Gujarat Police Initiative: गुजरात में बाहर से आकर काम करने वालों की संख्या काफी ज्यादा है और जब माता-पिता दोनों काम पर चले जाते हैं तो उनकी सबसे बड़ी टेंशन होती है कि उनके बच्चों का ख्याल कौन रखेगा. उनकी सुरक्षा कौन करेगा. अब सूरत पुलिस ने पैरेंट्स की टेंशन को खत्म करने का काम किया है.
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Gujarat Police Day-Care Centre: भाषा विवाद को लेकर महाराष्ट्र में बवाल मचा हुआ है और हाल के दिनों में ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं, जब MNS कार्यकर्ताओं ने हिंदी बोलने वालों की पिटाई की है. इस वजह से यूपी-बिहार समेत उत्तर भारत से महाराष्ट्र जाकर काम करने वालों की मुसीबत बढ़ गई है. लेकिन, इस बीच गुजरात पुलिस ने कुछ ऐसा किया है, जिससे बाहरी राज्यों से आकर काम करने वालों की सबसे बड़ी टेंशन खत्म हो गई है. दरअसल, गुजरात के सूरत में पांडेसरा पुलिस स्टेशन के सहयोग से उन बच्चों के लिए एक डे-केयर सेंटर संचालित किया जा रहा है, जिनके माता-पिता दिन में काम पर जाते हैं. काम पर जाने के बाद लोगों को अपने बच्चों की टेंशन हमेशा रहती है, लेकिन अब उनका ख्याल पुलिस की निगरानी में रखा जाएगा.
पुलिस ने क्यों डे-केयर सेंटर शुरू करने का किया फैसला?
पुलिस आयुक्त अनुपम सिंह गहलोत ने बताया, 'देश के अलग-अलग राज्यों से लगभग 8.5 लाख लोग सूरत के पांडेसरा पुलिस स्टेशन एरिया में रहते हैं. यह एक इंडस्ट्रियल एरिया है. जब माता-पिता काम पर चले जाते हैं, तब ज्यादातर बच्चे सड़कों पर खेलते रहते हैं. ऐसे में अपहरण की घटनाएं भी होती हैं. बच्चों के लापता होने की घटनाएं पिछले कुछ दिनों से काफी बढ़ने लगी थीं.'
अभी डे-केयर सेंटर में कितने बच्चे रहते हैं?
अनुपम सिंह गहलोत ने आह बताया, 'इस समस्या से निपटने के लिए पांडेसरा पुलिस स्टेशन में 40 पुलिसकर्मियों का एक अलग प्रोटोकॉल स्थापित किया गया है. किसी भी लापता बच्चे की सूचना मिलते ही यह टीम उसकी तलाश शुरू कर देती है. पिछले डेढ़ साल में पांडेसरा पुलिस स्टेशन ने गुमशुदगी की शिकायत मिलने के एक घंटे के भीतर लगभग 200 बच्चों को बरामद किया है. पांडेसरा पुलिस स्टेशन एक डे-केयर सेंटर भी चला रहा है. दिन में काम पर जाने वाले माता-पिता अपने बच्चों को वहां छोड़ सकते हैं। इस सेंटर में लगभग 80 बच्चे रहते हैं.'
#WATCH | Surat, Gujarat | Police Commissioner Anupam Singh Gehlot said, "Around 8.5 lakh people from different states of the country reside in the Pandesara Police Station area. This is an industrial zone. Parents go to work, and children are left playing on the streets.… https://t.co/ko9tjn0u9l pic.twitter.com/EptFhFZpSJ
— ANI (@ANI) July 28, 2025
1. सूरत के पांडेसरा पुलिस स्टेशन में डे-केयर सेंटर क्यों शुरू किया गया?
पांडेसरा पुलिस स्टेशन ने यह डे-केयर सेंटर इसलिए शुरू किया, क्योंकि पिछले कुछ दिनों से अपहरण और लापता होने की घटनाओं में वृद्धि देखी गई थी. बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उन्हें एक सुरक्षित वातावरण प्रदान करने के लिए यह पहल की गई.
2. यह डे-केयर सेंटर कहां स्थित है?
यह डे-केयर सेंटर गुजरात के सूरत में स्थित है और पांडेसरा पुलिस स्टेशन के सहयोग से संचालित किया जा रहा है.
3. वर्तमान में डे-केयर सेंटर में कितने बच्चे रहते हैं?
वर्तमान में इस डे-केयर सेंटर में लगभग 80 बच्चे रहते हैं.
4. गुजरात पुलिस बच्चों के लापता होने की घटनाओं को रोकने के लिए और क्या कदम उठा रही है?
लापता बच्चों की समस्या से निपटने के लिए सूरत के पांडेसरा पुलिस स्टेशन में 40 पुलिसकर्मियों की एक अलग टीम बनाई गई है. यह टीम किसी भी लापता बच्चे की सूचना मिलते ही तुरंत उसकी तलाश शुरू कर देती है.