भारत का पहला AIIMS नई दिल्ली में 4 अप्रैल 1952 को कोलंबो प्लान के तहत न्यूजीलैंड की मदद से स्थापित हुआ. 2 जून 1956 को AIIMS Act से इसे राष्ट्रीय महत्व का दर्जा मिला. पहले डायरेक्टर डॉ. बी. बी. दीक्षित थे. यह शिक्षा, इलाज और रिसर्च का प्रमुख केंद्र है.
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AIIMS, यानी All India Institute of Medical Sciences, आज भारत में मेडिकल शिक्षा, रिसर्च और इलाज का सबसे बड़ा नाम है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश का पहला AIIMS कब और कैसे बना? इसकी शुरुआत की कहानी काफी दिलचस्प है.
शुरुआत की नींव
पहला AIIMS नई दिल्ली में बना. इसकी नींव 4 अप्रैल 1952 को रखी गई थी. यह सिर्फ भारत का प्रोजेक्ट नहीं था, बल्कि इसमें विदेश से भी मदद मिली. न्यूजीलैंड सरकार ने कोलंबो प्लान के तहत इस संस्थान के लिए आर्थिक सहायता दी. उसी दिन न्यूजीलैंड के मंत्री J.T. Watts ने इसका शिलान्यास किया.
कानूनी पहचान
AIIMS को सिर्फ अस्पताल बनाने का नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय स्तर का मेडिकल इंस्टीट्यूट बनाने का सपना था. इस सपने को पूरा करने के लिए संसद में बिल पेश हुआ. 18 फरवरी 1956 को, स्वास्थ्य मंत्री राजकुमारी अमृत कौर ने लोकसभा में बिल पेश किया. 2 जून 1956 'AIIMS Act, 1956' पास हुआ और AIIMS को 'Institute of National Importance' का दर्जा मिला. इससे AIIMS को पढ़ाई, रिसर्च और इलाज के लिए पूरी आजादी मिल गई.
पहला नेतृत्व
AIIMS, नई दिल्ली के पहले डायरेक्टर डॉ. बी. बी. दीक्षित बने. शुरुआत से ही यहां फोकस पोस्ट-ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन, एडवांस्ड ट्रीटमेंट और रिसर्च पर रहा. धीरे-धीरे यह देशभर के डॉक्टरों और छात्रों के लिए एक सपना बन गया.
क्या है खास?
यहां दुनिया के बेहतरीन मेडिकल कोर्स और ट्रेनिंग मिलती है. मुशकिल और गंभीर बीमारियों का एक्सपर्ट इलाज होता है. नई मेडिकल रिसर्च और तकनीक पर लगातार काम होता है. AIIMS, नई दिल्ली ने ही वो मानक तय किए जिनसे भारत के बाकी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल प्रेरणा लेते हैं.