KN Rajanna Resign: कर्नाटक कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री केएन राजन्ना ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. इससे पहले उन्होंने अपनी पार्टी को लेकर बड़ा बयान दिया था.
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KN Rajanna Resign: कर्नाटक की कांग्रेस सरकार में सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. बताया जा रहा है कि पार्टी हाईकमान ने उन्हें पद से हटने के लिए कहा था. राजन्ना पर आरोप है कि उन्होंने अपनी ही पार्टी पर आलोचना की थी. उन्होंने वोटर लिस्ट में गड़बड़ियों के लिए कांग्रेस पार्टी को ही जिम्मेदार ठहराते हुए कहा था,'कांग्रेस को शर्म आनी चाहिए.'
केएन राजन्ना ने कहा था,'मतदाता सूची तब तैयार हुई थी जब कांग्रेस की सरकार थी. उस समय क्या सब लोग आंखें बंद करके बैठे थे? ये गड़बड़ियां हुई, ये सच है और हमें इस पर शर्म आनी चाहिए.' राजन्ना का कहना है,'कांग्रेस पार्टी को जब आपत्ति दर्ज करनी चाहिए थी, तब वह चुप रही. हमने उस समय ध्यान नहीं दिया. भविष्य में सतर्क रहना जरूरी है.'
#WATCH | Bengaluru, Karnataka: KN Rajanna leaves from Vidhana Soudha. He resigned from the cabinet post today. pic.twitter.com/GKhsg0X4OB
— ANI (@ANI) August 11, 2025
उन्होंने आगे कहा,'महादेवपुरा में तो सीधी धोखाधड़ी हुई, एक व्यक्ति का नाम तीन जगह दर्ज था और उसने तीनों जगह वोट डाला. ड्राफ्ट मतदाता सूची बनते समय हमें नजर रखनी चाहिए और आपत्ति देनी चाहिए, लेकिन हमने तब चुप्पी साध ली और अब बात कर रहे हैं.' राजन्ना के इस बयान के बाद पार्टी हाईकमान नाराज है. उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि राजन्ना पूरी तरह से गलत हैं और पार्टी आलाकमान उनके इस बयान का जवाब देगा.
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि कांग्रेस आला कमान की तरफ से राजन्ना को पद से हटाने का निर्देश दिया गया है. सूत्रों ने बताया कि दिन की शुरुआत कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल के जरिए मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को सुबह की गई कॉल से हुई.
दावे के मुताबिक वेणुगोपाल ने राजन्ना के बयान से हुई शर्मिंदगी पर पार्टी की नाराजगी जाहिर करते हुए सिद्धारमैया से मंत्री को तुरंत अपने मंत्रिमंडल से हटाने को कहा. कहा गया कि शुरुआत में सिद्धारमैया ने राजन्ना का इस्तीफा 10 दिन बाद स्वीकार करने का प्रस्ताव रखा था, हालांकि वेणुगोपाल अड़े रहे और उन्होंने मुख्यमंत्री को सीधे राहुल गांधी से बात करने की सलाह दी. सूत्रों के मुताबिक सिद्धारमैया और राहुल गांधी के बीच बातचीत बहुत कम और सटीक रही. कांग्रेस के एक सूत्र के मुताबिक राहुल गांधी का संदेश साफ था कि,'मैं उनके इस्तीफे की बात नहीं कर रहा, उन्हें बर्खास्त कर दो,'
इस्तीफे के बाद केंद्रीय राज्य और भाजपा नेता मंत्री शोभा करंदलाजे ने कहा,'मैं कांग्रेस से पूछना चाहती हूं कि उन्होंने केएन राजन्ना से इस्तीफा क्यों लिया? ऐसा इसलिए क्योंकि राजन्ना जी ने सच बोला था. कांग्रेस नहीं चाहती कि सच सामने आए. वे संसद के अंदर और बाहर दोनों जगह झूठ फैलाते हैं.'
भाजपा विधायक वाई भरत शेट्टी ने कहा,'इसलिए अगर कोई गलत काम हुआ है तो उसके लिए पूरी तरह से कांग्रेस जिम्मेदार है. राजन्ना ने खुलकर कहा है कि कोई भी देख सकता है कि इस तरह के गलत काम कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में ही हुए हैं.'
Bengaluru, Karnataka: On the resignation of KN Rajanna from the ministerial post, BJP MLA Y Bharat Shetty says, "...So the Congress is solely responsible if any wrongdoing has been done. Rajanna has come out in the open and stated that anyone can see such wrongdoing occurred… pic.twitter.com/Kw9wrHoTHP
— IANS (@ians_india) August 11, 2025
दूसरी तरफ राहुल गांधी ने चुनाव आयोग के 'वोट चोरी' मामले में शपथपत्र देने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि जिन दस्तावेजों का हवाला दिया गया है, वे चुनाव आयोग के अपने आंकड़े हैं. उन्होंने कहा,'ये उनका डेटा है, मेरा नहीं. ये सिर्फ ध्यान भटकाने की कोशिश है और यह सिर्फ बेंगलुरु में नहीं, बल्कि कई सीटों पर हुआ है.'