Jammu Kashmir News: अमरनाथ यात्रा में इस बार सुरक्षा हर स्तर पर सख्त की जा रही है. इसी के चलते पहली बार हेलिकॉप्टर सेवा को भी रोक दिया गया है. इस फैसले पर सीएम उमर ने भी हैरानी जताई.
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CM Omar Abdullah: अमरनाथ यात्रा में इस बार सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किए जा रहे हैं. इन्हीं सुरक्षा इंतजामों का हवाला देते हुए इस बार हेलिकॉप्टर की सेवा भी बंद कर दी गई है. पिछले 21 सालों में ये पहली बार है कि अमरनाथ यात्रा में हेलिकॉप्टर सर्विस बंद की गई हो. सरकार के इस फैसले पर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी हैरानी जताते हुए कहा कि ये फैसला ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि किस इंटेलिजेंस इनपुट के आधार पर ये फैसला लिया गया.
15 मिनट में हेलिकॉप्टर से पहुंचते थे
अमरनाथ यात्रा बेहद दुष्कर है. एक स्वस्थ इंसान भी इस यात्रा को करने में काफी परेशान होता है. श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 21 साल पहले हेलिकॉप्टर सर्विस शुरू की गई थी. सीनियर सिटिजन हों या फिर पहाड़ों पर चढ़ाई करने में असमर्थ लोग, ऐसे लोगों के लिए ये सेवा किसी वरदान से कम नहीं थी. जिस यात्रा मार्ग को पूरा करने में दो दिन से भी ज्यादा समय लगता था, उसे हेलिकॉप्टर के जरिए मुश्किल से 15 मिनट में पूरा कर लिया जाता था.
1 जुलाई से 10 अगस्त तक 'नो फ्लाइंग जोन'
17 जून को गृह मंत्रालय की सलाह पर 1 जुलाई से 10 अगस्त तक पूरे यात्रा मार्ग को 'नो फ्लाइंग जोन' घोषित कर दिया गया है. इसका सीधा सा मतलब है कि इस रूट पर कोई भी एयर एक्टिविटी नहीं होगी. मेडिकल इमरजेंसी या फिर सुरक्षा बलों को ही इसकी इजाजत मिली है. इस फैसले से उन श्रद्धालुओं के लिए मुश्किल है जो हेलिकॉप्टर से यात्रा करना चाह रहे थे. अब ऐसे श्रद्धालुओं को पालकी या फिर घोड़ा/खच्चर से ही यात्रा करनी पड़ेगी.
साल 2004 से शुरू है हेलिकॉप्टर सेवा
अमरनाथ में पहली बार साल 2004 में हेलिकॉप्टर सेवा शुरू की गई थी. शुरू में बालटाल या फिर चंदनवाड़ी बेसकैंप से सीधे पवित्र गुफा तक हेलिकॉप्टर जाते थे. शुरुआती सालों में गुफा के बेहद करीब हेलिकॉप्टर उतरते थे. लेकिन तब ये महसूस किया गया कि हेलिकॉप्टर की गर्मी से भोलेनाथ बाबा जल्दी 'अंतर्ध्यान' हो जा रहे. इसके बाद गुफा से कुछ और दूरी पर हेलीपैड बनाया गया.
गुफा से 6 किलोमीटर दूर बनाया हेलिपैड
कई संस्थाओं ने इस पर भी आपत्ति जताई तो हेलिकॉप्टर को गुफा से 6 किलोमीटर दूर पंजतरणी में ही उतारा जाने लगा. ये 6 किलोमीटर पालकी या घोड़ा या फिर पैदल तय किया जाने लगा. इन सालों में कई बार अमरनाथ यात्रा पर आतंकी हमले हुए, लेकिन कभी हेलिकॉप्टर सेवा बंद नहीं की गई. ये पहली बार है कि हेलिकॉप्टर बंद किया गया है. लेकिन इस बार ऐसा बड़ा फैसला लिया गया है. हालांकि बीच में कोविड के दौरान भी ये सेवा बंद रही, लेकिन वो सिक्योरिटी की वजह से नहीं था.
#WATCH | Srinagar | On Amarnath Yatra, J&K CM Omar Abdullah says, "It is good that the Amarnath Yatra is about to begin. We also want it to go smoothly. There is only one thing that I find absurd, that helicopter services are not permitted this year. This sends the wrong message… pic.twitter.com/PoPFVViWgf
— ANI (@ANI) June 17, 2025
उमर अब्दुल्ला ने फैसले पर उठाए सवाल
इस पर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि ये बात थोड़ी अजीब सी लग रही है कि इस बार हेलिकॉप्टर सर्विस की इजाजत नहीं दी जा रही है. उमर ने कहा कि इसका गलत मैसेज जा रहा है. अब मेरे पास इंटेलिजेंस इनपुट तो है नहीं, जिसकी बुनियाद पर यह फैसला लिया गया, लेकिन मैं सोचता हूं कि इतने सालों के बाद यह पहली बार है कि पहलगाम और बालटाल से हेलिकॉप्टर की इजाजत नहीं दी जा रही है. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के हवाले से इसका गलत मैसेज बाकी देशों में नहीं जाना चाहिए.