Supreme Court Hearing Today: सुप्रीम कोर्ट में आज जस्टिस वर्मा कैश कांड और बिहार में विशेष सघन मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR) के मामलों को लेकर सुनवाई होने वाली है.
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Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट में आज सोमवार 28 जुलाई 2025 को कई अहम मामलों में सुनवाई होने वाली है. ऐसे में आज का दिन काफी हलचल भरा रहने वाला है. इनमें से सबसे अहम बिहार में विशेष सघन मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR) और जस्टिस वर्मा के सरकारी आवासी में मिली नगदी वाले मुद्दे हैं. इसके अलावा एक वकील मैथ्यु जे नेदुंपरा की जनहित याचिका पर भी सुनवाई होगी, जिसमें दिल्ली पुलिस से जस्टिस वर्मा कैश केस मामले में FIR दर्ज कर जांच करने का आदेश मांगा गया है. इसके अलावा कोर्ट आज BS6 वाहनों की उम्र सीमा भी तय कर सकता है.
SIR का मामला
सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में आज SIR का मामला सबसे अहम रहने वाला है. कोर्ट की ओर से पिछली सुनवाई पर पुनरीक्षण प्रक्रिया पर रोक नहीं लगाई गई थी . अदालत का मानना था कि चुनाव आयोग के पास वोटर लिस्ट का इंटेंसिव रिव्यू करने का संवैधानिक अधिकार है, हालांकि इसमें चल रही प्रक्रिया के समय को लेकर सवाल उठाया गया था और कहा गया था कि यह मुद्दा वोटर राइट से जुड़ा है. इतना ही नहीं सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मतदाता सूची में शामिल होने के लिए निर्धारित 11 डॉक्यूमेंट्स की लिस्ट को लेकर भी इलेक्शन कमीशन से सवाल किए थे. अदालत ने अपने अंतरिम आदेश में इलेक्शन कमीशन को वोटर लिस्ट में शामिल होने के लिए दिए जाने वाले डॉक्यूमेंट्स में वोटर की पहचान पत्र, आधार कार्ड और राशन कार्ड पर भी विचार करने का आदेश दिया था.
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28 जुलाई क्यों रखी तारीख?
कोर्ट ने इलेक्शन कमीशन की ओर से तय शेड्यूल में 1 अगस्त 2025 को ड्राफ्ट वोटर लिस्ट पब्लिश करने के कारण को देखते हुए सुनवाई की अगली तारीख 28 जुलाई 2025 रखी. ऐसा इसलिए ताकि कोर्ट ड्राफ्ट वोटर लिस्ट पब्लिश होने से पहले वस्तुस्थिति जान सके. मामले में गैर सरकारी संगठन ADR, TMC सांसद महुआ मोइत्रा, योगेंद्र यादव और RJD सांसद मनोज झा समेत अन्य कई विपक्षी दलों के नेताओं ने याचिका दाखिल कर SIR को चुनौती दी है साथ ही उसपर रोक लगाने की भी मांग की है. इस बीच इलेक्शन कमीशन ने पुनरीक्षण को सही ठहराते हुए कहा कि वोटर लिस्ट से अयोग्य व्यक्तियों को हटाने से चुनाव की शुद्धता बढ़ती है. साथ ही कहा कि देश में बड़ी संख्या में फर्जी राशन कार्ड हैं. ऐसे में वोटर के पहचान पत्र पर भरोसा करने से SIR की प्रक्रिया बेकार हो जाएगी.
चुनाव आयोग ने क्या कहा?
चुनाव आयोग का कहना है कि SIR की प्रक्रिया से किसी भी तरह के कानून का उल्लंघन नहीं होता है. न ही इससे किसी के मौलिक अधिकारों का हनन होता है. आयोग की ओर से सभी याचिकाओं को खारिज करने का अनुरोध किया गया है, हालांकि दूसरी तरफ याचिकाकर्ताओं ने दाखिल प्रतिउत्तरों में SIR की प्रक्रिया पर सवाल उठाए और कई तरह की गड़बड़ का आरोप लगाया है. ऐसे में देखना होगा कि अदालत इसमें अपना क्या रूख अपनाती है.
F&Q
सुप्रीम कोर्ट में आज कौन से मामले में सुनवाई होगी?
सुप्रीम कोर्ट में आज बिहार में विशेष सघन मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR), जस्टिस वर्मा के सरकारी आवास में मिली नगदी वाले मुद्दे और BS6 वाहनों की उम्र सीमा तय करने जैसे मामलों में सुनवाई होगी.
SIR का मामला क्या है?
SIR का मामला मतदाता सूची के पुनरीक्षण से जुड़ा है, जिसमें चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट का इंटेंसिव रिव्यू करने का फैसला किया है. इस प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की गई है.
कोर्ट ने क्या आदेश दिया है?
कोर्ट ने मतदाता सूची में शामिल होने के लिए दिए जाने वाले डॉक्यूमेंट्स में वोटर की पहचान पत्र, आधार कार्ड और राशन कार्ड पर भी विचार करने का आदेश दिया है.
चुनाव आयोग का क्या कहना है?
चुनाव आयोग का कहना है कि SIR की प्रक्रिया से किसी भी तरह के कानून का उल्लंघन नहीं होता है और इससे चुनाव की शुद्धता बढ़ती है.
याचिकाकर्ताओं का क्या आरोप है?
याचिकाकर्ताओं ने SIR की प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं और कई तरह की गड़बड़ का आरोप लगाया है.