Pakistan News in Hindi: बलूचिस्तान पाकिस्तान के हाथ से धीरे-धीरे फिसलता जा रहा है. वहां के लोगों ने इस 11 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाने का ऐलान कर दिया है. वहीं बलोच लड़ाकों ने भी हमले बढ़ाने की घोषणा की है.
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Pakistan Balochistan Update News: क्या पाकिस्तान में अलग बलूचिस्तान के लिए पिछले 78 साल से चल रही मुहिम अब अपने अंतिम मुकाम की ओर बढ़ रही है. यह एक ऐसा सवाल है, जिसने पूरे पाकिस्तान में बेचैनी बढ़ा रखी है. इसके पीछे वजह है 11 अगस्त को मनाया जा रहा 'बलोचिस्तान का स्वतंत्रता दिवस'. असल में पाकिस्तान से जुल्मों से त्रस्त बलोचिस्तान के लोगों ने इस 11 तारीख को अपना स्वतंत्रता दिवस मनाने का ऐलान कर दिया है.
धीरे-धीरे हाथ से फिसल रहा बलोचिस्तान!
आसिम मुनीर के लिए सबसे बड़ी चिंता इस दौरान ये है कि बलोच विद्रोहियों ने भी हमले तेज करने की घोषणा कर दी है. जिसे देखते हुए पाकिस्तानी फौज के हाथ पांव फूल गए हैं. इस चुनौती से निपटने के लिए बलूचिस्तान में इंटरनेट काट दिया गया है.
पाकिस्तान में इमरान खान की पार्टी PTI ने पहले ही मुनीर के खिलाफ सीधा मोर्चा खोल रखा है. वहीं दूसरी तरफ बलोच विद्रोही भी अपने अटैक की संख्या बढ़ा चुके हैं. इस दौरान पाकिस्तानी आर्मी के खिलाफ बहुत हमले हो सकते हैं. जिसे देखते हुए मुनीर की मंडली ने बलूचिस्तान में जाफर एक्सप्रेस की सुरक्षा बढ़ा दी है.
ड्रोन से बम गिरा रहे बलोच लड़ाके
बलूचिस्तान में इंटरनेट सुविधा काटने के साथ ही रात के वक्त पंजाब से बलूचिस्तान जाने वाली बसों पर रोक लगा दी गई है. 50 से कम सैनिकों की पेट्रोलिंग टुकड़ी पर भी रोक लगाई गई है. हालांकि जिस तरह BLA ने TTP यानि तहरीक ए तालिबान के साथ हाथ मिलाया है. उससे लगता नहीं है कि मुनीर के इंतजाम बलोचियों के खिलाफ काम कर पाएंगे.
इसकी एक बड़ी वजह ये है कि TTP और BLA के हाथ में हमलावर ड्रोन लग चुके हैं. जिसका एक वीडियो TTP ने पिछले दिनों जारी किया था. इस वीडियो में ड्रोन के जरिए पाकिस्तानी सेना के काफिले पर बम गिराते दिखाया गया था. यकीनन पिछले दिनों BLA और TTP ने जो हमले तेज किए हैं. उससे पाकिस्तानी अवाम में खौफ है.
पाकिस्तान ने बलोचिस्तान में इंटरनेट किया बंद
पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग (एचआरसी) ने बलूचिस्तान में इंटरनेट और मोबाइल सेवाएं बंद किए जाने को लेकर पाकिस्तान सरकार की तीखी आलोचना की है. आयोग ने इसे मौलिक मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन बताया है.
एचआरसी पाकिस्तान की ओर से जारी बयान में कहा गया, 'बलूचिस्तान सरकार द्वारा 6 अगस्त से पूरे प्रांत में 3जी और 4जी मोबाइल और इंटरनेट सेवाओं को निलंबित करना एक क्रूर और असंगत कदम है, जिससे लाखों निर्दोष नागरिक प्रभावित हो रहे हैं. यह निर्णय संचार, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे मूल अधिकारों को रौंदता है.'
आयोग ने सवाल किया कि क्या पूरे प्रांत की आवाज़ दबा देना और शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और संचार व्यवस्था को काट देना कोई वैध रणनीति है? बयान में कहा गया, 'इंटरनेट बंद करने से आतंकवादियों को नहीं बल्कि आम नागरिकों को नुकसान होता है. यह सामूहिक दंड की खतरनाक प्रवृत्ति है जो आतंकवाद से लड़ने के बजाय आम जनता के भरोसे को कमजोर करती है.'
मानवाधिकार आयोग ने जताई चिंता
एचआरसी ने संयुक्त राष्ट्र सहित कई अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों का हवाला देते हुए कहा कि इंटरनेट तक पहुंच एक मौलिक मानव अधिकार है. "एक्सेस नाऊ" संस्था के मुताबिक, 'अनुचित इंटरनेट बंदी गैरकानूनी और असंगत होती है', जबकि एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा, 'यह बंदी न केवल सूचना का गला घोंटती है, बल्कि लोकतंत्र की नींव को भी हिला देती है." मानवाधिकार संगठन "ह्यूमन राइट्स वॉच" ने भी चेताया कि 'सुरक्षा के नाम पर पूरे नागरिक समाज को दंडित करना एक खतरनाक मिसाल कायम करता है.'
मानवाधिकार आयोग ने मांग की है कि बलूचिस्तान में इंटरनेट और मोबाइल सेवाएं तुरंत बहाल की जाएं और सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए आधुनिक और लक्षित उपायों को अपनाया जाए, न कि पूरे समाज को दंडित किया जाए.
साथ ही आयोग ने पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट और बलूचिस्तान हाईकोर्ट से आग्रह किया है कि वे इस मामले का तुरंत संज्ञान लें और बलूचिस्तान के लोगों को वही नागरिक और संवैधानिक अधिकार दिलाएं जो देश के अन्य हिस्सों में नागरिकों को प्राप्त हैं.
दूसरी बार अमेरिकी दौरे पर जाएंगे मुनीर
गौरतलब है कि बलूचिस्तान में लंबे समय से आज़ादी की मांग को लेकर आंदोलन जारी है. विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने समय-समय पर बलूच नेताओं और आम नागरिकों पर पाकिस्तानी बलों द्वारा की जा रही ज्यादतियों पर चिंता जताई है.
वहीं इन सब चुनौतियों से बेफिक्र पाकिस्तानी आर्मी चीफ आसिम मुनीर एक बार फिर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से मिलने की तैयारी में है. भारत को नीचा दिखाने के लिए ट्रंप ने उसे एक बार फिर न्योता भेजा है. वहीं उसके खिलाफ ना केवल बलोचिस्तान बल्कि पूरे पाकिस्तान में असंतोष बढ़ता जा रहा है.
यकीनन बलोचिस्तान के जो हालात हैं. उसके लिए जितनी जिम्मेदार पाकिस्तान की सरकार है. उससे कहीं ज्यादा कसूरवार पाकिस्तान की फौज है क्योंकि मुनीर की फौज बलोचिस्तान में हद से ज़्यादा जुल्म करती है. मगर पिछले कुछ महीनों में जिस तरह BLA और TTP ने हाथ मिलाया है..उसके बाद पाकिस्तानी आर्मी चीफ की मुश्किल बहुत ज़्यादा बढ़ सकती है.