Peddamma Thalli Temple: हैदराबाद में क्यों ढहाया जा रहा सदियों पुराना मंदिर? BJP ने खोल दिया मोर्चा
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Peddamma Thalli Temple: हैदराबाद में क्यों ढहाया जा रहा सदियों पुराना मंदिर? BJP ने खोल दिया मोर्चा

Hyderabad News: हैदराबाद में एक मंदिर को लेकर इस समय बवाल मचा हुआ है. यहां 100 साल से भी पुराने मंदिर को रात में ढहाने की कोशिश की गई. इस पर बीजेपी ने अब मोर्चा खोल दिया है. 

 

Bjp leader madhavi latha protest against peddamma thalli temple demolihion in hyderabad
Bjp leader madhavi latha protest against peddamma thalli temple demolihion in hyderabad

Temple in Hyderabad: हैदराबाद में सदियों पुराने एक मंदिर को ढहाने पर बवाल हो गया. स्थानीय प्रशासन ने गुरुवार रात इस मंदिर को हटाने की कार्रवाई की, जिसकी जानकारी मिलते ही वहां भक्तों ने विरोध प्रदर्शन कर दिया. बीजेपी नेता माधवी लता को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. 

माधवी लता को हिरासत में लिया गया

शहर के बंजारा हिल्स पर सैकड़ों साल पुराना पेद्दमा मंदिर है. प्रशासन का कहना है कि मंदिर सरकारी जमीन पर बना हुआ है. इसे हटाने के लिए गुरुवार रात बारिश के बीच पुलिस-प्रशासन पूरे लाव-लश्कर के साथ पहुंचा. लोगों को इसकी भनक लगते हुए वहां भक्तों को भीड़ इकट्ठी हो गई. हैदराबाद लोसकभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी रही माधवी लता भी मौके पर पहुंच गईं. उन्होंने विरोध करते हुए वहीं धरना दे दिया. इस पर उन्हें हिरासत में ले लिया गया. 

'मां अम्मावरू की मूर्ति को खींचकर ले जाना अधर्म'

बारिश में भीगते हुए भक्त आंसुओं के साथ मंदिर बचाने की गुहार लगा रहे थे. माधवी लता ने इस कार्रवाई पर कहा कि यह सिर्फ एक ढांचा नहीं है, यह हमारी आस्था है, हमारी पहचान है और हमारी सनातन संस्कृति है. माँ अम्मावरू की मूर्ति को जबरन खींचकर ले जाना और मंदिर को गिराना केवल अन्याय नहीं, अधर्म है.

 

100 साल से भी ज्यादा पुराना है मंदिर

गोल्ला (यादव) समुदाय के लोग, जो पीढ़ियों से पेद्दम्मा तल्लि की पूजा करते आ रहे हैं, उन्हें रोका गया और मंदिर ढहा दिया गया. देवी की मूर्ति को जबरन स्थानांतरित कर दिया गया. स्थानीय गोल्ला परिवारों ने इस पर विरोध जताते हुए कहा कि हम जान दे देंगे, लेकिन मंदिर नहीं छोड़ेंगे. हम अपने मंदिर के लिए संघर्ष कर रहे हैं. बीजेपी का दावा है कि यह मंदिर 100 साल से भी ज्यादा पुराना था और स्थानीय लोगों की आस्था का केंद्र था. इस घटना ने हैदराबाद में धार्मिक स्थलों और आस्था से जुड़े मुद्दों पर नई बहस छेड़ दी है.

मंदिर में देवी को चढ़ाते हैं सिर्फ नारियल पानी

अपनी वास्तुकला की सुंदरता और धार्मिक महत्व के कारण इस मंदिर में लोग दूर-दूर से पूजा पाठ करने के लिए आते हैं. इस मंदिर में भक्त मां को चढ़ावे में नारियल की जगह सिर्फ उसका पानी चढ़ाते हैं. मान्यता है कि देवी एक राक्षस का वध करने के बाद इसी जगह पह अपनी प्यास बुझाने के लिए आई थीं. मंदिर में एक जगह लोग सिक्के रखकर भी मन्नत मांगते हैं. 

कैसे पड़ा मंदिर का ये नाम? 

इस मंदिर के नाम की भी कहानी बेहद दिलचस्प है. ‘पेद्दम्मा’ शब्द की उत्पत्ति तेलुगु से हुई है, जो पेद्दा और अम्मा को मिलाकर बना है. इसका अर्थ है ‘माताओं की माँ.’ जो थल्ली मां का प्रतीक है. इसलिए पेद्दम्मा थल्ली का वही अर्थ है, जो देवी को परम मातृ स्वरूप के रूप में दिखाता है. पेद्दम्मा थल्ली को 'श्री गौरम्मा' और 'श्री अम्मावरू' भी कहा जाता है.

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