DNA Analysis: यूपी पुलिस ने सावन के दूसरे सोमवार को दंगा करवाने की बहुत बड़ी साजिश का पर्दाफाश किया है. मुजफ्फरनगर से पांच लोगों को दंगे की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया है
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DNA Analysis: DNA मित्रों, अब हम आपको छांगुर से भी बड़े खतरे से सावधान करने जा रहे हैं. ये खतरा आपके फोन के अंदर है. क्योंकि कट्टरपंथी अब आपके फोन के अंदर घुस गए हैं. आपके फोन में मौजूद व्हाट्सएप के जरिये दंगा करवाने की साजिश रच रहे हैं और इसमें पाकिस्तान की बड़ी भूमिका बताई जा रही है. यूपी पुलिस ने सावन के दूसरे सोमवार को दंगा करवाने की बहुत बड़ी साजिश का पर्दाफाश किया है. मुजफ्फरनगर से पांच लोगों को दंगे की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया है और इस गिरफ्तारी के बाद जो खुलासा हुआ है उसे सुनकर आप दंग रह जाएंगे.
इन लोगों ने व्हाट्सेएप पर एक वीडियो, ग्रुप्स के जरिये वायरल किया. ये वीडियो इतना वीभत्स है. इतना डरावना है कि हम आपको बता नहीं सकते. इस वीडियो में इन लोगों ने दावा किया की कुछ हिंदूवादी संगठन मुजफ्फरनगर के आसपास के गांवों में कत्लेआम मचा रहे हैं. इस वीडियो के साथ एक ऑडियो क्लिप भी वायरल किया गया जिसमें ये दावा किया जा रहा है कि मुस्लिम समाज के लोगों की हत्या की जा रही है. इस वीडियो के साथ जो ऑडियो शेयर किया जा रहा है. सबसे पहले आपको पूरा अनकट ऑडियो के बारे में बताते हैं.
दावा किया जा रहा है कि छोटे-छोटे बच्चों को काटा जा रहा है. झूठी अफवाह फैलाई जा रही है कि मुस्लिम समाज के 50 से ज्यादा लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया है. ये वीडियो 10-20 लोगों को नहीं भेजा गया. बल्कि कई ग्रुप्स के जरिये हजारों लोगों तक पहुंचाया गया. अभी तक पांच ऐसे व्हाट्सएप ग्रुप्स के नाम सामने आए हैं.
पहला ग्रुप है खिदमत अब्बासी ग्रुप, जिसमें 450 मेंबर थे. दूसरा है प्राउड इंडियन मुस्लिम, इसमें 450 मेंबर जुड़े हुए थे. तीसरे ग्रुप का नाम है मुस्लिम समाज जिंदाबाद ग्रुप. इस ग्रुप में 150 मेंबर शामिल थे. चौथा है ऑल इंडिया एंप्लॉयर ग्रुप, इसमें 850 मेंबर थे और पांचवां है ककरोली युवा एकता, जिसमें 150 मेंबर थे और इन्हीं पाचों व्हाट्स एप ग्रुप में ये जहरीला वीडियो और ऑडियो शेयर किए गए.
मतलब 2 हज़ार से अधिक लोगों तक इस खौफनाक वीडियो को पहुंचाया गया. ऐसे ऑडियो-वीडियो देखकर तनाव फैलना लाजमी है और बहुत मुमकिन है कि जिसने भी इस वीडियो को देखा होगा. आगे शेयर भी किया होगा.
ऑडियो-वीडियो को वायरल करने के पीछे का मकसद क्या है?
लेकिन यहां सबसे बड़ा सवाल तो ये उठता है कि इस ऑडियो-वीडियो को वायरल करने के पीछे का मकसद क्या है? वायरल ऑडियो-वीडियो को सबसे पहले शेयर किसने किया. इस ऑडियो वीडियो की फर्जी स्क्रिप्ट किसने लिखी. ये समझने के लिए आपको इस वायरल वीडियो की सच्चाई सबसे पहले जान लेनी चाहिए. जिस वीडियो को मुजफ्फरनगर के मंसूरपुर का बताया जा रहा है. वो असल में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत का है. जहां एक शख्स ने अपनी पत्नी और सात मासूम बच्चों को कुल्हाड़ी से मार डाला था. ये घटना अप्रैल 2024 की है.
पाकिस्तान में इस हत्याकांड को लेकर कई अखबारों में आर्टिकल भी छपे थे. वीडियो पाकिस्तान का है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या इस साजिश की स्क्रिप्ट भी तो कहीं पाकिस्तान में नहीं लिखी गई. क्या ISI के इशारे पर ये ग्रुप्स बनाए गए और फिर वीडियो शेयर किया गया. पुलिस दंगे वाली इस साजिश के पीछे इस एंगल से भी जांच कर रही है. पूछताछ में आरोपियों ने भी बताया है कि वो ऐसी हरकत करने के बाद किसी बड़े आतंकी संगठन की नजर में आना चाहते थे, ताकि वो उसका हिस्सा बन सकें. पुलिस इस पूरी साजिश में शामिल दूसरे लोगों की तलाश भी कर रही है. साथ ही, इस ऑडियो रिकॉर्डिंग में जिस शख्स की आवाज है उसकी तलाश भी जारी है. फर्जी वीडियो और भड़काऊ ऑडियो के जरिये दंगा करवाने की इस साजिश के पीछे असल में किसका हाथ है इसकी जांच के लिए हमारी टीम भी उस गांव पहुंची जहां के ये आरोपी रहने वाले हैं. इस वीडियो से जुड़ी साजिश को लेकर लोग क्या कह रहे हैं. आप हमारी इस ग्राउंड रिपोर्ट में से समझिए.
सोशल मीडिया को यूं तो लोगों को जोड़ने के लिए बनाया गया था. लेकिन अमन चैन के दुश्मन इसे समाज को तोड़ने के लिए. दंगा भड़काने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं. लेकिन यहां आपको भी सावधान रहने की जरूरत है. ऐसा कोई भी वीडियो आगे शेयर करने से पहले आपको इसकी सत्यता जांच लेनी चाहिए.