हमास और इजरायल के बीच एक तीन चरणों का समझौता हुआ था, जिनमें से पहला पूरा हो चुका है, लेकिन दूसरा चरण की बातचीत फिलहाल शुरू ही नहीं हो पाई है. इसी बीच अब हमास ने इजरायल के सामने एक शर्त रख दी है.
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नई दिल्ली: हमास ने स्पष्ट कर दिया है कि इजरायल अपने बंधकों को सिर्फ एक शर्त पर ही वापस पा सकते हैं और वो शर्त है पहले से तय किया गया समझौता. इसमें कैदियों की अदला-बदली समझौता किया गया था, इसी के जरिए ही इजरायल को उनके लोग वापस मिल सकते हैं. हमास के वरिष्ठ नेता महमूद मर्दावी ने बीते रविवार को एक प्रेस बयान में यह बात कही. उन्होंने इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर तंज कसते हुए कहा कि अगर उन्हें लगता है कि गाजा में भुखमरी फैलाकर वह अपने मकसद में कामयाब हो जाएंगे तो वे गलतफहमी में हैं.
समझौते का दूसरा चरण अटका
बता दें कि हमास और इजरायल के बीच एक तीन चरणों का समझौता हुआ था. पहला चरण 42 दिनों का था, जिसमें गाजा में मानवीय मदद, खाना औ दवाइयां बढ़ाने की बात तय की गई थी. यह चरण बीते शनिवार को खत्म हुआ है. अब दूसरे चरण में बातचीत होनी थी, जिसमें इजरायल को गाजा से पूरी तरह हटना था और एक स्थायी युद्धविराम करना था, बदले में हमास बाकी बंधकों को रिहा करने वाला था, लेकिन यह बातचीत शुरू ही नहीं हो पाई.
समझौते की शर्ते लागू करना चाहता है हमास
महमूद मर्दावी ने समाचार एजेंसी सिन्हुआ को बताया कि हमास समझौते की सभी शर्तों को पूरी तरह लागू करना चाहता है. उन्होंने मध्यस्थों से अपील की है कि वे इजरायल पर दबाव डालें, ताकि वह समझौते का पालन करें.
इजरायल ने रोकी सप्लाई
इजरायल का कहना है कि वह पहले चरण को रमजान और पासओवर (यहूदी त्योहार) यानी 20 अप्रैल तक बढ़ाने के लिए तैयार हैं. यह सुझाव अमेरिका के एक पुराने अफसर स्टीव विटकॉफ ने दिया था, लेकिन साथ ही इजरायल ने गाजा में सारी चीजों की सप्लाई रोकने का भी फैसला किया. इजरायल का कहना है कि हमास ने अमेरिकी सुझाव को ठुकरा दिया, इसलिए उन्हें इस तरह का कदम उठाना पड़ा.
हमास ने जताई नाराजगी
हमास ने इजरायल के इस फैसले की कड़ी आलोचना की है. उसने इसे गाजा युद्धविराम समझौते की बातचीत को टालने की कोशिश बताया. हमास का कहना है कि गाजा में मानवीय मदद रोकना एक सस्ता ब्लैकमेल, युद्ध अपराध और समझौते का जबरदस्त उल्लंघन करना है.
झगड़े की शुरुआत
7 अक्टूबर 2023 को हमास ने इजरायल पर बड़ा हमला किया था. इस हमले में करीब 1,200 लोग मारे गए और 251 लोगों को बंधक बना लिया गया. इसके बाद इजरायल ने गाजा पर जवाबी हमले शुरू किए, जहां हमास का कब्जा है. इजरायल के हमलों में अब तक 48,000 से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे गए हैं. संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि गाजा की दो-तिहाई इमारतें तबाह या क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं.
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