Ahmedabad air India plane crash: 12 जून को लंदन जाने वाला एयर इंडिया का बोइंग अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट से उड़ान भरने के फौरन बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया. हादसे की जांच कर रहे दल में एयरफोर्स, HAL और US के राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड के एक्सपर्ट, बोइंग, GE, विमानन चिकित्सा विशेषज्ञ और एयर ट्रैफ़िक कंट्रोल विशेषज्ञ भी शामिल हैं.
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Air India Crash Preliminary Report : अहमदाबाद में एयर इंडिया प्लेन क्रैश कैसे हुआ इसकी शुरुआती रिपोर्ट सामने आ गई है. विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने मंगलवार को AI171 विमान दुर्घटना पर अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट नागरिक उड्डयन मंत्रालय और संबंधित अधिकारियों को सौंप दी है. न्यूज एजेंसी ANI ने अपने शीर्ष सूत्रों के हवाले से बताया कि दायर की गई रिपोर्ट जांच के शुरुआती निष्कर्षों पर आधारित है. मंगलवार को इस मामले को लेकर संसद की लोक लेखा समिति (PAC) की मंगलवार की एक अहम बैठक हुई, जिसमें नागरिक उड्डयन सचिव और नागरिक उड्डयन महानिदेशक (DGCA) सहित नागरिक उड्डयन मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी शामिल हुए.
पीएसी की बैठक में उठा स्टाफ की कमी का मुद्दा
बैठक में अहमदाबाद में हाल ही में हुई एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 दुर्घटना के साथ-साथ विमानन सुरक्षा पर व्यापक चिंताओं पर भी चर्चा हुई. सूत्रों ने ANI को पुष्टि की कि नागरिक उड्डयन सचिव और DGCA के प्रतिनिधियों को बुलाया गया है. बैठक के दौरान कई सांसदों ने कई अलग अलग मुद्दे उठाए. प्रफुल्ल पटेल ने कहा, 'डीजीसीए में शीर्ष स्तर पर कर्मचारियों की कमी है, सेवानिवृत्त अधिकारियों को शामिल करने की जरूरत है.
एयर इंडिया की फ्लाइट क्रैश के मद्देनजर हवाई सुरक्षा को लेकर चिंता जताने वाले सदस्यों से चर्चा में पीएसी सदस्य और पूर्व विमानन मंत्री प्रफुल्ल पटेल ने कहा, 'कोई भी व्यक्ति जो उड़ान भरता है, वह सुरक्षित रूप से गंतव्य तक पहुंचना चाहता है. एयर इंडिया दुर्घटना के मद्देनजर कई घटनाएं हुईं. जाहिर है जब दुर्घटना होती है, तो हर चीज को संवेदनशीलता के साथ लिया जाता है. डीजीसीए को मैन पावर बढ़ाने की आवश्यकता है. डीजीसीए तो शीर्ष स्तर पर और नीचे के लेवल पर कर्मचारियों और कुशल लोगों की कमी का सामना कर रहा है. DGCA में उच्च स्तर पर कर्मचारियों की कमी से निपटने के लिए सेवानिवृत्त (डीजीसीए) अधिकारियों को वापस लाया जा सकता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सुरक्षा मानकों का जल्द से जल्द पूरी तरह से अनुपालन हो'.
कैसे और कब हुआ था हादसा
12 जून को लंदन जाने वाला एयर इंडिया का बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के फौरन बाद चंद सेकेंडों में दुर्घटनाग्रस्त हो गया. एयर इंडिया का विमान बीजे मेडिकल कॉलेज के छात्रावास परिसर से टकरा गया, जिससे प्लेन में सवार 242 लोगों में से 241 की मौत हो गई थी. मृतकों में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी शामिल थे. हादसे के बाद से, नागरिक उड्डयन मंत्रालय विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) की सहायता कर रहा है, जो पूर्ण पैमाने पर ये जानने के लिए जांच कर रहा है ताकि दुर्घटना की असल वजह सामने आ सके.
AAIB, जो नई दिल्ली में अपनी प्रयोगशाला से संचालित है और उन्नत तकनीक से लैस है, जांच का नेतृत्व कर रहा है. मंत्रालय के अनुसार, विमान के ब्लैक बॉक्स में से एक से क्रैश प्रोटेक्शन मॉड्यूल को 25 जून तक निकाल लिया गया और उस तक पहुंचाया गया था, जिसका डेटा सफलतापूर्वक उनकी टीम ने डाउनलोड किया गया. एक सूत्र ने ANI को बताया, एक समान ब्लैक बॉक्स, जिसे गोल्डन चेसिस कहा जाता है, का उपयोग यह पुष्टि करने के लिए किया गया था कि क्या डेटा को मूल ब्लैक बॉक्स से सटीक रूप से पुनर्प्राप्त किया जा सकता है.
जांच में कौन-कौन शामिल
एयर इंडिया क्रैश की जांच के लिए बनी टीम में इंडियन एयरफोर्स, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और अमेरिका स्थित राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड (NTSB) के विशेषज्ञ शामिल हैं. ड्रीमलाइनर बनाने वाली बोइंग की टीम, GE की टीम, विमानन चिकित्सा एक्सपर्ट और एयर ट्रैफिक कंट्रोल एक्सपर्ट्स भी हादसे की जांच कर रहे हैं. एजेंसियों की जांच ICAO इन्कोलजर 13 और भारत के विमान (दुर्घटनाओं और घटनाओं की जांच) नियम, 2017 में निर्धारित अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों के तहत चल रही है.