घर में घुसकर सीरियाई सेना के हथियारों को क्यों नष्ट कर रहा है इजरायल?
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घर में घुसकर सीरियाई सेना के हथियारों को क्यों नष्ट कर रहा है इजरायल?

Middle East News: इजरायल अपने लिए सिक्यूरिटी थ्रेट बताते हुए सीरिया पर आए दिन बंबारी करता है. IDF के एक अधिकारी ने सीरिया में स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन पूरा होने का दावा किया है. पूरी खबर जानने के लिए नीचे स्क्रॉल करें.

 

घर में घुसकर सीरियाई सेना के हथियारों को क्यों नष्ट कर रहा है इजरायल?

Middle East News: साल 2024 के दिसंबर में सीरिया की सरकार को विद्रोही संगठन ने हथियारों के बदौलत घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया. इस विद्रोह की अगुवाई विद्रोही संगठन हयात अल-शाम ने की थी. सीरिया में अब HTS के प्रमुख जूलानी की सदारत वाली सरकार है. जूलानी सीरिया पर काबिज होते ही अपने पड़ेसी देशों के साथ अच्छे ताअल्लुक रखने की बात कही थी. खबर है कि सीरिया का ही एक पड़ोसी देश इजरायल ने एक स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन चला कर सीरियाई आर्मी के हथियारों को जब्त करने और नष्ट करने का दावा किया है.

सीरियाई आर्मी के हथियार को किया नष्ट
दरअसल, इजरायली सेना ने सीरिया में एक स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन पूरा करने की बात कही है. इजरायली सेना के एक अफसर ने मीडिया को इस ऑपरेशन की जानकारी दी है. IDF का दावा है कि इजरायली सेना के पैराट्रूप ब्रिगेट के सैनिकों ने सीरियाई सेना के ठिकानों पर छापेमारी कर, वहां मिले हथियारो को नष्ट कर दिया है. अधिकारी ने बताया कि रेड के दौरान सीरियाई सेना द्वारा छोड़ी गई राइफलें, गोला-बारूद और दीगर सैन्य साजो-सामान मिले, जिसे इजरायली सेना के जवानों ने नष्ट कर दिया है.

सीरिया पर नेतन्याहू का प्लान 
इजरायली सेना के 474वीं ब्रिगेड में एक बटालियन कमांडर, जिसका नाम उजागर नहीं किया गया, ने कहा कि छापेमारी का मकसद सीरियाई सेना के सभी हथियारों और क्षमताओं को खत्म करना है. उन्होंने बताया कि इस ऑपरेशन के दौरान रॉकेट, विस्फोटक, टैंक और बख्तरबंद वाहन भी पाए गए, जिन्हें नष्ट कर दिया गया है. यह बयान इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की उस घोषणा के एक दिन बाद आया, जिसमें उन्होंने कहा था कि इजरायली सेना माउंट हरमोन की चोटी और सीरियाई सीमा के पास बफर जोन में 'अनिश्चित' उपस्थिति बनाए रखेगी. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, नेतन्याहू ने दमिश्क के दक्षिणी इलाके को विसैन्यीकृत करने की मांग भी की है.

गौरतलब है कि पिछले साल के दिसंबर महीने में HTS के लड़ाकों ने असद सरकार के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह तेज कर दिया था. विद्रोह की वजह से सीरिया में अफरातफरी का माहौल था. मौके का फायदा उठाते हुए इजरायली सेना ने सीरियाई सेना के दर्जनो ठिकानों पर बंबारी की थी. जिसमें सीरिया की नौसेना पूरी तरह तबाह हो गई थी.

पिछले साल दिसंबर में बशर अल-असद की सरकार गिरने के बाद इजरायल ने बफर जोन में जमीनी सेना तैनात कर दी थी. यह क्षेत्र इजरायल-नियंत्रित गोलान हाइट्स और सीरिया के बीच मौजूद है और इसकी निगरानी संयुक्त राष्ट्र में काम करने वाले लोग करते हैं. जिसे 1974 के समझौते के तहत स्थापित किया गया था.

अंतरराष्ट्रीय निंदा के बाद, इजरायल ने बाद में माउंट हरमोन के सीरियाई-नियंत्रित हिस्से में  स्टेटिजीक पॉइंट' पर कब्जा कर लिया. इजरायल का दावा है कि यह कदम उसके नागरिकों की सुरक्षा के लिए उठाया गया. इजरायली पीएम ने यह भी चेतावनी दी कि इजरायल सीरिया के अंतरिम राष्ट्रपति अहमद अल-शरा के नेतृत्व वाले आतंकवादी समूह हयात तहरीर अल-शाम से जुड़ी ताकतों या नई सीरियाई सेना को दमिश्क के दक्षिणी क्षेत्र में प्रवेश करने की अनुमति नहीं देगा.

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