CRPF कोबरा 'ड्रोन कमांडो' से होगी लैस, नक्सल विरोधी ऑपरेशन्स को यूं देगा अंजाम; दुश्मनों में मचाएगा कोहराम
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CRPF कोबरा 'ड्रोन कमांडो' से होगी लैस, नक्सल विरोधी ऑपरेशन्स को यूं देगा अंजाम; दुश्मनों में मचाएगा कोहराम

CRPF Cobra LGS drone: LGS ड्रोन को खास तौर पर ऐसे मुश्किल इलाकों में काम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जहाँ जवानों को बहुत खतरा होता है.

CRPF कोबरा 'ड्रोन कमांडो' से होगी लैस, नक्सल विरोधी ऑपरेशन्स को यूं देगा अंजाम; दुश्मनों में मचाएगा कोहराम

CRPF Cobra drones: भारत के नक्सल विरोधी अभियानों में जल्द ही एक बड़ा बदलाव आने वाला है. BONV AEROS नाम की कंपनी ने अपना खास LGS ड्रोन यानी लॉन्च-एंड-गो सिस्टम ड्रोन सीआरपीएफ की कोबरा यूनिट के ट्रायल्स में अपनी युद्धक क्षमता साबित कर दी है. यह 'ड्रोन कमांडो' अब जंगलों में छिपे दुश्मनों का पता लगाने और उन पर नजर रखने में जवानों की मदद करेगा, जिससे नक्सल विरोधी अभियान और भी सुरक्षित और सफल बनेंगे.

  1. रियल टाइम डेटा व फुटेज देने में सक्षम LSG ड्रोन
  2. घने जंगल में ऑपरेशन को अंजाम देने में मददगार

क्या है BONV AEROS का LGS ड्रोन
BONV AEROS ने एक खास तरह का ड्रोन सिस्टम बनाया है, जिसे LGS (लॉन्च-एंड-गो सिस्टम) ड्रोन नाम दिया गया है. यह ड्रोन खासकर मुश्किल और घने इलाकों और नक्सल प्रभावित जंगल में निगरानी और टोही मिशन के लिए तैयार किया गया है.

इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे बहुत तेजी से और आसानी से लॉन्च किया जा सकता है, जिससे तुरंत जरूरत पड़ने पर भी इसका इस्तेमाल हो सके. यह ड्रोन आधुनिक सेंसर और कैमरा से लैस है, जो दिन और रात दोनों में काम कर सकते हैं.

CRPF COBRA ट्रायल्स में रहा सफल
CRPF की कमांडो बटालियन फॉर रेजोल्यूट एक्शन (COBRA) यूनिट ने इस LGS ड्रोन का सफल ट्रायल किया है. ये ट्रायल्स नक्सल प्रभावित इलाकों में ही किए गए, जहां ड्रोन को वास्तविक परिस्थितियों में परखा गया.

इस ट्रायल के दौरान, ड्रोन ने दुश्मनों की गतिविधियों का पता लगाने, उनकी लोकेशन ट्रैक करने और जवानों को रियल-टाइम में जानकारी देने में अपनी क्षमता को बखूबी साबित किया. इसने कोबरा कमांडो को ऑपरेशन के दौरान बेहतर सिचुएशनल प्रदान की.

नक्सल विरोधी अभियानों में कैसे देगा मदद?
रिपोर्ट के मुताबिक, ड्रोन जंगल के अंदरूनी हिस्सों में जाकर दुश्मनों के ठिकानों और गतिविधियों की निगरानी कर सकता है, जिससे जवानों को सीधे जोखिम में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. वहीं, यह ड्रोन रियल-टाइम में वीडियो और डेटा भेज सकता है, जिससे कमांडरों को तुरंत फैसला लेने में मदद मिलेगी.

साथ ही, इसमें लगे एडवांस सेंसर रात के अंधेरे में भी काम करते हैं, जिससे रात के ऑपरेशन्स में भी मदद मिलेगी. इतना ही नहीं, दुश्मन की सही लोकेशन और उनकी संख्या का पता चलने से ऑपरेशन्स की योजना बेहतर तरीके से बनाई जा सकेगी, जिससे सफलता की दर बढ़ेगी और नुकसान कम होगा.

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प्रशांत सिंह

इससे पहले न्यूज 24, इनशॉर्ट्स, शेयरचैट जैसे संस्थानों में स्पेशल प्रोजेक्ट्स और बतौर टीम लीड की जिम्मेदारी निभा चुका हूं.

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