Ramadan 2025 Sunnah: इस रमजान इन तीन सुन्नत का जरूर रखें ख्याल, मिलेगा खूब सवाब
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Ramadan 2025 Sunnah: इस रमजान इन तीन सुन्नत का जरूर रखें ख्याल, मिलेगा खूब सवाब

Ramadan 2025 Sunnah: रमजान के महीने की शुरुआत होने वाली है और ऐसे में हम आपको ऐसी तीन सुन्नत के बारे में बताने वाले हैं जिनका आपको जरूर ख्याल रखना चाहिए.

Ramadan 2025 Sunnah: इस रमजान इन तीन सुन्नत का जरूर रखें ख्याल, मिलेगा खूब सवाब

Ramadan 2025 Sunnah: रमजान के आने में कुछ ही दिन बाकि रह गए हैं. रमजान ऐसा पाक महीना है जिसमें मुसलमान न केवल रोजे रखते हैं, बल्कि कई और बुरा चीजों से भी परहेज करते हैं, इनमें से कई स्वभाव से जुड़ी बाते हैं. आज हम आपको ऐसी पांच सुन्नत बताने वाले हैं जो हर मुसलमान को रमजान में जरूर शामिल करनी चाहिए. तो आइये जानते हैं.

गुस्से पर काबू

मुफ्ती मोहम्मद शाकिर बताते हैं कि रमज़ान खुदा की इबादत करने का मौका है, और इससे ज्यादा सेल्फ कंट्रोल का वक्त है. हदीस मुवत्ता मलिक में बताया गया है कि पैगम्बर मोहम्मद (स.अ) कहते हैं,"रोज़े रखना तुम्हारे लिए एक सिक्योरिटी है, इसलिए जब तुम रोज़े में हो तो अश्लीलता या मूर्खतापूर्ण व्यवहार न करो, और अगर कोई तुमसे बहस करे या तुम्हें गाली दे तो कह दो, ‘मैं रोज़े में हूं. मैं रोज़े में हूं".

वालिदेन से अच्छा बर्ताव

चाहे आप अपने माता-पिता के साथ अपने ताल्लुकात में किसी भी स्तर पर हों, इस महीने इसे बेहतर बनाने की कोशिश करें. अगर आप किसी वजह से उनसे असहमत हैं, तो उनसे फिर से जुड़ने की पूरी कोशिश करें. अगर आप पहले से ही जुड़े हुए हैं, तो अपने व्यवहार और शिष्टाचार को खूबसूरत और बेहतर बनाने की कोशिश करें.

अबू हुरैरा (शाही मुस्लिम) बताते हैं एक शख्स अल्लाह के रसूल (स.अ) के पास आया और कहा: लोगों में से मेरे हाथ से अच्छे व्यवहार का सबसे ज्यादा हक़दार कौन है? उन्होंने कहा: तुम्हारी मां. उसने फिर पूछा: फिर (अगला कौन है)? उन्होंने कहा: फिर तुम्हारी मां है. उसने कहा: फिर (अगला कौन है)? मोहम्मग (स.अ) ने कहा: फिर, वह तुम्हारी मां है. उसने (फिर) कहा: फिर कौन? इस पर आप ने कहा: वह तुम्हारे पिता हैं.

अल्लाह के रसूल (स.अ) कहते हैं कि माता-पिता जन्नत के सबसे अच्छे दरवाजे हैं, इसलिए अगर तुम चाहो तो उस दरवाजे का फायदा उठाओ, या उसे खो दो." ( अल तिरमिद और इब्न मजाह)

गरीबों को खाना खिलाओ

पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) के जरिए सबसे ज़्यादा सवाब पाने वाला काम और सबसे ज़्यादा नसीहत किए जाने वाले कामों में से एक लोगों को खाना खिलाना है.

अल्लाह के रसूल (स.अ) कहते हैं,"जो कोई रोज़ेदार को इफ्तार के लिए खाना मुहैया कराता है, तो उसके लिए भी उतना ही सवाब है जितना उसका (रोज़ेदार के) सवाब में, रोज़ेदार के सवाब में कोई कमी नहीं की जाती." (तिरमिद)

वहीं दूसरी हदीस (अल बुखारी और शाही मुस्लिम) में अब्दुल्लाह बिन अम्र बिन अल-अस (रज़ियल्लाहु अन्हु) कहते हैं. एक व्यक्ति ने अल्लाह के रसूल (स.अ) से पूछा, "इस्लाम में कौन सा काम सबसे अच्छा है? आप (स.अ) ने जवाब दिया, “(गरीबों और जरूरतमंदों को) खाना खिलाना और उन लोगों को सलाम करना जिन्हें तुम जानते हो और जिन्हें तुम नहीं जानते.”

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