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New Sim Card Rules: भारत में साइबर धोखाधड़ी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जिसके चलते सरकार ने इसे रोकने के लिए कई अहम कदम उठाए हैं. हाल ही में सरकार ने सभी टेलीकॉम ऑपरेटरों को निर्देश दिया है कि वे उन सभी व्यक्तियों का रजिस्ट्रेशन करें, जो ग्राहकों को सिम कार्ड जारी करने की प्रक्रिया में शामिल हैं. यह नियम नया नहीं है, लेकिन इसके अनुपालन की समय सीमा अब 31 मार्च 2025 तक बढ़ा दी गई है. इस नए निर्देश का मुख्य उद्देश्य सिम कार्ड जारी करने की प्रक्रिया को और अधिक सख्त बनाना है, जिससे साइबर अपराध पर लगाम लगाई जा सके. इसके अलावा, सरकार उन लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई करने की योजना बना रही है, जिनके नाम पर 9 से अधिक सिम कार्ड रजिस्टर्ड हैं.
अब एजेंट्स को भी कराना पड़ेगा रिजस्ट्रेशन
अब नए नियमों के तहत, सभी टेलीकॉम कंपनियों को अपने एजेंटों, फ्रैंचाइज़ियों और सिम कार्ड वितरकों का रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. इससे सिम कार्ड जारी करने की प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुरक्षा बढ़ेगी. रिलायंस जियो, वोडाफोन आइडिया और भारती एयरटेल जैसी निजी टेलीकॉम कंपनियां पहले ही अपने रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी कर चुकी हैं, जबकि भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) को अभी इस प्रक्रिया को पूरा करना बाकी है.
अब इनको भी कराना पड़ेगा वेरिफिकेशन
सरकार ने BSNL को इस प्रक्रिया के लिए अतिरिक्त दो महीने का समय दिया है, ताकि वे अपने सिम डीलर्स का रजिस्ट्रेशन कर सकें। 1 अप्रैल 2025 से केवल रजिस्टर्ड सिम डिस्ट्रिब्यूटर्स को ही ग्राहकों को सिम कार्ड देने की अनुमति होगी. सिम कार्ड प्राप्त करने की प्रक्रिया को अधिक सुरक्षित बनाने के लिए सरकार ने कई नए सुरक्षा उपाय लागू किए हैं. अब केवल ग्राहकों को ही केवाईसी (KYC) प्रक्रिया से नहीं गुजरना होगा, बल्कि सिम कार्ड वितरकों को भी वेरिफिकेशन करवाना अनिवार्य होगा.
यहां सरकार ने दी राहत
दूसरी ओर सेट-टॉप बॉक्स यूजर्स के लिए भी सरकार ने एक राहत भरी खबर दी है. अब यदि ग्राहक टाटा स्काई से एयरटेल या किसी अन्य सर्विस प्रोवाइडर में स्विच करना चाहते हैं, तो उन्हें अपना पूरा सेट-टॉप बॉक्स बदलने की जरूरत नहीं होगी. पहले, यदि कोई ग्राहक एक कंपनी से दूसरी कंपनी में जाता था, तो उसे नया सेट-टॉप बॉक्स लेना पड़ता था, जिससे समय और पैसा दोनों की बर्बादी होती थी.
अब भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने प्रस्ताव रखा है कि कंज्यूमर्स को सर्विस प्रोवाइडर बदलने के बावजूद उसी सेट-टॉप बॉक्स का उपयोग करने की अनुमति हो. इसके अलावा, TRAI ने प्रसारकों को आपस में इन्फ्रास्ट्रक्चर साझा करने के लिए भी प्रोत्साहित किया है, जिससे ग्राहकों को बेहतर सेवाएं मिल सकेंगी.