Trump Gaza Ceasefire Statement: गाजा में पिछले 21 महीने से नरसंहार जारी है. इस हिंसा में अब तक 60 हजार फिलिस्तीनियों की मौत हो गई है. जबकि 1.5 लाख से ज्यादा लोग जख्मी हुए हैं. इस बीच गाजा में सीजफायर को लेकर ट्रंप ने बड़ा बयान दिया है.
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Trump Gaza Ceasefire Statement: दुनिया भर के देश इजरायल और गाजा के बीच युद्ध को समाप्त करने के लिए सीजफायर की मांग कर रहे हैं. इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि उन्हें लगता है कि गाजा में युद्ध को समाप्त करने के लिए बातचीत सही दिशा में आगे बढ़ रही है.
ट्रंप ने यह बात तब कही जब उन्होंने अमेरिका में इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की मेजबानी की. उन्होंने भरोसा जताया कि हमास अब 21 महीने से चल रहे इस संघर्ष को समाप्त करने के लिए तैयार है. ट्रंप के मुताबिक कूटनीतिक बातचीत से जल्द ही इस संघर्ष का समाधान हो सकता है.
इस रिपोर्ट में किया गया बड़ा दावा
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "वे (हमास) मिलना चाहते हैं और वे युद्ध विराम चाहते हैं." ट्रंप और इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू के बीच यह मुलाकात ऐसे समय हुई है, जब कतर में इजरायल और हमास के बीच चल रही अप्रत्यक्ष वार्ता बिना किसी नतीजे के खत्म हो गई. हालांकि, उम्मीद है कि इस हफ्ते फिर से वार्ता शुरू हो सकती है.
ट्रंप ने किया बड़ा दावा
सोमवार को व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान, एक पत्रकार ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से पूछा कि गाजा में शांति समझौता किस वजह से रुक रहा है? इस पर ट्रम्प ने जवाब दिया, "मुझे नहीं लगता कि कोई रुकावट है. मुझे लगता है कि चीजें बहुत अच्छी तरह से आगे बढ़ रही हैं." जब उनसे और इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू से यह पूछा गया कि क्या फिलिस्तीनियों को कहीं और बसाने की कोई योजना है, तो ट्रम्प ने कहा कि उन्हें इजरायल के पड़ोसी देशों से इस मामले में सहयोग मिल रहा है.
फिलिस्तीनियों के लिए नेतन्याहू के पास खतरनाक प्लान
इस बीच, नेतन्याहू ने कहा कि वह अमेरिका के साथ मिलकर ऐसे देशों की तलाश कर रहे हैं जो फिलिस्तीनियों को बेहतर भविष्य देंगे. अगर लोग रहना चाहते हैं, तो वे रह सकते हैं, लेकिन अगर वे छोड़ना चाहते हैं, तो उन्हें छोड़ने में सक्षम होना चाहिए. वहीं, फिलिस्तीनी राष्ट्रपति ने पहले फिलिस्तीनियों को स्थानांतरित करने की योजनाओं को खारिज कर दिया था, जिसके बारे में उन्होंने कहा था कि यह अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन होगा.