"देखो शर्मा जी का बेटा कितना अच्छा है" दूसरे से कंपेयर करना बच्चे की मेंटल हेल्थ के लिए क्यों है बुरा?
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"देखो शर्मा जी का बेटा कितना अच्छा है" दूसरे से कंपेयर करना बच्चे की मेंटल हेल्थ के लिए क्यों है बुरा?

हमारे समाज में अक्सर दूसरे के बच्चे को खुद के बच्चे से बेहतर बताने का चलन है, लेकिन ये अप्रोच आपके लाडले-लाडलियों की मेंटल हेल्थ के लिए काफी नुकसानदेह साबित हो सकता है.

"देखो शर्मा जी का बेटा कितना अच्छा है" दूसरे से कंपेयर करना बच्चे की मेंटल हेल्थ के लिए क्यों है बुरा?

Parenting Tips:अक्सर देखा जाता है कि माता-पिता अपने बच्चों की तुलना दूसरे बच्चों से करते हैं. कभी पढ़ाई में तो कभी खेल-कूद या दूसरी एक्टिविटीज में, लेकिन ये आदत बच्चों की मेंटल हेल्थ पर गहरा असर डाल सकती है. "देखो उनका बेटा कितना अच्छा है", "वो तो हर क्लास में टॉप करता है", जैसे वाक्य बच्चों के आत्मविश्वास को कमजोर कर देते हैं.

तुलना से पैदा होती है हीनभावना
जब बच्चे को बार-बार किसी और से कमतर बताया जाता है, तो उसमें हीनभावना घर कर जाती है. उसे लगने लगता है कि वो कभी अच्छा नहीं बन पाएगा. इससे उसके सेल्फ रिस्पेक्ट को धक्का लगता है और वो खुद को नेगेटिव नजरिए से देखने लगता है.

रिश्ते में आती है दूरी
बच्चा जब महसूस करता है कि माता-पिता उसे दूसरे बच्चों से कमतर समझते हैं, तो वो उनसे इमोशनली दूर होने लगता है. उसे लगता है कि वो अपने ही घर में प्यार और एक्सेप्टेंस के लायक नहीं है. इसका असर उसके बिहेवियर और पर्सनालिटी पर पड़ता है.

प्रेशर और स्ट्रेस बढ़ता है
तुलना से बच्चों पर लगातार बेहतर करने का दबाव बढ़ता है. अगर वो एक्सपेक्टेशंस पर खरा नहीं उतरता, तो उसे स्ट्रेस, एंग्जाइटी और डिप्रेशन जैसी परेशानियां घेर सकती हैं. ये दबाव कई बार नींद, भूख और पढ़ाई की क्षमता को भी अफेक्ट करता है.

क्या करें माता-पिता?
1. हर बच्चे की अपनी अलग पहचान होती है, उसे उसी रूप में एक्सेप्ट करें.

2. उसकी हॉबीज और क्षमताओं को पहचानें और एनकरेज करें.

3. उसकी छोटी-छोटी अचीवमेंट की भी तारीफ करें, ताकि उसमें कॉन्फिडेंस डेवलप हो.

4. अगर किसी सुधार की जरूरत हो, तो प्यार और समझदारी से बात करें, न कि तुलना करके.

इन बातों को समझें
बच्चों की परवरिश में प्यार, समझदारी और धैर्य की जरूरत होती है. तुलना करके हम उनका मनोबल तोड़ते हैं, जबकि हमारा रोल उन्हें बेहतर बनाने का होना चाहिए. याद रखें, हर बच्चा खास होता है, उसे वैसे ही अपनाएं जैसे वो है.

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