.
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनाव को लेकर क्या चाहता है RSS?
मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया जा रहा है कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए आरएसएस ने अब तक अपनी सहमति नहीं दी है. भाजपा के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव इस पद के लिए पसंदीदा उम्मीदवार बनकर उभरे थे. पार्टी नेतृत्व ने इस महीने की शुरुआत में उनके नाम आरएसएस नेतृत्व को भेजे थे, लेकिन आरएसएस ने अभी तक किसी भी उम्मीदवार को मंजूरी नहीं दी है. आरएसएस और भाजपा के बीच और बैठकें और चर्चाएं होने की उम्मीद है. माना जा रहा है कि संघ भाजपा अध्यक्ष के रूप में मजबूत संगठनात्मक नेता पर जोर दे रहा है.
कैसे होता है BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव?
भारतीय जनता पार्टी के संविधान और नियम की धारा-19 में अध्यक्ष के चुनाव के प्रावधान दिए गए हैं. इसके मुताबिक, राष्ट्रीय परिषद और प्रदेश परिषदों के सदस्यों का इलेक्टोरल कॉलेज बनाता है. यही इलेक्टोरल कॉलेज राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव करता है. चुनाव पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के तहत बनाए गए नियमों के लिए होता है. चुनाव के लिए नॉमिनेशन फॉर्म भरना होता है. अध्यक्ष बनने के लिए उम्मीदवार के लिए जरूरी है कि वो कम से कम 15 साल तक पार्टी का प्राथमिक सदस्य रहा हो. इलेक्टोरल कॉलेज के कम से कम 20 सदस्य उसके प्रस्तावक हों. ये प्रस्ताव कम से कम 5 ऐसे राज्यों से हों, जहां राष्ट्रीय परिषद के चुनाव हो चुके हों. प्रस्ताव पर उम्मीदवार का दस्तखत जरूरी है. नॉमिनेशन के बाद वोटिंग होती है. इसके बाद काउंटिंग के लिए बैलेट बॉक्स को दिल्ली लाया जाता है. BJP के संविधान और नियम की धारा-20 के मुताबिक कोई पात्र सदस्य 3-3 साल के लगातार 2 कार्यकाल यानी लगातार 6 साल तक अध्यक्ष रह सकता है.
FAQ: बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव को लेकर जरूरी सवाल-जवाब
1. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव कौन करता है?
बीजेपी के संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव राष्ट्रीय परिषद और प्रदेश परिषदों के सदस्यों से बने एक 'इलेक्टोरल कॉलेज' द्वारा किया जाता है.
2. बीजेपी अध्यक्ष बनने के लिए उम्मीदवार में क्या योग्यताएं होनी चाहिए?
अध्यक्ष बनने के लिए उम्मीदवार को कम से कम 15 साल तक पार्टी का प्राथमिक सदस्य होना अनिवार्य है. इसके अलावा, इलेक्टोरल कॉलेज के कम से कम 20 सदस्य उसके प्रस्तावक हों, और ये प्रस्ताव कम से कम 5 ऐसे राज्यों से आने चाहिए जहां राष्ट्रीय परिषद के चुनाव पूरे हो चुके हों.
3. एक व्यक्ति बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में कितने समय तक सेवा दे सकता है?
बीजेपी के संविधान और नियम की धारा-20 के मुताबिक, कोई भी पात्र सदस्य 3-3 साल के लगातार दो कार्यकाल, यानी कुल 6 साल तक पार्टी अध्यक्ष के पद पर रह सकता है.
4. वर्तमान में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनाव में देरी क्यों हो रही है?
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अप्रत्याशित इस्तीफे के कारण बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनाव में देरी हो रही है. पार्टी का तत्काल ध्यान नए उपराष्ट्रपति के चुनाव पर केंद्रित हो गया है, जिससे संगठनात्मक चुनाव प्रक्रिया फिलहाल ठंडे बस्ते में है.
5. आरएसएस की बीजेपी अध्यक्ष चुनाव में क्या भूमिका मानी जाती है?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आरएसएस की सहमति राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन में महत्वपूर्ण मानी जाती है. कहा जा रहा है कि आरएसएस अभी तक किसी भी उम्मीदवार पर सहमत नहीं हुआ है और वह एक मजबूत संगठनात्मक नेता को अध्यक्ष के रूप में देखना चाहता है.