पुराने SIM से देश को खतरा! बड़ा कदम उठाने की तैयारी में सरकार, क्या होगा बदलाव
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पुराने SIM से देश को खतरा! बड़ा कदम उठाने की तैयारी में सरकार, क्या होगा बदलाव

Govt Plan to Replace Old Sim Card: नेशनल साइबर सिक्‍योरिटी कोऑर्डिनेटर (NCSC) और गृह मंत्रालय द्वारा की गई इस जांच के बाद नेशनल सिक्योरिटी को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं और पुराने सिम कार्ड को बदलने की संभावना पर बातचीत चल रही है. 

पुराने SIM से देश को खतरा! बड़ा कदम उठाने की तैयारी में सरकार, क्या होगा बदलाव

Sim Card Rules: अगर आपके फोन में पुराना सिम कार्ड है तो आपके लिए एक जरूरी खबर है. भारत सरकार मोबाइल फोन में लगे पुराने सिम कार्ड बदलने की सोच रही है. ऐसा इसलिए क्योंकि देश की सबसे बड़ी साइबर सुरक्षा एजेंसी ने जांच में पाया है कि इन सिम कार्ड में लगे कुछ चिप चीन से आए हैं. नेशनल साइबर सिक्‍योरिटी कोऑर्डिनेटर (NCSC) और गृह मंत्रालय द्वारा की गई इस जांच के बाद नेशनल सिक्योरिटी को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं और पुराने सिम कार्ड को बदलने की संभावना पर बातचीत चल रही है. 

मीटिंग्स में हुई चर्चा
मिंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक नेशनल साइबर सिक्‍योरिटी कोऑर्डिनेटर ने रिलायंस जियो, एयरटेल और वीआई जैसी बड़ी टेलीकॉम कंपनियों के अधिकारियों और दूरसंचार मंत्रालय के प्रतिनिधियों के साथ मीटिंग की. इस मीटिंग में टेलीकॉम संसाधनों की खरीद प्रक्रिया में कमियों पर बात की गई. साथ ही पुराने सिम कार्ड को बदलने के लिए एक रूपरेखा पर चर्चा की गई. 

राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों को देखते हुए सरकार ने पहले ही हुआवेई और जेडटीई जैसे चीनी उपकरण निर्माताओं पर प्रतिबंध लगा दिया है. अब राष्ट्रीय सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए नियम बनाया गया है कि लीकॉम उपकरणों को भारत में आयात, बेचने या इस्तेमाल करने से पहले अनिवार्य परीक्षण और प्रमाणन से गुजरना होगा. यह नियम यह सुनिश्चित करता है कि टेलीकॉम उपकरण राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा, प्रदर्शन और सुरक्षा मानकों का पालन करें.

सिम कार्ड में चीनी चिप्स कैसे पहुंचे
टेलीकॉम कंपनियां आमतौर पर सिम कार्ड खरीदने का काम उन वेंडर्स को देती हैं जो भरोसेमंद और सर्टिफाइड सप्लायर्स होते हैं. ये वेंडर्स वियतनाम और ताइवान जैसे स्वीकृत स्थानों से चिप्स खरीदते हैं. फिर देश में ही कार्ड असेंबल करते हैं, पैक करते हैं और उन पर सीरियल नंबर डालते हैं. इसके बाद वे टेलीकॉम कंपनियों को सिम कार्ड्स की डिलीवरी करते हैं. 

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हालांकि, रिपोर्टों से पता चलता है कि कुछ वेंडर्स ने अपने ट्रस्टेड सोर्स सर्टिफिकेशन का दुरुपयोग किया. शुरुआत में उन्होंने दावा किया कि उनके सिम कार्ड चिप्स अधिकृत सप्लायर्स से खरीदे गए थे. लेकिन जांच में पता चला कि कुछ चिप वास्तव में चीन से आए थे. 

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इन सिम कार्ड्स में हो सकते हैं चीनी चिप्स 
मार्च 2021 में दूरसंचार विभाग (DoT) ने यूनिफाइड एक्सेस सर्विस लाइसेंस में बदलाव किया ताकि टेलीकॉम ऑपरेटरों को अविश्वसनीय विक्रेताओं से उपकरण खरीदने से रोका जा सके. नेशनल साइबर सिक्योरिटी सेंटर (NCSC) को विश्वसनीय सप्लायर्स और ऐसे उपकरण बनाने वाली कंपनियों को मंजूरी देने की जिम्मेदारी दी गई थी. हालांकि, जांच में पता चला है कि कुछ विक्रेताओं ने अपने ट्रस्टेड सोर्स सर्टिफिकेशन का फायदा उठाया. जब दूरसंचार विभाग ने बदलाव किए थे, उस दौरान खरीदे गए सिम कार्ड प्रभावित हो सकते हैं. इसका मतलब है कि 2021 के पहले और बाद के सिम कार्ड्स में चीनी चिप्स हो सकते हैं. 

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