पाकिस्तान का परमाणु बम 'किडनैप'? मुनीर एंड कंपनी का सरेंडर! शहबाज शरीफ की सियासत में मचा 'बवंडर'!
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पाकिस्तान का परमाणु बम 'किडनैप'? मुनीर एंड कंपनी का सरेंडर! शहबाज शरीफ की सियासत में मचा 'बवंडर'!

Pakistan news: पाकिस्तानी पत्रकार आरजू काजमी ने कहा, 'यकीनन हम  न्यूक्लियर स्टेट तो बन गए हैं, लेकिन हमारे लोगों के पास रोटी नहीं है खाने के लिए, हम लोग अपने बिल पे नहीं कर पा रहे हैं, ज़िंदगी एक नॉर्मल तरीके से जो मुल्क में गुजारी जा सकती है वो जिंदगी अब पाकिस्तान में मुश्किल से मुश्किल होती चली जा रही है'.

पाकिस्तान का परमाणु बम 'किडनैप'? मुनीर एंड कंपनी का सरेंडर! शहबाज शरीफ की सियासत में मचा 'बवंडर'!

Shahbaz Sharif Islamabad Politics: भारत के साथ चार दिन की जंग में चालीस बार परमाणु बम की धमकी देने वाले पाकिस्तान को सांप सूंघ गया है. जी हां दावा है कि अब पाकिस्तान कभी भी परमाणु बम की धमकी नहीं देगा. लेकिन सवाल है कि क्यों और कैसे? दरअसल दावा किया जा रहा है कि पाकिस्तान का एटम बम किसी और के कब्जे में चला गया है. जिसके बाद प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से लेकर फील्ड मार्शल आसिम मुनीर तक के तेवर ढीले पड़ गए हैं. इज्जत बचाने के लिए उन्हें ये कहना पड़ गया है कि पाकिस्तान का एटम बम शांति के लिए है. 

पाकिस्तान के बदले सुर

पाकिस्तानी पब्लिक का एक तबका सुबह-शाम एटम बम-एटम बम की रट लगाए है. इस जमात के लोग नए-नए अंदाज में पुरानी बातों और बयानों को परोस कर खुद को वायरल कराना चाह रहे हैं. एक ने टीवी कैमरों और यू-ट्यूबर्स के कैमरे पर बोला- 'हमने बड़ी मुश्किल से एटम बम हासिल किया है. ये जो 130 एटॉमिक हमारे पास वेपन हैं. हम सिर्फ इसलिए बचे हुए हैं. क्योंकि हम एक न्यूक्लियर पावर है. ये न्यूक्लियर हथियार किराए के हथियार नहीं है. अच्छी तरह सुन लें...पाकिस्तान एक न्यूक्लियर मुल्क है! पाकिस्तान की एटमी मिसाइल एक अरसे से टारगेट लिए खड़ी हैं. पाकिस्तान आज एक एटमी कुवत है, पाकिस्तान के पास एटम बम है.'

एक दो जगह नहीं हर जगह बस यही राग बज रहा है-

सुबह...एटम बम  
शाम... एटम बम 
दोपहर..एटम बम 
रात में.. एटम बम 

जानते हैं 4 दिन की जंग में 40 बार एटम बम फोड़ने धमकी देने वाले पाकिस्तानियों का एटम बम फुस्स हो गया है. ख़बर है कि पाकिस्तानी अब कभी किसी मुल्क को एटम बम गिराने की धमकी नहीं देंगे. एटम बम पर पाकिस्तान ने 360 डिग्री का यू-टर्न ले लिया है. पीएम शहबाज़ शरीफ ने तो बकायदा एक बयान जारी करके इसका ऐलान कर दिया है. जिसमें उन्होंने कहा है कि हमारा देश परमाणु हथियारों का इस्तेमाल 'शांतिपूर्ण उद्देश्यों और आत्मरक्षा' के लिए करता है, न कि हमले के लिए.'

नौ सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली

भई वाह! मियां शहबाज़ शरीफ साहब इसे ही कहते हैं नौ सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली. ऑपरेशन सिंदूर से पहले तक तो पूरा पाकिस्तान दहाड़ मारमारकर एटम बम गिराने की धमकी दे रहा था. अब अचानक पाकिस्तान का इस्लामिक बम शांति प्रिय कैसे हो गया. पता है इसकी वजह क्या है? दरअसल इसकी वजह है 7 मई को भारत का ताबड़तोड़ हमला. जिसने पाकिस्तान का कुछ ऐसा इलाज  किया है कि उसके दिमाग से परमाणु बम का भूत उतर गया है और परमाणु बम को भूलकर अवाम की रोटी के लिए रोजी-रोटी का जुगाड़ करने की बात कही जा रही है.

अब सवाल ये है कि परमाणु बम की गीदड़भभकी देने वाले पाकिस्तान का सुर क्यों बदला?

डिफेंस एक्सपर्ट्स के मुताबिक इसके पीछे 4 वजह हो सकती हैं.

पहली वजह- भारत की सैन्य ताकत का डर
दरअसल ऑपरेशन सिंदूर ने दिखाया कि भारत न सिर्फ आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर सकता है, बल्कि वो पाकिस्तान की सीमा में घुसकर भी हमला करने से नहीं हिचकता। भारत की यह आक्रामक रणनीति पाकिस्तान के लिए एक बड़ा झटका थी। भारत की सैन्य तैयारियों और तकनीकी ताकत ने पाकिस्तान को सोचने पर मजबूर कर दिया कि परमाणु धमकी देना अब आसान नहीं।

दूसरी वजह- अंतरराष्ट्रीय दबाव
भारत ने ऑपरेशन सिंदूर को आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई के तौर पर पेश किया, जिसे कई देशों ने स्वीकार किया. दूसरी तरफ पाकिस्तान पहले से ही आतंकवाद को समर्थन देने के लिए वैश्विक मंचों पर आलोचना झेल रहा है. अगर पाकिस्तान ने इस मौके पर परमाणु हथियारों की धमकी दी, तो वो और अलग-थलग पड़ सकता है. शहबाज का 'शांतिपूर्ण मकसद' वाला बयान इसी दबाव को कम करने की कोशिश है.

तीसरी वजह- आर्थिक और आंतरिक कमजोरी
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले से ही डगमगा रही है. जिसे जैसे-तैसे कंधा देकर IMF ने संभाला है. पाकिस्तान में तो चर्चा इस बात की भी है कि IMF ने लोन के बदले पाकिस्तान का एटम बम गिरवी रख लिया है. अब जब पाकिस्तान के पास एटम बम का बटन है ही नहीं तो फिर धमकी किस बात की देगा.

यू-ट्यूबर पठान भाई का कहना है कि लोग बोलते हैं ना कि पाकिस्तान एटम बम रखता है, चला देगा, पाकिस्तानी भी बोलते हैं, भैया मैंने पहले भी बोला है, आज भी बोल रहा हूं, आगे भी बोलूंगा. पाकिस्तान ने एटम बम रखा तो होगा, लेकिन चाबी USA के पास है, अमेरिका बहादुर के पास है, पाकिस्तान की हिम्मत नहीं है कि वो न्यूक्लियर वेपन के पास भी जाए.

चौथी वजह- पाकिस्तान में गृहयुद्ध जैसे हालात
पाकिस्तान में बलोचिस्तान और खैबर पख़्तुन्वां सुलग रहा है. सैन्य और राजनीतिक नेतृत्व के बीच तनाव चरम पर है. खबरें तो ये भी है कि मुनीर किसी भी वक्त तख़्तापलट कर सकता है. लिहाजा आंतरिक उथल-पुथल के बीच एटम बम को लेकर दिया गया कोई भी बयान शहबाज़ के लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है.

 

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श्वेतांक रत्नाम्बर

जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली से जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन की पढ़ाई और पॉलिटिकल साइंस में भी ग्रेजुएशन. 21 साल से पत्रकारिता में सक्रिय. राजनीतिक खबरों से ख़ास लगाव. फिलहाल ज़ी न्यूज (...और पढ़ें

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