Kiren Rijiju: वक्फ अमेंडमेंट बिल को लोकसभा में एनडीए के सभी घटक दलों से जबरदस्त समर्थन मिलने के बाद राज्यसभा से भी हरी झंडी मिल गई. राज्यसभा में बिल के सपोर्ट में कुल 128 वोट पड़े जबकि 95 सदस्यों ने इसके विरोध में वोटिंग की. चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री ने सदस्यों से एक रिकॉर्ड भी पेश किए.
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Waqf Amedment Bill: वक्फ (अमेंडमेंट) बिल को आखिरकार राज्यसभा से भी हरी झंडी मिल गई. इससे पहले 2 अप्रैल लोकसभा में सत्तापक्ष और विपक्ष में तीखी बहस के बाद ये बिल बहुमत से पारित हुआ था. विपक्ष ने इस बिल को मुसलमानों के खिलाफ बताया है, जबिक सरकार ने इस बिल को मुसलामानों के लिए लाभकारी करार दिया है. खास बात यह है कि इस बिल को लेकर दोनों सदनों में कई घंटों तक दोनों तरफ के सदस्यों के बीच रिकॉर्ड बहस हुई. इसे लेकर केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री किरेन रिजिजू ने एक दिलचस्प रिकॉर्ड भी पेश किए.
राज्यसभा में बिल के पारित होने से पहले में 17 घंटों से ज्यादा की मैराथन चर्चा हुई. इस चर्चा के बाद बिल के सपोर्ट में कुल 128 वोट पड़े जबकि 95 सदस्यों ने इसके विरोध में वोटिंग की. चर्चा खत्म होने के बाद संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि, 'मैं आपको याद दिलाना चाहूंगा कि सबसे पहले वक़्फ़ बिल में पुराना रिकॉर्ड 1981 में 16 घंटे 51 मिनट आजमा अधिनियम पर रिकॉर्ड चर्चा की गई थी. और राज्य सभा में कल 17 घंटे 2 मिनट तक चर्चा की गई. जो एक एक रिकॉर्ड बन गया.'
मैं आपको याद दिलाना चाहूंगा कि सबसे पहले वक़्फ़ बिल में पुराना रिकॉर्ड 1981 में 16 घंटे 51 मिनट आजमा अधिनियम पर रिकॉर्ड चर्चा की गई थी | और राज्य सभा में कल 17 घंटे 2 मिनट तक चर्चा की गई। जो एक एक रिकॉर्ड बन गया : संसदीय कार्य मंत्री @KirenRijiju #WaqfAmendmentBill #WaqfBoard pic.twitter.com/kVv8k00cGx
— SansadTV (@sansad_tv) April 4, 2025
लोकसभा में मिला बिल को जबरदस्त सपोर्ट
वहीं, लोकसभा एनडीए के सभी घटक दलों का बिल को जबरदस्त समर्थन मिला. बिल के पक्ष में 288 सांसदों ने वोट किया. वहीं, इसके खिलाफ विपक्ष के 232 सदस्यों ने वोटिंग की. अब इस बिल राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा, जहां बिल फाइनल मुहर लगेगी. इसके बाद बिल कानून के शक्ल लेगा.
बिल से मुसलामनों को कोई नुकसान नहीं: रिजिजू
राज्यसभा में बिल पर चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष के सभी आरोपों को खारिज कर दिया. उन्होंने इस दौरान कहा कि विपक्षी पार्टियां मुसलमानों को डराने और गुमराह करने का काम रहा है. उन्होंने यकीन दिलाया कि बिल से मुसलमानों को कोई नुकसान नहीं होगा.