Udaipur Files: कथित मुस्लिम विरोधी फिल्म 'उदयपुर फाइल्स' बड़े बदलाव करने का सुझाव सामने आया है. यह सुझाव सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के जिरए गठित एक 5 सदस्यीय कमेटी ने दी है. पूरी खबर जानने के लिए नीचे स्क्रॉल करें.
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Udaipur Files: फिल्म 'उदयपुर फाइल्स' पर गठित कमेटी ने अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है. इस रिपोर्ट में फिल्म में इस्तेमाल की गई इस्लाम विरोधी डायलॉग्स और आपत्तिजनक सीन हटाने का सुजाव दी गई है. जमीयत उलेमा हिंद ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर 'उदयपुर फाइल्स' को रिलीज होने से रोकने की मांग की थी.
दरअसल, जमीयत उलेमा ए हिंद ने दिल्ली हाई कोर्ट में 'उदयपुर फाइल्स' के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की थी. जमीयत ने इस फिल्म पर मुस्लिम विरोधी और समाज में नफरत को बढ़ावा दने का इल्जाम लगाया था. इसके साथ ही कोर्ट से उदयपुर फाइल्स पर रोक लगाने की मांग की गई थी. हाई कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए फिल्म के रिलीज होने पर रोक लगाते हुए, इस फिल्म पर एक कमेटी बनाने का निर्देश दिया था. इसी कमेटी ने उदयपुर फाइल्स फिल्म में मौजूद आपत्तिजनक डायलॉग्स और कुछ सीन को हटाने का सुझाव दिया है.
कोर्ट के निर्देश पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने उदयपुर फिल्म की जांच के लिए एक 5 सदस्य कमेटी का गठन किया था. कमेटी ने सुझाव दिया है कि फिल्म के डिस्क्लेमर को बदला जाए ( कमेटी ने अपनी ओर से नया डिस्क्लेमर सुझाया है). इसके साथ ही वॉयस ओवर जोड़ने को कहा है. यह भी सुझाव दिया गया है कि सऊदी अरब में इस्तेमाल होने वाली पगड़ी का जो AI वर्जन इस्तेमाल किया गया है, उसमें बदलाव करें.
इस फिल्म में नूपुर शर्मा के लिए इस्तेमाल किए प्रतीकात्मक नाम नूतन शर्मा को हटाने और उसकी जगह किसी और नाम का इस्तेमाल करने का सुझाव दिया गया है.
इस फिल्म में मौजूद दो डायलॉग 'मैंने तो वही कहा है जो उनके धर्म ग्रंथों में लिखा है' इसके साथ ही कई और डायलॉग्स को हटाने का सुझाव दिया है.
गौरतलब है कि साल 2022 में राजस्थान के उदयपुर में टेलर कन्हैया लाला की हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड में शामिल मुल्जिम मुस्लिम समाज से थे. कन्हैया लाल पर इल्जाम था कि उन्होंने पैगंमबर मोहम्मद का अपमान करने वाली भाजपा नेता नुपूर शर्मा का समर्थन किया और व्हाट्सएप पर स्टेटस लगाया था.