Parenting Tips: कई बार माता-पिता जाने-अनजाने में ऐसी गलतियां कर देते हैं, जिससे बच्चे के दिमाग पर बुरा असर पड़ता है. इस खबर में हम आपको बताएंगे कि बच्चे को किस स्थिति में नहीं डांटना चाहिए, जिससे उनके मेंटल ग्रोथ पर किसी तरह का कोई प्रभाव हो.
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Right Way of Parenting: बच्चों की परवरिश करना कोई बच्चों का खेल नहीं है. हर माता-पिता चाहते हैं कि वे अपने बच्चे को एक अच्छी परवरिश दें. लेकिन कई बाद जाने-अनजाने में वे कई ऐसी गलतियां कर देते हैं, जिसके कारण बच्चों पर काफी बुरा असर पड़ जाता है. अक्सर बच्चे को सही रास्ता दिखाने के लिए माता-पिता, बच्चे की किसी गलती पर उन्हें डांट देते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि कुछ खास परिस्थितिओं में बच्चों को डांटना उनके दिमाग और मेंटल ग्रोथ पर गहरा असर डाल सकता है? इस खबर में हम आपको बताएंगे कि बच्चे को किस वक्त नहीं डांटना चाहिए.
डर हुआ बच्चा
अगर बच्चा कोई गलती करने के बाद, डरा हुआ हो या किसी बात को लेकर पहले से ही स्ट्रेस में हो. तो इस वक्त उसे डांटना बिल्कुल भी सही नहीं है. ऐसी स्थिति में बच्चे के मन में और डर भर सकता है. इसका नतीजा ये होगा कि वो आपके साथ अपनी बातें शेयर करना बंद कर देगा. ऐसी स्थिति में जब बच्चा पहले से ही सेंसिटिव है, तो उसे डांटने के बजाए प्यार से समझाना बेहतर है.
कुछ नया करने में की कई गलती
अगर आपका बच्चा जिज्ञासु है और हर पल कुछ नया करना या कुछ नया सीखने की कोशिश करता रहता है. तो स्थिति में भी उन्हें किसी हाल में भी डांटना नहीं चाहिए. सीखते वक्त अक्सर बच्चे गलतियां कर सकते हैं. ये गलतियां उन्हें बेहतर बनने में मदद करती हैं. इसलिए हर छोटी गलती पर उसे डांटने से उनका कॉन्फिडेंस टूट सकता है. इससे बच्चा कुछ नया करने से पहले डरने लगेगा.
थकान या भूख
थकान या भूख में भी बच्चे को डांटना नहीं चाहिए. बड़ों की तरह थकान या भूख के समय बच्चे का भी मूड खराब हो सकता है, जिससे हो सकता है कि आपको बच्चा चिड़चिड़ा हो जाएं. ऐसे में उस वक्त अगर आप डांटने लगेंगे तो मामला और बिगड़ सकता है. ऐसे में पहले उन्हें नॉर्मल होने दें, और फिर समझाएं कि उनका व्यवहार ठीक नहीं था.