कब मनेगी हरियाली तीज? व्रत-पूजा करने से मिलेगा मनचाहा पति, खुशहाल शादीशुदा जिंदगी
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कब मनेगी हरियाली तीज? व्रत-पूजा करने से मिलेगा मनचाहा पति, खुशहाल शादीशुदा जिंदगी

Hariyali Teej 2025: हरियाली तीज ऐसा पर्व है जिसका लड़कियों और सुहागिन महिलाओं को बेसब्री से इंतजार रहता है. तीज व्रत करने से मनचाहा पति और वैवाहिक सुख मिलता है. 

कब मनेगी हरियाली तीज? व्रत-पूजा करने से मिलेगा मनचाहा पति, खुशहाल शादीशुदा जिंदगी

Hariyali Teej kab hai: हिंदू त्‍योहारों में हरियाली तीज एक खास पर्व है. सावन में मनाए जाने वाले इस त्‍योहार का लड़कियों और महिलाओं को बेसब्री से इंतजार रहता है. इस दिन व्रत रखने वाली लड़कियां और सुहागिन महिलाएं मेहंदी रचाती हैं. हरे रंग के कपड़े और हरी चूडि़यां पहनती हैं. सुहागिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं. भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं. ऐसा करने से मनचाहा फल मिलता है. 

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हरियाली तीज 2025 

11 जुलाई से श्रावण मास शुरू हो रहा है. भगवान शिव की आराधना के लिए यह पूरा महीना ही खास होता है. साथ ही इसमें कई महत्‍वपूर्ण व्रत-त्‍योहार भी पड़ते हैं. इसमें हरियाली तीज प्रमुख है. हरियाली तीज सावन महीने के शुक्‍ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है. 

पंचांग के अनुसार, सावन महीने के शुक्‍ल पक्ष की तृतीया तिथि 26 जुलाई 2025 को रात 10:41 बजे शुरू होगी और 27 जुलाई 2025 को रात 10:41 बजे समाप्त होगी. उदया तिथि के अनुसार हरियाली तीज पर्व 27 जुलाई को ही मनाया जाएगा. इस दिन रवि योग और शिव योग का संयोग बन रहा है, जो पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है. 

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मिलता है मनचाहा जीवनसाथी 

रवि योग और शिव योग जैसे शुभ योग में पूजा करने से मनमुताबिक जीवनसाथी मिलता है, वहीं शादीशुदा लोगों का वैवाहिक जीवन खुशहाल रहता है. साथ ही पति की उम्र लंबी होती है. 

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हरियाली तीज की पूजा विधि

हरियाली तीज के दिन जो भी सुहागिन महिलाएं और कुंवारी कन्याएं व्रत रख रही हैं, वे सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें. फिर हरे रंग के कपड़े पहनें. पूजा घर की सफाई करें. वहां गंगाजल छिड़कें. पूजा घर को फूलों से सजाएं. पूजा के लिए चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाएं. उस पर भगवान शिव व माता पार्वती और गणेश जी की मूर्ति या तस्‍वीर स्‍थापित करके उनकी पूजा करें. शिवलिंग का अभिषेक करें. शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र, धतूरा और फूल आदि अर्पित करें. पार्वती जी को सोलह श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करें. हरियाली तीज की कथा सुनें. अंत में शांति मंत्र और क्षमा मंत्र पढ़ें. फिर शिव -पार्वती की आरती करें. अपनी मनोकामनाएं बताएं. आखिर में सभी को पूजा का प्रसाद बांटें. इस दिन जरूरतमंदों को दान जरूर दें.

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(Disclaimer - प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. Zee News इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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