Anti Drone System in India: भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सिर्फ विदेशी हथियारों के बलबूते ही पाकिस्तान को धूल नहीं चटाई थी, बल्कि स्वदेशी हथियारों से भी दुश्मन के दांत खट्टे किए थे. ऐसे ही एक खतरनाक हथियार खरीदने की होड़ चीन के दुश्मन देशों में मची है.
Trending Photos
DRDO Anti Drone System in India: दुनिया में जिस तेजी से ड्रोन हमलों ने युद्ध की नई इबारत लिखी है, उससे संघर्ष में फंसे या सीमा पर तनाव झेल रहे देशों में ऐसे ड्रोन अटैक से बचने की तैयारी तेज हो गई है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने बड़े पैमाने पर ड्रोन हमले कर भारत को चौंकाने की कोशिश की थी. लेकिन मिसाइल हमलों के खिलाफ एस-400 ने जिस तरह ब्रह्मास्त्र का काम किया था. वहीं ड्रोन हमलों के खिलाफ रक्षा कवच प्रणाली डी4 एंटी ड्रोन सिस्टम ने वैसा ही काम किया और आसमान में ही दुश्मन के ड्रोन खाक हो गए.
चीन की दादागीरी
इस एंट्री ड्रोन सिस्टम ने हवा में पाकिस्तान के उड़ते ड्रोनों को खाक में मिला दिया. अब भारत के दुश्मन चीन की दादागीरी झेल रहे फिलीपींस, वियतनाम और इंडोनेशिया जैसे देशों में ऐसे एंटी ड्रोन सिस्टम को खरीदने की होड़ मची है. दक्षिण चीन सागर में चीन लगातार सैन्य अभ्यास के साथ ड्रोनों से निगरानी कर अपना दबदबा कायम करता रहा है.
डीआरडीओ की ताकत
चीन से हमले का खतरा झेल रहे ताइवान ने तो आधिकारिक तौर पर ये हथियार खरीदने के लिए अनुरोध किया है. भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारत इलेक्ट्रानिक्स ने ड्रोन को मार गिराने वाला ये सिस्टम (D4 anti-drone system) विकसित किया है.सैन्य विशेषज्ञों का कहना है कि चीन इस हथियार खरीद पर आगबबूला होगा. लेकिन वो भी भारत के खिलाफ प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष युद्ध छेड़ने वाले पाकिस्तान को लड़ाकू विमान समेत ऐसे सभी तरह के हथियार दे रहा है.
पाकिस्तान ने छोड़े थे 300-400 ड्रोन
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की ओर से करीब 300-400 ड्रोन छोड़े गए थे, जो तुर्की और चीन के बने थे. लेकिन भारत ने ऐसे सभी ड्रोन रात के अंधेरे में भी आकाश में ही खाक कर दिए. भारत ने तुर्की के घातक बायरक्तार टीबी-2 ड्रोन को भी ध्वस्त कर दिया था.ये भारत की ड्रोन युद्ध की तैयारियों और ताकत का शानदार उदाहरण था.
एंटी ड्रोन सिस्टम डी4 का मतलब डिटेक्ट(खोजना), डिटर(सामना करना), डिस्ट्रॉय(नष्ट करना) और डिफेंड (रक्षा)
Detect(खोजना): ये मल्टी फ्रीक्वेंसी रडार और EO/IR सेंसर के जरिये ड्रोन की मौजूदगी का पता लगाता है.
Deter(रोकना): ये सिग्नल जाम करने और जीपीएस से धोखा देकर किसी दुश्मन देश के ड्रोन को मिशन से भटका देता है.
Destroy(नष्ट करना): लेजर आधारित हथियारों से लैस ड्रोन और आरएफ जैमर के जरिये हवा में दुश्मन के ड्रोन को नष्ट किया जा सकता है.
Defend(रक्षा कवच): देश के संवेदनशील इलाकों की ड्रोन या ड्रोनों के झुंड के हमले से रक्षा करना.
चीन-ताइवान का तनाव
चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है और उसे मूल देश में मिलाने की फिराक में है. चीन ने ताइवान जलडमरूमध्य में पिछले कुछ सालों में सैन्य अभ्यास बढ़ा दिए हैं. ताइवान के पास एफ-16 जैसे लड़ाकू विमान और अन्य घातक हथियार हैं, लेकिन चीन अब ड्रोन के जरिये उसे परेशान करने और निगरानी का काम कर रहा है. लिहाजा वो एंटी ड्रोन सिस्टम खरीद कर ऐसे बाहरी सर्विलांस एंड अटैक ड्रोन को मार गिराना चाहता है. ऑपरेशन सिंदूर में डी4 एंटी ड्रोन सिस्टम की ताकत देख वो गदगद है. चीन की दादागीरी से परेशान इंडोनेशिया, फिलीपींस औऱ वियतनाम भी ऐसे ही ड्रोन सिस्टम को खरीदने की होड़ में जुटे हैं.
दुनिया का सबसे अमीर मुस्लिम कौन, सोने-हीरे की खदानें, एलन मस्क-बिल गेट्स से भी ज्यादा दौलत