DNA Analysis: आज आपको छांगुर और उसके आका से जुड़े हर रहस्य को जानना चाहिए. इसे जानना आपके लिए इसलिए भी जरूरी है. क्योंकि छांगुर तो पकड़ में आ गया है. लेकिन उसका आका मतलब धर्मांतरण की पिक्चर का असली विलेन भारत की सरहदों से दूर सुरक्षित बैठा है
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DNA Analysis: कांवड़ यात्रा के बीच आपरेशन कालनेमि से साधु के भेष में छिपे शैतानों का सच सामने आ रहा है. आप इन्हें एक अय्यार भी कह सकते हैं. जो अपना रूप बदलने में माहिर होते हैं. लेकिन अब हम आपको इनसे भी खतरनाक अय्यारों के उस आका के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं. जिसने हिंदुस्तान के 75 प्रतिशत ज़िलों में धर्मांतरण की फ्रेंचाइज़ी खोल दी. आप, देश में 4 हजार से ज्यादा हिंदुओं का धर्मांतरण करवा चुके जमालुद्दीन उर्फ छांगुर के बारे में बहुत कुछ जानते हैं. लेकिन आज आपको छांगुर के आका के बारे में भी जानना चाहिए. जो किसी बॉलीवुड फिल्म के विलेन की तरह देश से बाहर बैठकर अपने एजेंटों के जरिए हिंदुस्तान में धर्म परिवर्तन का रैकेट चला रहा है.
और छांगुर अपने आका के एजेंडे को उसके भेजे पैसों के जरिए हिंदुस्तान के 579 जिलों में लागू करवाना चाहता था. बिल्कुल सही सुना आपने. भारत में 780 से ज्यादा जिले हैं. और इनमे से 579 जिलों यानि लगभग तीन चौथाई हिंदुस्तान में छांगुर के 2000 अय्यार मौजूद थे. जो अपनी पहचान छिपाकर यानि अपना रूप बदलक मुसलमान से हिंदू बनकर हिंदू लड़कियों को फंसाने के काम में लगे हुए थे.
#DNAWithRahulSinha | छांगुर के 'गुरू घंटाल' का लोकेशन ट्रैक हो गया... वो 'हुक्म' देता था..छांगुर 'तामील' करता था!
हुक्म कहां से आता था..छांगुर का आका कौन?#DNA #ChangurBabaCase #Balrampur #UPNews @RahulSinhaTV pic.twitter.com/RIXSkD5P7q
— Zee News (@ZeeNews) July 15, 2025
आज आपको छांगुर और उसके आका से जुड़े हर रहस्य को जानना चाहिए. इसे जानना आपके लिए इसलिए भी जरूरी है. क्योंकि छांगुर तो पकड़ में आ गया है. लेकिन उसका आका मतलब धर्मांतरण की पिक्चर का असली विलेन भारत की सरहदों से दूर सुरक्षित बैठा है. और वो हिंदुस्तान में कई नए छांगुर तैयार कर सकता है.
सबसे पहले आप समझिए छांगुर का आका. उसे फरमान कैसे सुनाता था. एटीएस की जांच में खुलासा हुआ कि छांगुर को हर हफ्ते विदेश में बैठे अपने आका का फोन आता था. छांगुर कभी एंड्रॉयड फोन नहीं रखता था. उसके पास पुराना कीपैड वाला फोन था, और बाहर से आने वाला हर नंबर उसे जुबानी याद रहता था. आप सोच रहे होंगे. करोड़ों की प्रॉपर्टी बना चुका छांगुर सिर्फ हजार रुपये का मामूली की पैड वाला फोन क्यों इस्तेमाल करता था. तो जब किसी के पास अरबों का साम्राज्य हो, लेकिन वो अपने आका से बात करने के लिए कीपैड फोन रखें, तो समझ लीजिए रहस्य बहुत गहरा है. आज ये रहस्य आपको भी समझना चाहिए.
- छांगुर का एंड्रॉयड फोन उसकी लोकेशन, कॉल लॉग, रिकॉर्डिंग और चैट सब एक्सपोज कर सकता था.
- कीपैड फोन में सिर्फ कॉल आती है,कोई चैट या कॉल रिकॉर्डिंग नहीं होती । यानि सबूत नहीं बाकी रहते.
- यानि कीपैड वाला फोन छांगुर और उसके आका के बीच का राज छिपाने के लिए इस्तेमाल किया गया.
यूपी एटीएस ने छांगुर और उसके आका से जुड़ा एक और खुलासा किया है. ये खुलासा दोनों के बीच हो रही बातचीत से जुड़ा है. इस खुलासे के मुताबिक जब छांगुर के आका का फोन आता था. तो वो सिर्फ सुनता था. बोलता बहुत कम था . जब आका का फोन आता था तो छांगुर के मुंह से सिर्फ दो शब्द निकलते थे. पहला हुक्म हुक्म और दूसरा तामील तामील. इसका मतलब ये हुआ पहले छांगुर अपने आका से उसका हुक्म सुनता था. और बाद में अपने आका को बताता था . आपके हुक्म की तामील की जाएगी.
इस तरह बातचीत से एक और फायदा होता था. आस पास मौजूद किसी भी शख्स को मालूम नहीं चलता था. छांगुर और विदेश में बैठे उसके आका के बीच में क्या बात हो रही है. और फोन कटने के बाद छांगुर अपने एजेंटों को अपने आका से मिले निर्देशों के बारे में बता दिया करता था. मतलब जैसा आका ने कहा वो फरमान हिंदुस्तान के 579 जिलों में बैठे एजेंटों तक पहुंचा दिया जाता था.
आज आपके लिए ये जानना भी जरूरी है. छांगुर का ये सीक्रेट आका दुनिया के किस कोने में बैठकर भारत में हिंदुओं को मुसलमान बनाने. और देश की डेमोग्राफी चेंज करने की साजिश रच रहा है. हम आपको डीएनए में इससे पहले बता चुके हैं. भारत में धर्मांतरण का पैसा सउदी अरब, यूएई, तुर्किए और पाकिस्तान से आता है. और इन्हीं चार देशों में से किसी एक देश में छांगुर का आका भी बैठा है. अब हम एक एक करके इसका विश्लेषण करते हैं.
-सऊदी अरब से कट्टरपंथी विचारधारा का प्रचार करने वाली कई संस्थाएं काम करती हैं.
-छांगुर की शिजर ए तैय्यबा किताब भी वहीं से आई थी। जिससे लोगों का ब्रेनवॉश किया जाता है.
-विचारधारा, फंडिंग और ट्रेनिंग तीनों लिंक सऊदी की तरफ इशारा करते हैं. यानि सउदी अरब छांगुर के आका का अड्डा हो सकता है.
- दूसरा नंबर पाकिस्तान का आता है. पाकिस्तान की कट्टरपंथी संस्था Dawat-e-Islami नेपाल के जरिए इस रैकेट में सक्रिय थी. Dawat-e-Islami पाकिस्तान की एक सुन्नी बरेलवी इस्लामी प्रचारक संस्था है. जिसका मकसद इस्लाम का प्रचार-प्रसार, मदरसा नेटवर्क, और धार्मिक कार्यक्रमों का संचालन है.
- दावत ए इस्लामी पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की मदद से नेपाल में एक्टिव हुई.
- यानि इस साजिश को आईएसआई अंजाम दे रही थी . ऐसे में आईएसआई का चीफ जनरल मुहम्मद असीम मलिक या उसका नियुक्त किया गया कोई मौलाना भी छांगुर का आका हो सकता है.
-तुर्किए में छांगुर के आका की मौजूदगी के बारे में अभी तक कोई संकेत नहीं मिला है । लेकिन दुबई से छांगुर नेटवर्क के मजबूत तार जुड़ रहे हैं.
- दुबई धर्मांतरण रैकेट का हब बनता जा रहा है क्योंकि वहां से फंडिंग आसानी से नेपाल के जरिए ट्रांसफर की जाती है.
- इसके अलावा छांगुर दुबई से मौलानाओं को भारत भी बुलाया करता था. जो उसके एजेंटों को ट्रेनिंग देते थे.
- छांगुर भी भारत से दुबई भागने की फिराक में था. इसका भी खुलासा किया जा चुका है .
- और जी न्यूज़ को यूपी एटीएस के सूत्र भी ये ही बता रहे हैं. छांगुर का आका दुबई में ही बैठकर इस रैकेट को चला रहा था.
अब आप समझिए दुबई से भारत के छोटे बड़े शहरों तक धर्मांतरण करवाने की पूरी क्रोनोलॉजी क्या है ? दुबई से छांगुर को ऑर्डर मिलते थे. जिसे वो अपने 2 हजार एजेंटों तक पहुंचाया करता था. छांगुर के ज्यादातर एजेंट मुस्लिम लड़के थे, जिन्हें हिंदू बनाकर लड़कियों को फंसाने के लिए ट्रेनिंग दी जाती थी. इन लड़कों के लिए हिंदू लड़कियों को प्यार के जाल में फंसाना और उनका धर्म परिवर्तन करवाना एक खेल था. और हर खेल में एक्सपर्ट बनने के लिए विशेष प्रशिक्षकों यानि कोच की जरूरत होती है.
आपने खेलों के प्रोफेशनल कोच बाहरी मुल्कों से लाने की बात सुनी होगी. कई बार टीमों को ये विदेशी कोच चैंपियन भी बना देते हैं. छांगुर ने भी अपने 2000 से ज्यादा एजेंटों को हिंदू लड़कियों को जाल में फंसाने का माहिर बनाने के लिए विदेशी कोचों की नियुक्ति की. मतलब दुबई से मौलाना भारत आकर छांगुर के धर्म परिवर्तन एजेंटों को इसके तौर तरीके सिखाते थे. समझ रहे हैं ना आप. धर्म परिवर्तन का ये खेल कितने प्रोफेशनल अंदाज में चल रहा था. इसके लिए छांगुर ने अपनी कोठी में 20 तहखाने बनवाए थे, जिसमें बड़े स्तर पर ट्रेनिंग दी जानी थी. फिलहाल इस कोठी पर बुलडोजर चल चुका है. लेकिन देश में छांगुर के जो एजेंट फैले हुए हैं. उनकी तलाश भी जरूरी है, क्योंकि वो अकेले भी काम चालू रख सकते हैं.
आज आपको ये भी जानना चाहिए कि आखिरकार बेहद ताकतवर हो चुके छांगुर का ये साम्राज्य कैसे ढह गया. तो इंसान चाहे कितना भी ताकतवर हो, जब बेटा कमजोर कड़ी बन जाए, तो उसका साम्राज्य ढहना तय है. छांगुर को भी उसका पुत्रमोह ले डूबा और उसकी सबसे बड़ी राजदार नीतू उर्फ नसरीन ने ही उसके राज खोल दिए. नसरीन ने ही एटीएस को 579 जिलों में छांगुर के 2000 एजेंटों के होने की जानकारी दी है. अब आप समझिए नसरीन के ऐसा क्यों किया.
छांगुर का बेटा गिरफ्तार हुआ, तो उसने विदेश भागने की प्लानिंग बना ली. लेकिन उसकी सबसे करीबी नसरीन ने उसे धोखा दे दिया. नसरीन को शक था कि बाबा उसे छोड़कर भाग जाएगा. इसके अलावा छांगुर ने फाइनेंस की जिम्मेदारी भी नसरीन से लेकर महबूब को सौंप दी. जिससे नसरीन नाराज हो गई थी और उसने एटीएस के सामने सब कुछ बता दिया. और इस तरह छांगुर का धर्मांतरण का किला ठह गया और अब एक एक करके उसके सारे रहस्य भी खुलते जा रहे हैं.