Kupwara news: जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में आतंकवादियों के हमदर्दों को कानून ने बड़ा सबक दिया है. पुलिस ने एक आतंकी हमदर्द की संपत्ति कुर्क कर दी है.
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Jammu Kashmir Police anti terrorist action: कुपवाड़ा पुलिस ने यूएपीए (UAPA) कानून के तहत आतंकवादियों के एक सहयोगी की संपत्ति कुर्क की है. राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ अपनी कड़ी कार्रवाई जारी रखते हुए और आतंकी फंडिंग पर चल रही कार्रवाई के तहत, कुपवाड़ा पुलिस ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत एक आतंकी सहयोगी की संपत्ति कुर्क की है.
कई धाराओं में हुआ एक्शन
कुपवाड़ा पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 120-बी, 121-ए, 122, 123 और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 17, 18, 18-ए, 18-बी, 20, 38, 39 और 40 के तहत एफआईआर संख्या 276/2022 दर्ज की गई.
पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर से लौटा था लश्कर ए तैयबा का कमांडर
जांच से पता चला कि बटपोरा ह्यहामा कुपवाड़ा निवासी मुतवाली पिसवाल पुत्र जमाल दीन पिसवाल कुछ साल पहले हथियारों और गोला-बारूद के प्रशिक्षण के लिए अवैध रूप से पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में गया था. ये आरोपी प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों अल-बर्क और लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा है और वर्तमान में नियंत्रण रेखा के पार आतंकवादियों की घुसपैठ में सक्रिय रूप से मदद करने वाले कमांडर के रूप में काम कर रहा है.
आतंकवादियों की भर्ती कराता था
आगे के सबूत बताते हैं कि मुतवाली पिसवाल स्थानीय युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और उन्हें आतंकवादी समूहों में भर्ती करने में गहराई से शामिल है, जिससे न सिर्फ कुपवाड़ा बल्कि पूरे जम्मू-कश्मीर की शांति और सुरक्षा को गंभीर खतरा है.
गौरतलब है कि आरोपी अपनी अचल संपत्ति - ह्यहामा, कुपवाड़ा में खसरा संख्या 4, 6, 7, 12, 14 के अंतर्गत आने वाली 2 कनाल और 14 मरला ज़मीन - को बेचने की कोशिश कर रहा था. इस बिक्री से प्राप्त राशि को आतंकवाद से संबंधित गतिविधियों में लगाया जाना था, जिससे आतंकवाद को सीधे तौर पर समर्थन और वित्तपोषण मिल सके.
इस प्रकार, विचाराधीन संपत्ति यूएपीए के तहत 'आतंकवाद से प्राप्त आय' के अंतर्गत आती है. इसके मद्देनजर और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की धारा 25 के तहत प्रदत्त शक्तियों के अनुसार, कुपवाड़ा पुलिस ने एफआईआर संख्या 276/2022 की जाँच के तहत औपचारिक रूप से ज़मीन को कुर्क कर लिया है.
संपत्ति की कुर्की आतंकवादी गुर्गों के वित्तीय नेटवर्क को ध्वस्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और उन लोगों के लिए एक कड़ी चेतावनी है जो केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवाद को वित्तपोषित या सुविधाजनक बनाने का प्रयास करते हैं.
F&Q
सवाल- आतंकियों के मददगारों की संपत्ति कुर्क करने के पीछे जम्मू-कश्मीर प्रशासन का क्या मकसद है?
जवाबः ऐसा करके जम्मू-कश्मीर की प्रशासनिक सरकार लोगों को ये बता रही है कि अब आप आतंकवादियों की मदद करके बच नहीं और इसलिए अपने हित में जम्मू-कश्मीर के हित में
सवाल- विचाराधीन संपत्ति क्या होती है?
जवाब- जब किसी शख्स के पास ऐसी संपत्ति होने का पता चला हो कि उसने ये संपत्ति गैरकानूनी काम करके देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम देकर कमाई है तब उसे विचाराधीन संपत्ति यानी यूएपीए के तहत 'आतंकवाद से प्राप्त आय' के अंतर्गत माना जाता है.