India Pakistan News: पहलगाम हमला साबित हुई '101वीं गलती', भारत ने PAK पर चला दिया है ब्रह्मोस से भी घातक 'सुदर्शन चक्र'!
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India Pakistan News: पहलगाम हमला साबित हुई '101वीं गलती', भारत ने PAK पर चला दिया है ब्रह्मोस से भी घातक 'सुदर्शन चक्र'!

Indus Waters Treaty: आजकल जंग सिर्फ मैदान में नहीं लड़ी जाती. भारत ने 6-7 की रात जो हमला किया, उसका दर्द अब पाकिस्तान को फिर भी कम लगने लगेगा, क्योंकि अब उससे भी बड़ा हथियार चला दिया गया है, जिसमें न कई धमाका हुआ ना ही फिलहाल कोई मौत. 

pahalgam terror attack
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Operation Sindoor: महाभारत में एक पात्र है शिशुपाल. युधिष्ठिर के राजसूय यज्ञ के आयोजन में जब द्वारिकाधीश श्रीकृष्ण अग्रपूजा के लिए आगे बढ़ते हैं तो शिशुपाल उन्हें भला-बुरा कहना शुरू कर देता है. श्रीकृष्ण अपनी बड़ी बुआ श्रुतश्रवा को दिए वचन के चलते शिशुपाल के 100 अपराध को क्षम्य करते हैं. 101वें अपराध पर श्रीकृष्ण शिशुपाल की गर्दन अपने सुदर्शन चक्र से धड़ से अलग कर देते हैं. द्वापरयुग से अब लौटते हैं कलियुग यानि वर्तमान में.

पहलगाम में हुआ आतंकी हमला भी पाकिस्तान के लिए '101वीं' गलती ही साबित हुई है. भारतीय सेना ने श्रीकृष्ण के अंदाज में ही कह दिया है कि पाकिस्तान के पापों का घड़ा अब भर चुका है. उसे इसकी भारी कीमत चुकानी होगी. असीम मुनीर जैसे 'दुर्योधनों' के सामने 'शिशुपाल' जैसे आतंकियों का हश्र दुनिया देख रही है. 

(ये भी पढ़ें- चीन न चौधरी बने ना अमेरिका आका...! PM मोदी ने 22 मिनट के संबोधन में पाकिस्तान को दिखाई औकात)

इस हमले में न धमाका हुआ न कोई मरा!

6 और 7 की दरमियानी रात 25 मिनट के भीतर 9 ठिकानों और 100 से ज्यादा आतंकियों को भारत ने ऑपरेशन सिंदूर में मार गिराया. ये तो डायरेक्ट अटैक था. लेकिन भारत ने ब्रह्मोस और ड्रोन अटैक से भी एक बड़ा हमला पाकिस्तान पर किया है. ये हमला ऐसा हुआ है जिसमें न तो कोई धमाका हुआ ना ही किसी की जान गई. लेकिन इसका दर्द पाकिस्तान को बहुत तेज हो रहा है. दर्द की छटपटाहट कितनी ज्यादा है इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि रात में पीएम मोदी ने अपने संबोधन में साफ कहा कि खून और पानी साथ नहीं बह सकते. 

 

इशाक डार की हरकत 'बिन पानी मछली' जैसी

इशारा साफ था कि इधर का पानी अब उधर नहीं जाएगा. कुछ घंटे बाद ही पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डार बिलबिलाते हुए अमेरिकी चैनल को दिए इंटरव्यू में पानी न मिलने पर 'बिन पानी मछली' जैसी हरकत करने लगे. डार गीदड़भभकी देने लगे कि 'पानी रोका गया तो युद्ध होगा.' युद्ध हुआ तो उसका अंजाम क्या होगा, इसका ट्रेलर उन्होंने ताजा-ताजा ही देखा है. डार के इंटरव्यू पर भारत के विदेश मंत्रालय ने भी साफ कह दिया है कि जीत का दावा करना उनकी पुरानी आदत है. उन्होंने 1971, 1975 और 1999 के कारगिल युद्ध में भी यही राग गाया. पाकिस्तान का ये पुराना रवैय्या है. हार पर भी ढोल बजाते हैं.

भारत की नदियों से फल-फूल रहा पाकिस्तान

अब सवाल है कि पाकिस्तान को किसी मिसाइल हमले से भी ज्यादा दर्द पानी रुकने से हो क्यों रहा है? पाकिस्तान में पानी की जरूरत का 80 फीसदी हिस्सा भारत से आती नदियों पर ही निर्भर है. 1960 में सिंधु जल संधि में भारत ने बड़प्पन दिखाते हुए 3 नदियों, सिंधु-झेलम और चिनाब का पानी पाकिस्तान को दे दिया था. सतलुज, रावी और व्यास का पानी भारत की जरूरत पूरी करता है. सिंधु का पानी रुकने से पाकिस्तान में खेतीबाड़ी, पीने का पानी और उद्योग, सब बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. खेती तो पूरी तरह सिंधु बेसिन पर ही निर्भर है. पाकिस्तानी पंजाब और सिंध का इलाका भी झेलम और चिनाब के पानी से फल-फूल रहे हैं. 

असली मुसीबत तो जून में होगी 

अगर भारत इन नदियों का पानी भी पूरी तरह रोक दे तो? पाकिस्तान में हाहाकार मचना तय है. भारत में किशनगंगा और रतले हाइड्रो प्रोजेक्ट से पाकिस्तान को वैसे भी शुरू से ही बदहजमी होती रही है. पाकिस्तान की मुसीबत तो जून में और बढ़ जाएगी जब गर्मी चरम पर होगी. वैसे भी कई रिपोर्ट में कहा गया है कि अगला विश्व युद्ध अगर हुआ तो वो सिर्फ पानी के लिए होगा. 2040 तक दुनिया में पानी का बड़ा संकट होगा, ऐसा वर्ल्ड बैंक से लेकर कई एजेंसियां कह चुकी हैं. भारत अब अपना पानी आतंकी मुल्क को नहीं देगा. इसी दिशा में जम्मू-कश्मीर में उझ और पंजाब में शाहपुर कांदी डैम बन रहा है. सोचिए, अगर सारा पानी रोककर भारत में ही इस्तेमाल हुआ तो पाकिस्तान का क्या हश्र होगा. 

विदेश मंत्रालय ने पाक का दर्द उकेर दिया

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा पाकिस्तान के इस दर्द को थोड़ा और उकेरते हुए उसे याद दिलाया कि सिंधु जल संधि सद्भावना और मित्रता की भावना से हुई थी, जैसा कि संधि की प्रस्तावना में ही ये है. अब CCS ने भी ये फैसले कर लिया है कि भारत संधि को तब तक स्थगित रखेगा, जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से त्याग नहीं देता. भारत का ये फैसला पाकिस्तान पर 'सुदर्शन चक्र' चलाने जैसा ही है. 

तीन सूत्रों में पीएम के संबोधन का सार

सोमवार की रात 8 बजे पीएम नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में जिस तरह से पाकिस्तान को उसकी औकात दिखाई, वो इतिहास में दर्ज हो गया है. पीएम के संबोधन का सार उनके तीन सूत्रों में ही निहित हैं. 

पहला सूत्र- आतंकी हमला हुआ तो अपने तरीके से, अपनी शर्तों पर अपने समय पर जवाब देंगे.

दूसरा सूत्र- कोई भी न्यूक्लियर ब्लैकमेल भारत नहीं सहेगा. किसी भी हमले का मुंहतोड़ जवाब मिलेगा. 

तीसरा सूत्र- हम आतंकी सरपरस्त सरकार और आतंक के आकाओं को हम अलग-अलग नहीं देखेंगे. 

आज फिर से आदमपुर एयर बेस में जवानों से मिलने पहुंचे पीएम मोदी ने इन्हीं तीन सूत्रों को दोहराया. पीएम मोदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर कोई सामान्य सैन्य अभियान नहीं है. ये भारत की नीति, नियत और निर्णायक क्षमता की त्रिवेणी है.

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