इस भयानक बीमारी से मुक्त हुआ अफ्रीकी देश केन्या, WHO ने की घोषणा
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इस भयानक बीमारी से मुक्त हुआ अफ्रीकी देश केन्या, WHO ने की घोषणा

Sleeping Sickness: विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अफ्रीकी देश केन्या को स्लीपिंग सिकनेस नाम की बीमारी से मुक्त घोषित कर दिया है.  इस उपलब्धि को हासिल करने वाला केन्या 10वां देश बन चुका है. 

 

 इस भयानक बीमारी से मुक्त हुआ अफ्रीकी देश केन्या, WHO ने की घोषणा

Kenya Sleeping Sickness: अफ्रीकी देश केन्या को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मानव अफ्रीकी ट्रिपैनोसोमायसिस यानी स्लीपिंग सिकनेस से मुक्त घोषित कर दिया है. केन्या इस उपलब्धि को हासिल करने वाला 10वां देश बन चुका है.  WHO के डायरेक्टर जनरल अधानोम घेब्रेयसस ने नैरोबी में एक बयान जारी कर कहा,' मैं केन्या की सरकार और जनता को इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर बधाई देता हूं. यह प्रमाणन अफ्रीका को उपेक्षित रोगों से मुक्त करने की दिशा में एक और कदम है.' 

स्लीपिंग सिकनेस से मुक्त हुआ केन्या 
बता दें कि स्लीपिंग सिकनेस केन्या में समाप्त किया गया दूसरा ट्रॉपिकल डिजीज है. इससे पहले साल 2018 में देश को गिनी वॉर्म रोग से मुक्त घोषित किया गया था. यह रोग ट्रिपैनोसोमा नाम प्रोटोजोअन पैरासाइटके कारण होता है, जो संक्रमित त्से-त्से मक्खियों के काटने से फैलता है. इसके प्रमुख लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, जोड़ों में दर्द और एडवांस स्टेज में मेंटल कन्फ्यूजन, नींद की गड़बड़ी और व्यवहार में परिवर्तन जैसी समस्याएं हैं.  

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कब आया था पहला मामला? 
केन्या के स्वास्थ्य मंत्री एडन डुएले ने कहा कि WHO का यह सर्टिफिकेशन देश की सार्वजनिक स्वास्थ्य सुरक्षा को मजबूत करने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है. केन्या में इस बीमारी का पहला मामला 20वीं सदी की शुरुआत में सामने आया था. आखिरी 2 निर्यातित मामले साल 2012 में मशहूर मासाई मारा नेशनल रिजर्व में पाए गए थे. 

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सर्विलेंस सिस्टम को किया मजबूत 
बीते कुछ सालों में केन्या ने 6  ऐतिहासिक रूप से प्रभावित जिलों के 12 स्वास्थ्य केंद्रों में सर्विलेंस सिस्टम को मजबूत किया है. इन केंद्रों को सेंटिनल साइट्स के रूप में विकसित किया गया है, जहां मॉडर्न टेस्टिंग इक्विपमेंट और ट्रेनर्स की मदद से नए संक्रमण को रोका जा रहा है. WHO के केन्या प्रतिनिधि अब्दुरहमान डियालो ने कहा कि दूरदर्शी नेतृत्व और साझेदारियों ने इस उपलब्धि को संभव बनाया. यह सर्टिफिकेशन न केवल केन्या के लिए बल्कि पूरे अफ्रीकी आइलैंड के लिए प्रेरणा है. यह उपलब्धि दर्शाती है कि निरंतर प्रयास, वैज्ञानिक तकनीक और सामुदायिक भागीदारी से उपेक्षित रोगों को खत्म किया जा सकता है.  

F&Q 
 
केन्या किस समस्या से मुक्त हुआ है? 
केन्या स्लीपिंग सिकनेस से मुक्त हुआ. 

स्लीपिंग सिकनेस क्या है और कैसे फैलता है? 
स्लीपिंग सिकनेस ट्रिपैनोसोमा नामक प्रोटोजोअन पैरासाइट के कारण होता है, जो संक्रमित त्से-त्से मक्खियों के काटने से फैलता है. इसके प्रमुख लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, जोड़ों में दर्द और मेंटल कन्फ्यूजन शामिल हैं. 

केन्या में स्लीपिंग सिकनेस का पहला मामला कब सामने आया था?
केन्या में इस बीमारी का पहला मामला 20वीं सदी की शुरुआत में सामने आया था. आखिरी 2 निर्यातित मामले साल 2012 में मशहूर मासाई मारा नेशनल रिजर्व में पाए गए थे. 

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श्रुति कौल

ज़ी न्यूज में सब एडिटर. वनस्थली विद्यापीठ यूनिवर्सिटी राजस्थान से जर्नलिज्म और मास कम्युनिकेशन में ग्रेजुएशन. ये राष्ट्री-अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों, विज्ञान और ट्रेवल से जुड़े विषयों पर लिखती हैं. लिख...और पढ़ें

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