UN Concern Over Israel Plans: इजराइल की फिलिस्तीन और अपनी करीबी देशों में नस्लीय नरसंहार कर अवैध तरीके से जमीन हड़पने, जबरन विस्थापन को लेकर चिंता जताई है. यूएन ने इसे एक गंभीर समस्या बताते हुए विश्व समुदाय को आगाह किया है. इजराइल अपने खतरनाक मंसूबों के तहत फिलिस्तीन के एक और ऐतिहासिक शहर पर कब्जा करने की योजना बना रहा है.
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Israel occupied area in Palestine: इजराइल हिंसा के जरिये लगातार फिलिस्तीन के क्षेत्रों पर अवैध कब्जा कर अपनी विस्तारवादी नीति को मूर्त रुप देने में जुटा है. इजराइल इसी कड़ी में खूनी संघर्ष के जरिये फिलिस्तीन के एक और महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक क्षेत्र पर अवैध कब्जा कर नेशनल पार्क बनाने के मंसूबे बना रहा है. इसकी वजह से हजारों फिलिस्तिनियों पर बेघर होने का खतरा मंडराने लगा है.
दरअसल, इजराइल ने वेस्ट बैंक के ऐतिहासिक सेबस्तिया गांव में एक नया नेशनल पार्क बनाने की योजना को मंजूरी दे दी है. इस फैसले से फिलिस्तीनियों के बेघर होने और उनके सांस्कृतिक अधिकारों के खत्म होने का डर बढ़ गया है. इजरायल इस प्रोजेक्ट को अपनी यहूदी विरासत को संजोने वाली एक पुरातात्विक योजना बता रहा है, जबकि फिलिस्तीनी इसे उनकी जमीन और इतिहास को हड़पने की कोशिश मान रहे हैं.
हालिया दिनों इजराइल के हैरिटेज मंत्री ने ऐलान कर खरतरनाक मंसूबों को अमलीजामा पहनाने का ऐलान किया. इजरायल के हैरिटेज मंत्री अमीचाई एलियाहू ने सेबस्तिया में खुदाई शुरू करने और "समरिया नेशनल पार्क" बनाने का ऐलान किया है. अमीचाई एलियाहू खुद वेस्ट बैंक के निवासी हैं. अमीचाई एलियाहू के मुताबिक, यह पार्क विशेष रूप से यहूदी इतिहास को दर्शाएगा. 12 मई को अमीचाई एलियाहू खुद एक प्रतिनिधिमंडल के साथ सेबस्तिया पहुंचे और वहां के पुरातात्विक और ऐतिहासिक स्थल का दौरा किया.
हिंदुस्तान में छपी खबर के मुताबिक, स्थानीय फिलिस्तीनी निवासियों का कहना है कि यह पार्क केवल एक पुरातात्विक योजना नहीं है बल्कि एक ऐसी रणनीति है, जिससे उन्हें उनकी जमीन से हटाया जा सके. यह 1948 के नकबा की याद दिलाता है, जब हजारों फिलिस्तीनियों को उनके घरों से बेदखल कर दिया गया था. इजराइल के इस मंसूबे से क्षेत्र में संघर्ष बढ़ने की आशंका है.
एक स्थानीय निवासी ने कहा, "वे हमारी जमीन ले रहे हैं और कह रहे हैं कि यह नेशनल पार्क है. यह हमारी विरासत को चुराने और हमें हमारी ही जमीन से निकालने का तरीका है." पहले जहां सेबस्तिया एक मशहूर टूरिस्ट हब था, यहूदी देश के इस खतरनाक मंसूबे के फिलिस्तीन के लोगों को डर है कि पार्क बनने पर यह जगह उनके लिए हमेशा के लिए बंद हो जाएगी.
हालिया इजराइल के हमलों से परेशान फिलिस्तीन के लोगों इस परियोजना को अपने इतिहास और संस्कृति को मिटाने की कोशिश मानते हैं. उनका कहना है कि इससे उन्हें अपने ही ऐतिहासिक स्थलों तक पहुंच नहीं मिलेगी और उनकी सांस्कृतिक पहचान को गहरा नुकसान होगा.
बीते कुछ सालों में इजराइल ने वेस्ट बैंक और गाजा में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए कई खतरना कदम उठाए हैं. इनमें यहूदी बस्तियों का विस्तार, जमीन पर कब्जा और सुरक्षा क्षेत्रों का निर्माण शामिल है. अपने इन मंसूबों को पूरा करने के लिए इजराइली सेना ने हजारों निहत्थे फिलिस्तीनियों की हत्या कर चुकी है.
इजराइल की इस योजना पर संयुक्त राष्ट्र ने चिंता जताई है. संयुक्त राष्ट्र की एक समिति ने विश्व समुदाय को चेतावनी देते हुए आगाह किया कि इजराइल की यह नीतियां खतरनाक है और यह जमीन हड़पने, जबरन विस्थापन और नस्लीय जनसंहार है. यह गंभीर समस्याओं का हिस्सा है.
गाजा में हाल की यहूदी सेना की हिंसक कार्रवाई ने हजारों फिलिस्तीनियों को बेघर कर दिया है और उनकी कृषि योग्य जमीन को तबाह बरबाद कर दिया है. ऐसे में सेबस्तिया में नेशनल पार्क की यह योजना फिलिस्तीनियों के लिए एक और बड़ा संकट बनकर सामने आई है.
सेबस्तिया, फिलिस्तीन के वेस्ट बैंक में स्थित एक प्राचीन और ऐतिहासिक शहर है, जो रोमन, बाइजेंटाइन और इस्लामी सभ्यताओं के अवशेषों के लिए जाना जाता है. यहां एक प्राचीन रोमन एम्फीथिएटर और कई धार्मिक स्थल हैं, जो इसे ईसाइयों के लिए भी एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल बनाते हैं. फिलिस्तीनी अधिकारी सेबस्तिया को यूनेस्को की विश्व धरोहर की लिस्ट में शामिल कराने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं.
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