NATO Warning: विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने रूस से सस्ता तेल खरीदने पर पश्चिमी देशों को दोहरा मापदंड अपनाने के खिलाफ चेतावनी दी और कहा कि मैं दोहराना चाहता हूं कि हमारे लोगों की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है.
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India reaction on NATO chief Warning: नाटो चीफ मार्क रूट की रूस के साथ व्यापार करने और सस्ता तेल खरीदने वाले देशों पर 100 प्रतिशत सेकेंडरी टैरिफ लगाने की धमकी पर भारत ने करारा जवाब दिया है. धमकी को खारिज करते हुए भारत ने रूस से सस्ता तेल खरीदने पर पश्चिमी देशों को दोहरा मापदंड अपनाने के खिलाफ चेतावनी दी है. भारत ने कहा कि उसकी प्राथमिकता देश की ऊर्जा आवश्यकताओं को सुरक्षित करना है. बता दें कि मार्क रूट ने चेतावनी दी थी कि अगर रूस, यूक्रेन के साथ शांति समझौता करने में विफल रहता है तो भारत, चीन और ब्राजील जैसे देशों को अमेरिका के दूसरे प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है. उन्होंने इन देशों से पुतिन पर युद्ध समाप्त करने के लिए गंभीर बातचीत करने का दबाव बनाने का आग्रह किया.
भारत ने नाटो चीफ की चेतावनी पर क्या दिया जवाब?
नाटो चीफ मार्क रूट की चेतावनी पर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, 'हमने इस विषय पर रिपोर्ट देखी हैं और घटनाक्रम पर बारीकी से नजर रख रहे हैं. मैं दोहराना चाहता हूं और मैंने पहले भी यह कहा है कि हमारे लोगों की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है.' रणधीर जायसवाल ने आगे कहा, 'इस प्रयास में हम बाजार में उपलब्ध चीजों और मौजूदा वैश्विक परिस्थितियों से निर्देशित होते हैं. हम इस मामले में किसी भी दोहरे मापदंड के प्रति विशेष रूप से आगाह करते हैं.'
नाटो चीफ ने भारत समेत 3 देशों को दी थी चेतावनी
भारत, चीन और ब्राजील को चेतावनी देते हुए नाटो चीफ मार्क रूट ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा, 'इन तीनों देशों को मेरा विशेष रूप से यह प्रोत्साहन है कि अगर आप बीजिंग या दिल्ली में रहते हैं, या आप ब्राजील के राष्ट्रपति हैं तो आपको इस पर गौर करना चाहिए, क्योंकि यह आपको बहुत प्रभावित कर सकता है.' उन्होंने आगे कहा, 'तो कृपया व्लादिमीर पुतिन को फोन करें और उन्हें बताएं कि उन्हें शांति वार्ता को लेकर गंभीर होना होगा, अन्यथा इसका ब्राजील, भारत और चीन पर व्यापक असर पड़ेगा.' मार्क रूट ने चेतावनी दी कि अगर रूस यूक्रेन के साथ शांति समझौता करने में विफल रहता है तो भारत, चीन और ब्राजील जैसे देशों को अमेरिका के दूसरे प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है. उन्होंने इन देशों से राष्ट्रपति पुतिन पर युद्ध समाप्त करने के लिए गंभीर बातचीत करने का दबाव बनाने का आग्रह किया.
नाटो चीफ से पहले ट्रंप ने दी थी धमकी
नाटो चीफ मार्क रूट की यह टिप्पणी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा यह घोषणा करने के एक दिन बाद आई है कि वह पुतिन को यूक्रेन के साथ शांति वार्ता शुरू करने के लिए 50 दिन का समय देंगे, अन्यथा अमेरिका 100 प्रतिशत का सेकेंडरी टैरिफ और अतिरिक्त प्रतिबंध लगाएगा. उन्होंने कहा कि ये दंड उन देशों पर लगाए जाएंगे, जो अमेरिकी प्रतिबंधों के बावजूद रूस के साथ व्यापार जारी रख रहे हैं. ट्रंप ने ब्राजील, चीन या भारत का नाम तो नहीं लिया, लेकिन तीनों ही देश 2022 में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद से रूसी तेल और पेट्रोलियम उत्पादों की खरीद जारी रखे हुए हैं. इस बीच अमेरिकी सीनेटर ऐसे कानून पर जोर दे रहे हैं जो मॉस्को के साथ व्यापारिक संबंध बनाए रखने वाले देशों पर 500 प्रतिशत तक का शुल्क लगाएगा.