अब हम अमेरिका से कहेंगे- कौन हो तुम? इस शहर में लगेंगे AI Traffic Signals, जानिए कैसे करेंगे काम
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अब हम अमेरिका से कहेंगे- कौन हो तुम? इस शहर में लगेंगे AI Traffic Signals, जानिए कैसे करेंगे काम

अमेरिका के नॉर्थ कैरोलिना में AI ट्रैफिक सिग्नल लगाए गए हैं, जिसकी चर्चा दुनियाभर में हुई. अब भारत के चेन्नई में भी AI Traffic Signals लगने जा रहे हैं. इससे न सिर्फ लोगों को ट्रैफिक में कम रुकना पड़ेगा, बल्कि सड़कों पर भीड़ और जाम की समस्या भी काफी हद तक कम होगी.

अब हम अमेरिका से कहेंगे- कौन हो तुम? इस शहर में लगेंगे AI Traffic Signals, जानिए कैसे करेंगे काम

AI Traffic Signals: चेन्नई शहर की ट्रैफिक व्यवस्था अब पूरी तरह से बदलने वाली है. शहर के 165 मुख्य चौराहों पर AI-आधारित एडैप्टिव ट्रैफिक सिग्नल लगाए जा रहे हैं, जो रियल-टाइम ट्रैफिक के आधार पर खुद ही ग्रीन लाइट की टाइमिंग तय करेंगे. इससे न सिर्फ लोगों को ट्रैफिक में कम रुकना पड़ेगा, बल्कि सड़कों पर भीड़ और जाम की समस्या भी काफी हद तक कम होगी. बता दें, हाल ही में अमेरिका के नॉर्थ कैरोलिना में AI ट्रैफिक सिग्नल लगाए गए हैं, जिसकी चर्चा दुनियाभर में हुई. अब भारत के चेन्नई में भी AI Traffic Signals लगने जा रहे हैं. 

कैसे काम करेगा यह AI ट्रैफिक सिस्टम?
अब तक ट्रैफिक सिग्नलों पर सभी लेन को 60-90 सेकंड की तय ग्रीन लाइट मिलती थी, चाहे ट्रैफिक हो या नहीं. लेकिन AI सिस्टम अब हर लेन के ट्रैफिक को देखकर ग्रीन टाइम देगा.
• ज्यादा भीड़ वाली लेन को 120 सेकंड तक ग्रीन सिग्नल मिल सकता है.
• जबकि कम ट्रैफिक वाली लेन को केवल 30 सेकंड में ही क्लियर कर दिया जाएगा.
• इसका मतलब है – कम रुकावट, कम फ्यूल खर्च और जल्दी पहुंच.

सिस्टम में होंगे ये 3 स्मार्ट फीचर
1. सेंसर – जो गाड़ियों की स्पीड और कितनी देर में चौराहा पार कर रही हैं, इसका रिकॉर्ड रखेंगे.
2. AI कैमरे – जो गाड़ियों की गिनती, दिशा और टाइप (कार, बस, बाइक, पैदल यात्री) पहचानेंगे.
3. कंट्रोल यूनिट – जो इन दोनों से मिले डेटा के आधार पर सिग्नल टाइमिंग को रीयल टाइम में एडजस्ट करेगा.

कहां-कहां शुरू हो रहा है ये सिस्टम?
पहले फेज में चेन्नई के मुख्य रास्तों को चुना गया है जैसे:
• अन्ना सलाई
• जवाहरलाल नेहरू सलाई
• सरदार पटेल रोड
• कामराजर सलाई
• राजाजी सलाई
• टेलर्स रोड

EVR सलाई के 6 पायलट जंक्शनों (जैसे वेपरी और एगो थियेटर) पर पहले से टेस्टिंग हो रही है और अच्छे रिजल्ट भी देखने को मिल रहे हैं. ट्रैफिक जाम में कमी आई है और गाड़ियां पहले से जल्दी चौराहा पार कर पा रही हैं.

Central Server से होगा कंट्रोल
हर सिग्नल का डेटा चेन्नई ट्रैफिक पुलिस के वेपरी स्थित मुख्यालय में भेजा जाएगा. वहां से पूरे कॉरिडोर की टाइमिंग को सिंक किया जाएगा, जिससे “ग्रीन कॉरिडोर” बन सके – यानी गाड़ियां लगातार ग्रीन लाइट पाते हुए चलती रहें. इसके लिए इतिहासिक ट्रैफिक डेटा और रियल टाइम वीडियो फीड्स का इस्तेमाल होगा.

इमरजेंसी में मैनुअल कंट्रोल भी संभव
हालांकि सिस्टम पूरी तरह ऑटोमैटिक है, लेकिन ट्रैफिक पुलिस को यह सुविधा होगी कि वे एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड या VIP काफिले के लिए मैनुअली सिग्नल एडजस्ट कर सकें.

FAQs

Q1. चेन्नई में नया ट्रैफिक सिग्नल सिस्टम कब शुरू होगा?
A. इंस्टॉलेशन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और आने वाले महीनों में पूरा हो जाएगा.

Q2. इस AI सिस्टम से क्या फायदे होंगे?
A. कम वेट टाइम, कम जाम, कम फ्यूल खर्च और बेहतर ट्रैफिक फ्लो.

Q3. क्या सिग्नल पूरी तरह ऑटोमैटिक होंगे?
A. हां, लेकिन इमरजेंसी स्थिति में मैनुअल कंट्रोल का विकल्प रहेगा.

Q4. क्या यह सिस्टम पहले कहीं और भी लागू हुआ है?
A. हां, पिट्सबर्ग, लंदन और मेलबर्न में, लेकिन वहां कुछ तकनीकी दिक्कतें भी सामने आई थीं.

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मोहित चतुर्वेदी

दोस्तों के बीच गैजेटमैन के नाम से मशहूर. कहने को तो अनुभवी डिजिटल पत्रकार और टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट हैं.. लेकिन हर समय सीखने वाली बच्चों जैसी ललक है. कौन सा मोबाइल कब लांच होगा और उसकी औकात क्या होगी....और पढ़ें

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