सना मकबूल अभी महज 32 साल की हैं, लेकिन उनको एक खतरनाक बीमारी हो गई है जिसका नाम लिवर सिरोसिस है. क्या आपको अंदाज है कि ये डिजीज हमारी बॉडी को कैसे अफेक्ट कर सकती है.
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Sana Makbul Liver Cirrhosis: टीवी एक्ट्रेस और बिग बॉस ओटीटी-3 की विनर सना मकबूल को लिवर सिरोसिस डायग्नोज हुआ है. वो पिछले कुछ वक्त से ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस (Autoimmune Hepatitis) से जूझ रही हैं, जो एक क्रोनिक लिवर डिजीज है जिसमें बॉडी का इम्यून सिस्टम लिवर पर हमला करता है. अब उनकी हालत काफी बिगड़ गई है और हर कोई उनकी रिकवरी की दुआएं कर रहा है.
लिवर सिरोसिस क्या है?
लिवर सिरोसिस एक गंभीर बीमारी है, जिसमें लिवर सेल्स डैमेज होकर धीरे-धीरे स्कार टिशू (Scar Tissue) में बदल जाती हैं. ये निशान वाले टिशू लिवर के नॉर्मल फंक्शन को अफेक्ट करता है, जिससे शरीर के जरूरी काम जैसे खून को साफ करना, टॉक्सिंस को बाहर निकालना और डाइजेशन करना प्रभावित होता है. लिवर सिरोसिस के अहम रिस्क फैक्टर्स में लंबे वक्त से शराब का सेवन, वायरल हेपेटाइटिस (बी और सी), फैटी लिवर डिजीज और ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस शामिल हैं.
ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस और लिवर सिरोसिस
ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस एक ऐसा कंडीशन है, जिसमें शरीर की इम्यूनिटी गलती से लिवर की सेहतमंद कोशिकाओं पर हमला करती है, जिससे लिवर में सूजन (हेपेटाइटिस) हो जाती है. अगर इस सूजन का समय पर इलाज न किया जाए, तो ये लॉन्ग टर्म डैमेज का कारण बनती है, जो लिवर सिरोसिस की तरफ ले जाती है. ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस आमतौर पर महिलाओं में ज्यादा देखा जाता है और इसके लक्षणों में थकान, जोड़ों में दर्द और पीलिया शामिल हो सकते हैं. बिना इलाज के, ये बीमारी लिवर के स्ट्रक्चर को स्थायी तौर पर खत्म कर सकती है.
लिवर सिरोसिस के शुरुआती लक्षण
लिवर सिरोसिस के शुरुआती लक्षण अक्सर क्लियर नहीं होते हैं, जिसके कारण इसका डायग्नोसिस देर से हो सकता है. सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:-
1. लगातार थकान और कमजोरी
2. भूख न लगना और वजन में कमी
3. पीलिया (त्वचा और आंखों का पीलापन)
4. स्किन पर खुजली
5. पेट में दर्द या सूजन
6. आसानी से चोट लगना या ब्लीडिंग
बचने के उपाय
लिवर सिरोसिस से बचाव के लिए वक्त पर डायग्नोसिस और लाइफस्टाइल में बदलाव जरूरी हैं. आइए जानते हैं कि आपको क्या-क्या उपाय करना चाहिए.
1. शराब से तौबा: हद से ज्यादा शराब का सेवन लिवर को नुकसान पहुंचाता है. इसलिए इस बुराई से पूरी तरह बचना जरूरी है.
2. हेल्दी डाइट: बैलेंस्ड और कम फैट वाला भोजन लें. फल, सब्जियां और साबुत अनाज लिवर के लिए फायदेमंद हैं.
3. रेगुलर चेकअप: अगर आपको ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस या दूसरे रिस्क फैक्टर्स हैं, तो रेगुलरली लिवर फंक्शन टेस्ट करवाएं.
4. वायरल हेपेटाइटिस से बचाव: हेपेटाइटिस बी और सी के लिए वैक्सिनेशन और सेफ्टी हैबिट्स अपनाएं.
5. दवाओं का सावधानी के साथ इस्तेमाल: बिना डॉक्टर की सलाह के दवाएं न लें, क्योंकि कुछ दवाएं लिवर को नुकसान पहुंचा सकती हैं.
6. वेट कंट्रोल: मोटापा फैटी लिवर डिजीज का कारण बन सकता है, इसलिए रेगुलर एक्सरसाइज और हेल्दी वेट मेंटेन करें.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.