मोटापे से कैंसर का भी खतरा होता है इसके लिए सिर्फ बॉडी मास इंडेक्स का सही होना काफी नहीं है, एक रिसर्च में बताया गया है कि आपके कमर का घेरा भी कम होना जरूरी है.
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Obesity Related Cancer: पुरुषों में मोटापे से संबंधित कैंसर के लिए बीएमआई की तुलना में कमर का घेरा अधिक मजबूत जोखिम संकेतक है. बढ़ते हुए वजन को सौ बीमारियों की जड़ माना जाता है, और अगर ये कैंसर का जरिया बन जाए तो डरना लाजमी है. एक नई स्टडी में कहा गया है कि पुरुषों में मोटापे से जुड़े कैंसर विकसित होने के लिए कमर का घेरा (Waist Circumference) बीएमआई की तुलना में ज्यादा बड़ा रिस्क मार्कर है, लेकिन महिलाओं में नहीं. बीएमआई शरीर के आकार का माप है, लेकिन फैट डिस्ट्रिब्यूशन के बारे में जानकारी नहीं देता है, जबकि कमर का घेरा पेट की चर्बी से ज्यादा नजदीक से जुड़ा एक प्रॉक्सी है.
कमर की चर्बी खतरनाक
डॉ. मिंग सन (Dr. Ming Sun), डॉ. जोसेफ फ्रिट्ज (Dr. Josef Fritz) और डॉ. तान्या स्टॉक्स (Dr. Tanja Stocks) द्वारा की गई स्टडी में कहा गया, "ये डिफरेंस अहम है क्योंकि आंत की चर्बी, जो पेट के अंगों के आसपास जमा होती है, ज्यादा मेटाबॉलिकली एक्टिव होती है और इंसुलिन रेजिस्टेंस, सूजन और एब्नॉर्मल फैट लेवल सहित प्रतिकूल स्वास्थ्य परिणामों में शामिल रही है." नतीजतन, एक जैसे बीएमआई वाले व्यक्तियों में फैट डिस्ट्रिब्यूशन में फर्क के कारण अलग-अलग कैंसर रिस्क हो सकते हैं.
कैसे की गई स्टडी?
स्टडी में 1981-2019 (61 फीसदी वस्तुनिष्ठ रूप से मापा गया, 39 फीसदी खुद रिपोर्ट किया गया, औसत आयु 51.4 वर्ष) से बीएमआई और डब्ल्यूसी आकलन के साथ स्वास्थ्य आकलन से गुजरने वाली विभिन्न स्वीडिश आबादी से एकत्र किए गए 339,190 व्यक्तियों के डेटा का विश्लेषण किया गया. कैंसर डायग्नोसिस स्वीडिश कैंसर रजिस्टर से हासिल किए गए थे.
ऑथर्स ने डब्ल्यूसी और बीएमआई के लिए मोटापे से रिलेटेड कैंसर से जुड़े सापेक्ष जोखिमों की गणना की, परिणामों को प्रभावित करने वाले कई फैक्टर्स को ध्यान में रखते हुए, जैसे कि उम्र, स्मोकिंग की आदतें और शिक्षा का स्तर, आय, बर्थ कंट्री और मैरिटल स्टेटस सहित सोशियो डेमोग्राफिक फैक्टर्स.
पुरुषों के लिए कमर मोटी होना ज्यादा खतरनाक
14 सालों के औसत फॉलो अप के दौरान, 18,185 स्थापित मोटापे से जुड़े कैंसर रिकॉर्ड किए गए. बीएमआई को ध्यान में रखने के बाद, पुरुषों में मोटापे से जुड़े कैंसर के लिए हाई वेस्ट सर्कमफेरेंस अभी भी एक रिस्क फैक्टर बना रहा. ये सुझाव देता है कि पेट की चर्बी से जुड़ा बढ़ा हुआ रिस्क स्पेसिफिक है, और हाई बॉडी साइज के जरिए समझाया नहीं गया है, जैसा कि बीएमआई द्वारा मापा जाता है. महिलाओं में, ये जुड़ाव कमजोर थे और वेस्ट सर्कमफेरेंस और बीएमआई दोनों के लिए एक जैसे थे.
नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट (National Cancer Institute) के जर्नल में लेखकों ने कहा, "एक संभावित एक्सप्लानेशंस ये है कि पुरुषों में आंत की चर्बी जमा होने की संभावना ज्यादा होती है, जबकि महिलाएं आम तौर पर ज्यादा स्किन के नीचे और पेरिफेरल फैट जमा करती हैं."
उन्होंने कहा कि रिस्क मॉडल में कूल्हे के घेरे को शामिल करने से इस जेंडर डिफरेंस के बारे में और जानकारी मिल सकती है और वेस्ट सर्कमफेरेंस और कैंसर के बीच रिश्ता बढ़ सकता है, खासकर महिलाओं के लिए.
(इनपुट-आईएएनएस)
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.