सिंगापुर की सरकार ने बुधवार 28 फरवरी 2024 को एक बयान जारी करते हुए कहा कि देश में फर्टिलिटी रेट 1 फीसदी से कम होकर 0.97 फीसदी हो गई है. यह सिंगापुर के इतिहास में सबसे नीचे लेवल पर है.
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नई दिल्ली: भारत में एक ओर जहां बढ़ती आबादी परेशानी का कारण बन रही है तो वहीं कुछ ऐसे भी देश हैं, जहां घटती जनसंख्या वहां की सरकार और जनता के लिए मुसीबत बन रही है. ऐसा ही एक एशियाई देश है सिंगुपार, जहां कुल प्रजनन दर ( total fertility rate) में तेजी से गिरावट देखने को मिल रही है.
सिंगापुर में फिसला फर्टिलिटी रेट
सिंगापुर की सरकार ने बुधवार 28 फरवरी 2024 को एक बयान जारी करते हुए कहा कि देश में फर्टिलिटी रेट 1 फीसदी से कम होकर 0.97 फीसदी हो गई है. यह सिंगापुर के इतिहास में सबसे नीचे लेवल पर है. सरकार की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक सिंगापुर में साल 2023 में सिर्फ 30,500 बच्चे ही पैदा हुए हैं. इससे पहले साल 2022 में सिंगापुर में बर्थ रेट 1.05 देखी गई थी. साल 2021 में यह 1.12 और साल 2020 में यह 1.1 थी.
शादियों में भी आई गिरावट
सिंगापुर के प्राइम मिनिस्टर ऑफिस की मंत्री इंद्रानी राजाह ने पार्लियामेंट को जानकारी देते हुए बताया कि देश में शादी करने की रफ्तार में भी भारी गिरावट देखी गई है. बीते साल 2023 में देश में सिर्फ 26,500 शादियां ही हुई थीं. सिंगापुर उन देशों की लिस्ट में शामिल हो चुका है, जहां आबादी बेहद खतरनाक रूप से कम हो रही है. साउथ कोरिया 0.72 फीसदी के साथ फर्टिलिटी रेट में सबसे निचले स्तर पर है.
जनसंख्या कम होने के कारण
इंद्रानी राजाह के मुताबिक सिंगापुर में जनसंख्या कम होने के कई कारण हैं. इनमें बच्चों के पालन पोषण में होने वाले खर्चे में बढ़ोत्तरी होना, कोविड के दौरान तलाक के मामले बढ़ना और बच्चे की परवरिश और काम के दबाव के बीच संतुलन न बिठा पाना सबसे प्रमुख वजहें हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक सिंगापुर की आबादी बूढ़ी हो रही है. ऐसे में वहां काम करने वाले लोगों की कमी हो सकती है, जिससे सिंगापुर की अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान पहुंच सकता है.
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