Pranayama Yoga For Mental Health: आज की तेज रफ्तार जिंदगी में हर कोई किसी न किसी बात को लेकर उदास, निराश, थका या आत्मग्लानि महसूस करने लगता है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अगर ये लगातार 2 हफ्तों से अधिक समय तक चले तो किसी सीरियस मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम का इशारा हो सकता है. ये कंडीशन डिप्रेशन, एंग्जायटी या इमोशनल बर्नआउट की ओर इशारा कर सकती है, जिसका वक्त रहते इलाज जरूरी है. ऐसे में जहां एक ओर मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट की सलाह जरूरी है, वहीं दूसरी तरफ योग और प्राणायाम से भी मानसिक स्थिरता पाई जा सकती है.
आयुष मंत्रालय के मुताबिक योग, खास तौर से प्राणायाम, शरीर और मन दोनों के लिए एक संपूर्ण चिकित्सा पद्धति की तरह काम करता है. ये मस्तिष्क में सेरोटोनिन और डोपामिन जैसे हार्मोन के स्तर को भी संतुलित करता है, जिससे तनाव और उदासी में राहत मिलती है.
ये प्राणायाम मानसिक ऊर्जा को बढ़ाने में बेहद प्रभावी है. इस आसन को करते समय तेज और गहरी सांसें लेनी होती हैं, जिससे ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ता है और तनाव और चिंता कम होते हैं. रोजाना सुबह 3 से 5 मिनट इसका अभ्यास करने से मानसिक स्पष्टता मिलती है.
ये सांस की एक शांत प्रक्रिया है जो मानसिक संतुलन और भावनात्मक स्थिरता लाने में मदद करती है. ये न केवल चिंता को घटाता है, बल्कि रक्तचाप को नियंत्रित करता है और नींद की गुणवत्ता सुधारता है.
इस आसन को चाइल्ड पोज भी कहा जाता है, जो शरीर को डीप रिलैक्सेशन देता है और आत्मिक शांति प्रदान करता है. ये आसन तनाव, डर और असुरक्षा की भावना को कम करता है.
इस आसन के अभ्यास से तनाव और बेचैनी से राहत मिलती है और मानसिक थकान दूर होती है. ये आसन आपको आंतरिक शांति देता है. इस आसन से सिरदर्द, थकान और अनिद्रा की शिकायत को दूर किया जा सकता है. शवासन रक्तचाप कम करने में मदद करता है.
(इनपुट-आईएएनएस)
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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