Asim Munir: पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता ने सेना प्रमुख असीम मुनीर को लेकर बड़ा दावा किया है. उन्होने फील्ड मार्शल मुनीर के खतरनाक इरादों के बारे में भी जिक्र किया है. इसके अलावा प्रवक्ता ने कहा कि भारत के बारे में मुनीर के विचार 16 अप्रैल को उनके भाषण के दौरान साफ हो गए थे.
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Pakistan: पाकिस्तान की एक और नापाक साज़िश बेनकाब हो गई है. हाल ही में पाकिस्तानी सेना ने एक ऐसा बयान दिया है जिससे उसके खतरनाक इरादे साफ़ ज़ाहिर हो गए हैं. सेना के एक प्रवक्ता ने कहा है कि अगर भारत और पाकिस्तान के बीच कभी तनाव बढ़ता है, तो उनके आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर भारत के भीतर तक हमला करना चाहते हैं. पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने The Economist को दिए इंटरव्यू में दावा किया है.
उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर की मंशा है कि अगर भविष्य में भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव बढ़ता है, तो पाकिस्तान भारत के अंदर तक हमला करने की योजना बना सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि असीम मुनीर का मकसद है कि भारत को बातचीत के लिए मेज़ पर लाया जाए. यह वही रुख है जिसे पाकिस्तान की सरकार लंबे वक्त से दोहराती आई है. यानी जब तक भारत बातचीत के लिए तैयार नहीं होता, तब तक दबाव बनाना ज़रूरी है. द इकोनॉमिस्ट से बात करते हुए जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने कहा कि मुनीर 'भारत को वार्ता की मेज पर लाना चाहते हैं.'
जबकि, प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान को चेतावनी दी कि भविष्य में भारतीय धरती पर होने वाले किसी भी आतंकी हमले को अब युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा और पड़ोसी देश को उचित जवाब दिया जाएगा. जिस तरह से पहलगाम हमले के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर तहत मुंहतोड़ जवाब दिया गया. पीएम मोदी की इस चेतावनी के बारे में पूछे जाने पर चौधरी ने कहा कि पाकिस्तान अब भारत पर 'पूर्व की तरफ' से हमला करेगा.
पाकिस्तानी सैन्य प्रवक्ता ने द इकोनॉमिस्ट को बताया, 'हम पूर्व से हमले की शुरुआत करेंगे. उन्हें यह भी समझना होगा कि उन पर हर जगह हमला हो सकता है.' हालांकि, उन्होंने तफसील से जानकारी नहीं दी. उन्होंने कहा कि भारत के बारे में मुनीर के विचार 16 अप्रैल को उनके खिताब के दौरान साफ हो गए थे, जो जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकवादी हमले से कुछ दिन पहले था.
वहीं, पहलगाम हमले से पहले अपने भड़काऊ भाषण में मुनीर ने कहा था कि हिंदू और मुसलमान एक-दूसरे से बुनियादी तौर पर अलग हैं. उन्होंने कश्मीर को 'पाकिस्तान की गले की नस' भी बताया था और इस इलाके के लोगों के 'संघर्षों' के साथ खड़े होने का संकल्प लिया. चौधरी ने बताया कि अपने भाषण में मुनीर ने साफ रूप से बताया कि, 'वह किस बात के लिए खड़े हैं, वह किसके लिए मरने को तैयार हैं.' रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मुनीर की जोखिम उठाने की क्षमता पूर्व जनरल क़मर जावेद बाजवा से कहीं ज़्यादा है. इसमें कहा गया है कि जहां बाजवा भारत के साथ शांत कूटनीति के पक्षधर थे, वहीं मुनीर ने ज़्यादा आक्रामक रुख़ अपनाया है.
रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि मुनीर ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के हवाई हमलों का जवाब देकर इंटरनेशनल दबाव का विरोध किया. पाकिस्तानी सैन्य प्रवक्ता की यह टिप्पणी मुनीर के भारत-विरोधी एजेंडे की पुष्टि करती है, जिसे भारत ने ऑपरेशन सिंदूर पर राजनयिक संपर्क के दौरान बार-बार उठाया है.
रिपोर्ट में पाकिस्तान में मुनीर की बढ़ती लोकप्रियता का भी ज़िक्र किया गया है. सेना समर्थित सरकार के पास अब दो-तिहाई संसदीय बहुमत है, जिससे संवैधानिक बदलाव की संभावनाएं बढ़ गई हैं. ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि फील्ड मार्शल राष्ट्रपति पद के लिए भी दावेदारी पेश कर सकते हैं, हालांकि चौधरी ने इन दावों को 'बकवास' बताकर खारिज कर दिया है. फिर भी सत्ता पर मुनीर की पकड़ निर्विवाद है. मई में फील्ड मार्शल के पद पर पदोन्नत हुए. यह एक बड़ा सम्मान है जो पहली बार किसी सैन्य शासक को दिया गया. लेकिन, आलोचक इसे 'असीम कानून' कहते हैं, जो औपचारिक मार्शल लॉ के बिना सैन्य प्रभुत्व का एक अप्रत्यक्ष निशानी है. जेल में बंद और चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने 24 जुलाई को जेल से कहा कि पाकिस्तान 'असीम कानून' के अधीन है.
मुनीर के विचार बाकियों ( पू्र्व सेना अध्यक्ष ) से थोड़े अलग हैं. वह एक इमाम के बेटे हैं, मदरसे में पढ़ाई की है और पूरा कुरान ज़बानी याद है. वह पहले ऐसे पाकिस्तानी सेना प्रमुख हैं, जिन्हें पश्चिमी देशों में कोई ट्रेनिंग नहीं मिला. फिर भी उनके प्रवक्ता कहते हैं कि वह दुनिया के मामलों की अच्छी समझ रखते हैं. अब जब अमेरिका की दिलचस्पी फिर से बढ़ी है (ट्रंप से लंच, अमेरिका से तेल समझौता), और देश में उनकी मौजूदा सूरते हाल मजबूत है, तो मुनीर अमेरिका से रिश्तों को फिर से बेहतर करने की कोशिश कर रहे हैं.
हालांकि, वह कहते हैं कि अमेरिका से नज़दीकी बढ़ाने का मतलब यह नहीं कि चीन के साथ रणनीतिक साझेदारी कमजोर होगी. फिलहाल, मुनीर का ध्यान भारत पर ही केंद्रित लगता है. उनके प्रवक्ता ने चेतावनी दी है कि जंग का मैदान सिर्फ कश्मीर तक सीमित नहीं रहेगा.
FAQs
1. सवाल: पहलगाम में आतंकियों ने हमला किया था?
जवाब: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने 22 अप्रैल को हमला किया था, जिसमें 26 लोगों की मौत हो थी.
2. सवाल: भारतीय सेना पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों को तबाह करने के लिए ऑपरेशन सिंदूर कब शुरू की थी?
जवाब: भारतीय सेना पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों को नेस्तोनाबूद करने के लिए 6-7 मई की रात को ऑपरेशन सिंदूर के तहत कार्रवाई की थी.
3. सवाल: ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में कितने आतंकीवादी ठिकाने तबाह हुए थे और कितने आतंकवादी मारे गए थे?
जवाब: भारत की कार्रवाई में पाकिस्तान में मौजूद 9 आतंकीवादी ठिकाने तबाह हुए थे, जबकि 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए थे.